Juice Benefits: शरीर से पसीने के रूप में नमक और आवश्यक खनिज निकल जाते हैं जिसके कारण शरीर बहुत सारी ऊर्जा खो देता है. फलों एवं सब्जियों का जूस पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन तथा खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं इसलिए जूस न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है, बल्कि शरीर को विभिन्न रोगों से भी बचाता है. ताजा जूस पीने और कच्ची सब्जियां खाने से शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी को काफी जल्दी पूरी किया जा सकता है. ये फल और सब्जियां मानव शरीर में 3 प्रमुख भूमिकाएं अदा करती हैं:
- पौष्टिक प्रभाव
- सुरक्षात्मक प्रभाव
- उपचारात्मक प्रभाव.
पौष्टिक प्रभाव
फलों एवं सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट्स काफी मात्रा में होते हैं, जो मानव शरीर को जीवित रहने और अन्य कामकाज करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं. इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन भी होते हैं, इसलिए वे चयापचय को भी नियंत्रित रखते हैं और वसा एवं कार्बोहाइड्रेट्स को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करते हैं. जूस दरअसल खनिज और सूक्ष्म तत्वों से भरपूर होता है जो नसों एवं मांसपेशियों के कामकाज के लिए जरूरी होता है.
सुरक्षात्मक प्रभाव
यदि हम फलों और सब्जियों के जूस के सुरक्षात्मक प्रभावों की ओर ध्यान दें तो हम देखेंगे कि जूस में ढेरों लाभ मौजूद हैं. स्टार्टर्स के लिए इसमें हजारों की संख्या में ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को कैंसर और हृदय रोग जैसे गंभीर रोगों से बचाते हैं. फलों और सब्जियों के जूस में एंटीआक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जैसे बेटा-केरोटिन, विटामिन सी, ई और सेलेनियम. ये ऐसे पोषक तत्व हैं, जो फ्री रेडिकल्स से मेम्बरेन यानी कोशिका झिल्ली को बचाते हैं. जूस शरीर से पुरानी और मृत कोशिकाओं को बाहर कर देता है और शरीर में जमा होने वाले लवणीय तत्वों को घुलने में मदद करता है. साथ ही यह लिवर और गुर्दों में मौजूद पथरी को भी घुलने में मदद करता है.
उपचारात्मक प्रभाव
फलों और सब्जियों के जूस को उनके उपचारात्मक गुणों के लिए भी जाना जाता है. जैसे चुकंदर और गाजर का जूस लसिका प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है. यह प्रणाली शरीर को संक्रमण से बचाती है और अनीमिया यानी रक्त की कमी से निबटने में भी मदद करती है. पालक और खीरे का जूस त्वचा, बालों और नाखूनों के लिए फायदेमंद है. फलों तथा सब्जियों का जूस भोजन के सही अर्थों में पूरक है और विटामिन की गोलियों में मौजूद पोषक तत्वों से कई गुना प्रभावशाली होता है. जूस पूर्णतः फायदेमंद होता है. गर्मी, धूल तथा अस्वास्थ्यकर स्थितियों में उसमें खुले रखे नमक, गंदे गिलासों और बर्फ का इस्तेमाल होता है. इसलिए इस्तेमाल से पहले कुछ एहतियाती कदम जरूर उठाए जाने चाहिए.
इस जूस पीने होती है बीमारियां
खोमचे वालों के पास बिकने वाले जूस को पीने के कारण मियादी बुखार, हैजा, हेपेटाइटिस तथा आंत्राशोथ के हजारों मामले आते हैं. प्रशासन इन खोमचे वालों, पानी की ट्रालियों तथा ठेलों आदि पर लगातार नजर रखता है, फिर भी हर साल गंदे पानी से होने वाली बीमारियों का लगातार होना बदस्तूर जारी है.
ये माना जाता है जूस अधिक उपयुक्त
ऐसी स्थिति में सीलबंद जूस या कार्टन में मिलने वाला जूस अधिक उपयुक्त माना जाता है क्योंकि वह न सिर्फ साफ सुथरा और पौष्टिक होता है बल्कि आसानी से उपलब्ध भी होता है. यदि सीलबंद जूस की सील न खोली जाए तो इसे सामान्य तापमान में 4 महीनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. वैसे बाजार के जूस में पौष्टिकता और विटामिन कम होते हैं और चीनी अधिक. जहां तक संभव हो, घर में ही जूस निकाल कर उसका सेवन करना चाहिए. यदि इसे कुछ समय तक रख दिया गया तो यह खराब हो सकता है और बीमारी का कारण बन सकता है. शरीर में अधिक कमजोरी होने पर और ताजा जूस उपलब्ध न होने पर डिब्बा बंद जूस का सेवन किया जा सकता है किन्तु बाजारी जूस से यथा संभव बचना ही चाहिए.