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मोदी सरकार ने अपने पहले टर्म में व्यापारियों की सुविधाओं के लिए कई तरह के प्रोग्राम बदलाव शुरू किए. इसमें एक राज्य से दूसरे राज्य माल भेजने संबंधी यानी की इंपोट और एक्सपोर्ट के लिए भी कई तरह की सुविधाएं दी गईं. इनमें से ही एक है E way bill की सुविधा.

दरअसल, जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य (transport from state to state) में माल भेजने की जरूरत पड़ती है. इस माल को भेजने के लिए उन्हें ई वे बिल (e way bill) की जरूरत पड़ती है. भारत में साल 2018 से इसे लागू किया गया जिसकी मदद से एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने में आसानी हो इसके अलावा एक ही राज्य के अंदर माल भेजने के लिए भी इसे लागू किया गया है.

ई वे बिल (e way bill) क्या होता है? (what is e way bill?)

ई वे बिल (e way bill) एक तरह का electronic bill है जो एक computer generated बिल होता है. ये बिल GST system पर भी बनाना होता है और online दर्ज करना होता है. दरअसल पहले एक जगह से दूसरी जगह माल भेजने के लिए रसीद (goods receipt) के रूप में हाथ से लिखकर बिल दिया जाता था लेकिन अब computer generated bill दिया जाता है जिसे GST portal पर भी upload किया जाता है. इसे ही ई वे बिल कहते हैं.

ई वे बिल कब जरूरी होता है? (e way bill rules)

अगर कोई व्यापारी या बिजनेस करने वाला व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह 50 हजार से ज्यादा का माल भेज रहा है तो उसे ई वे बिल बनाना (e way bill generate) जरूरी है. इसके अलावा इस बिल को GST पोर्टल (GST portal) पर अपलोड करना भी जरूरी है. अगर माल 50 हजार से कम का है तो ई वे बिल बनाना जरूरी नहीं है.

ई वे बिल (e way bill) कौन बनाएगा? (e way bill registration)

ई वे बिल (e way bill) वो व्यक्ति बनाएगा जो माल भेज रहा है. उसे ही computer generated bill बनाना होगा और GST Portal पर उसकी जानकारी upload करना होगी. अगर 50 हजार से ज्यादा का माल किसी ट्रांसपोर्ट से जा रहा है और जो व्यक्ति माल भेज रहा है उसने ई वे बिल नहीं बनाया है तो फिर इसे transport company बना सकती है.

ई वे बिल (e way bill) को जीएसटी पोर्टल पर कैसे बनाए? (gst e way bill)

ई वे बिल को कम्प्युटर पर बनाने के बाद आपको GST portal पर भी बनाना होता है. इसके लिए आपको जीएसटी पोर्टल पर GST INS 1 नाम से form मिलेगा. इस फॉर्म के दो भाग होते है. पहले भाग में आपको अपने माल के बारे में जानकारी देना होती है और दूसरे में सप्लायर या फिर उस व्यक्ति की जानकारी जो माल भेज रहा है देना होती है.

ई वे बिल (e way bill) कब तक मान्य होते है? (e way bill validity)

ई वे बिल दूरी के हिसाब से अलग-अलग समय के लिए मान्य होते है.

– 100 किमी दूरी के लिए 1 दिन
– 100-300 किमी के लिए 3 दिन
– 300-500 किमी के लिए 10 दिन
– 1000 किमी से अधिक दूरी के लिए 15 दिन
– किसी राज्य के अंदर 10 किमी के दायरे में माल भेजने के लिए ई वे बिल बनाना जरूरी नहीं होता है.
– अगर ई वे बिल की वैधता समाप्त हो जाती है तो फिर से ई वे बिल बनाना पड़ता है.

किन सामान का ई वे बिल (e way bill) नहीं बनता? (without e way bill products)

सरकार ने कई सारे सामान को ई वे बिल के दायरे से बाहर रखा है. जानकारी के मुताबिक इनमें स्टांप पेपर, पूजा सामग्री, LPG, केरोसिन, करेंसी, न्यूज़ पेपर, ज्वेलरी, खादी आदि सामाग्री को ई वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है चाहे ये 50 हजार से ज्यादा के हो.

ई वे बिल (e way bill) बनाने से क्या फायदा होगा? (benefit of e way bill)

ई वे बिल बनाने के कारण सरकार को आसानी से टैक्स मिल जाता है. सरकार को ये जानकारी हो जाती है की आप कितना माल भेज रहे है उस पर आपसे टैक्स वसूल लिया जाता है. इस टैक्स को देश के विकास में लगाया जाता है जिससे की व्यापारियों को व्यापार करने और ट्रांसपोर्ट में आसानी हो.

ई वे बिल बनाने से सारी जानकारी ऑनलाइन सरकार के पास भी जाती है जिससे रास्ते में अगर उस माल को टैक्स डिपार्टमेंट के लोग चेक करें तो वे verify कर पाएँ. इससे टैक्स चोरी भी रुकेगी और आपको सहूलियत भी रहेगी. इसके अलावा सारी जानकारी ऑनलाइन हो जाने से ई वे बिल को चोरी हो जाने या नष्ट हो जाने जैसी समस्या भी नहीं रहती.

ई वे बिल क्या होता है और ये क्यों जरूरी होता है अब तो आप जान गए होंगे. ई वे बिल देश से टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक अच्छा कदम है. ई वे बिल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर करने के भी काम आ रहा है. कुल मिलकर कहे तो ई वे बिल व्यापारी वर्ग के फायदे के लिए ही बनाया गया है.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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