Wed. May 1st, 2024

Income Tax Saving Formula: इनकम टैक्स की वजह से कट गई आपकी सैलरी, तो ये स्टेप अपनाकर पाएं वापस

Income Tax Saving Formula: अगर आपकी सैलरी फरवरी महीने में कटी है और मार्च में भी कटेगी. अब आप भी सोच रहे होंगे कि इसे कैसे बचाएं या वापस पाएं.क्योंकि आपकी सैलरी इनकम टैक्स के कारण कट गई है. आप चाहें तो टैक्स बचाने के लिए अभी भी कदम उठा सकते हैं, आपके पास 31 मार्च तक का समय है.

दरअसल, पुरानी कर व्यवस्था के तहत करदाताओं को निवेश विवरण प्रदान करके कर छूट मिल सकती थी, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में इनकम टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए सिर्फ 31 मार्च तक का ही समय है. आइए जानते हैं कि अगर इनकम टैक्स की वजह से आपकी सैलरी कट गई है तो उसे वापस कैसे पाए…

सबसे पहले कर्मचारी को अपने निवेश की जानकारी यानी निवेश प्रमाण और एचआरए विवरण अपनी कंपनी को प्रदान करना होगा, जहां वह काम कर रहा है. अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों से जनवरी से फरवरी के अंत तक निवेश का प्रमाण जमा करने के लिए कहती हैं, ताकि सत्यापन के बाद इसे आयकर विभाग में जमा किया जा सके.

31 मार्च तक ऑफर

देश में ज्यादातर लोग आखिरी तीन महीनों यानी जनवरी, फरवरी और मार्च में टैक्स बचाने के लिए कदम उठाते हैं. मार्च के आखिरी हफ्ते में ज्यादातर लोग टैक्स बचाते हैं. अगर आपके संस्थान में निवेश का प्रमाण जमा करने की आखिरी तारीख भी फरवरी तक थी, तो ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि जब टैक्स बचाने के लिए निवेश की समय सीमा 31 मार्च है, तो कंपनियां इतनी पहले से ब्योरा क्यों जुटाती हैं?

गौरतलब है कि आयकर नियमों के मुताबिक अगर आपने अपने संस्थान जहां आप काम करते हैं, वहां वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निवेश का प्रमाण जमा कर दिया है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. 31 मार्च तक निवेश कर आप टैक्स छूट पा सकते हैं. इसके लिए बहुत ही सरल उपाय हैं.

ITR में 31 मार्च तक के निवेश का करें जिक्र

नियमों के मुताबिक अगर आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स छूट का लाभ लेना चाहते हैं तो बिना किसी चिंता के 31 मार्च तक निवेश कर इसका लाभ उठा सकते हैं. अगर आपने जहां काम करते हैं वहां आयकर संबंधी निवेश प्रमाण और एचआरए दस्तावेज जमा कर दिए हैं, तो भी आप 31 मार्च तक निवेश करके और 31 जुलाई से पहले आईटीआर दाखिल करके पूरी छूट प्राप्त कर सकते हैं. जिसमें आप एचआरए समेत सभी निवेश दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जो आयकर नियमों के तहत स्वीकार्य है.

यानी आप 31 मार्च तक लाइफ इंश्योरेंस, पीपीएफ, एनपीएस और मेडिकल इंश्योरेंस खरीद सकते हैं और टेंशन फ्री होकर इस दस्तावेज के आधार पर 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल और क्लेम कर सकते हैं. इतना ही नहीं, अगर फरवरी और मार्च महीने में टैक्स के कारण आपकी सैलरी कट गई है तो क्लेम करते ही वह रकम भी रिफंड कर दी जाएगी. इसलिए इसके लिए 31 मार्च को डेडलाइन मानें.

टैक्स का पैसा कैसे बचाएं?

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश करके आप अपनी कर योग्य आय से 1,50,000 रुपये तक की कटौती कर सकते हैं. इसमें जीवन बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम, बच्चों की स्कूल ट्यूशन फीस, पीपीएफ के तहत भुगतान की गई मूल राशि, केवीपी, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी होम लोन जैसी रकम शामिल हैं.

एनपीएस में निवेश पर 50 हजार अतिरिक्त फायदा

इसके अलावा आप एनपीएस में निवेश कर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त फायदा पा सकते हैं. आप मेडिकल इंश्योरेंस खरीदकर भी टैक्स में राहत पा सकते हैं. नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. सेक्शन 80CCD (1B) के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये और अतिरिक्त 50 हजार रुपये का निवेश किया जा सकता है. एनपीएस में निवेश कर आप 2 लाख रुपये की टैक्स छूट पा सकते हैं.

क्या आयकर काटा जाता है?

म्यूचुअल फंड में पैसा लगाकर आप टैक्स छूट भी पा सकते हैं. इसके लिए आपको इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करना होगा, जो एक प्रकार का इक्विटी फंड है. इससे आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है. ईएलएसएस में प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक के रिटर्न/मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं है. ईएलएसएस में सबसे कम 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है जो सभी टैक्स बचत निवेश विकल्पों में सबसे अच्छी है. इसके अलावा आप टैक्स सेविंग एफडी और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) खरीदकर भी टैक्स बचा सकते हैं.

स्वास्थ्य बीमा

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत, आप अपने, अपने जीवनसाथी और बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने पर 25,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि आप अपने माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदते हैं तो आप 50,000 रुपये की अतिरिक्त राशि बचा सकते हैं.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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