विवाह के लिए पहला कदम होता है जीवनसाथी की तलाश करना. अगर जीवन साथी मिल जाता है तो अगला स्टेप विवाह की तारीख पक्की होना होता है. उसके बाद जो सबसे मुश्किल कार्य है, वह है विवाह की योजना बनाना. शादी तय हो जाने के बाद शादी की तैयारी में पूरा परिवार जुट जाता है लेकिन फिर भी अंत में कुछ न कुछ काम रह जाता है और खड़ी हो जाती है मानसिक परेशानी. ऐसे में अगर कोई मैरिज प्लानर मिल जाए तो रास्ता बहुत आसान हो जाता है पर मैरिज प्लानर का खर्च वहन करना सबके बस में नहीं होता. ऐसे में अपने परिवार के लोग मिल जुलकर जिम्मेदारी बांट कर काम करें तो उतना कठिन भी नहीं होता. परिवार के सदस्यों को उनके शौक और उनकी क्षमतानुसार काम बांट कर चलना ही लाभकारी होता है.
सबसे पहले अपना बजट तय करें. फिर उस बजट में जरूरी चीजों को शामिल करें जो आपने खरीदनी हैं, मसलन लड़के की शादी पर लड़की के कपड़े, आभूषण, लड़की के बहन भाई के कपड़े, कॉस्मेटिक्स, जूते चप्पल, पर्स आदि. इसी प्रकार लड़की की शादी के लिए लड़की के कपड़े, लड़के के कपड़े, लड़के के परिवार के लिए कपड़े आभूषण आदि. दहेज में क्या सामान देना है, उन आइटम्स पर कितना खर्च करना है. साथ-साथ काम की लिस्ट बनाते जाएं. वैन्यू का फैसला भी जल्दी कर लें.
वेन्यू घर से अधिक दूर न हो. प्रयास कर बैंक्वेट या कोई वाटिका या होटल वहीं बुक करवाएं जहां आपने पहले दो चार बार फंक्शन अटैंड किए हों और वहां की सर्विस के बारे में आप जानते होंगे. वाटिका आदि में अपना केटरर कर सकते हैं. बैंक्वट और होटल में तो उनकी कैटरिंग होती है.
मंडप, घर और अन्य स्थान को सजाने के लिए क्या सजावट करनी है, उसकी बुकिंग भी समय पर करवा लें. मेहमानों की सूची तैयार कर लें ताकि कार्डों की व्यवस्था उस अनुसार कर सकें. बाहर से आने वाले अतिथियों के रहने की व्यवस्था भी समय पर करवा लें.
फोटोग्राफर को जिन संस्कार विधियों में बुलाना है, उसे भी पहले बुक कर लें क्योंकि उन लम्हों को कैद कर रख सकें जिन्हें आप कैद करना चाहते हैं. शादी, सगाई, मेंहदी की रात का जोड़ा वधू पर खिलने वाले रंगों का तैयार करवा लें. उस दिन पहनने वाली आर्टिफिशयल ज्वैलरी या तो बुक करवाएं या फिर अपनी खरीद सकते हैं तो खरीद लें.
समय पर कार्ड कुरियर द्वारा भिजवा कर टेलीफोन से सूचना दे दें. चाहे तो अपना दावतनामा ईमेल द्वारा भी भेज सकते हैं और उन्हें कहें कि अपने आने की सूचना वे आपको समय पर दे दें. वर वधू अपनी छुट्टी इस हिसाब से सेंक्शन करवाएं कि हनीमून के बाद भी दो चार दिन घर के सदस्यों के साथ बिता सकें. हनीमून की टिकट, होटल में रहने की व्यवस्था टूर एंड ट्रैवल एजेंसी से करवा लें ताकि आपको साइट सीइंग के लिए परेशानी न उठानी पड़े.
अगर आप विवाह की रात से पहले ड्रिंक पार्टी का आयोजन करना चाहते हैं तो हार्ड ड्रिंक्स की व्यवस्था पहले से कर लें. उसमें बीयर, व्हिस्की, जिन, सोडा आदि की व्यवस्था करें. जो स्नैक्स सर्व होने हैं, उसकी सूची भी बना लें. हर शादी पर गीत संगीत का धमाल तो अवश्य होता है. इसके बिना कोई शादी नहीं होती. इसके लिए अपने बहन-भाई, कजंस और अपने फ्रेंडस के साथ पसंद के गानों की लिस्ट तैयार कर एक सीडी तैयार कर लें या आप एम पी 3 प्लेयर या आईपॉड पर अपनी पसंद की व्यक्तिगत प्लेलिस्ट तैयार कर लें. फिर उन्हें आप एक सीडी में रिकार्ड करके रख लें. शादी से दो चार दिन पूर्व उन्हीं गानों से घर में डांस के साथ धमाल मचाएं. अगर परिवार वाले पंडित द्वारा मुहूर्त निकलवाने में विश्वास नहीं करते तो आप शादी ऑफ सीजन में कर सकते हैं. आपको कैटरिंग से लेकर हर चीज सस्ती मिलेगी.शादी के अवसर पर तैयार होने के लिए प्री ब्राइडल और ब्राइडल मेकअप हेतु पहले ही ब्यूटी पार्लर बुक कर लें ताकि आखिरी समय में इस भागदौड़ से बचा जा सके.
वर-वधू के वस्त्र अधिकतर रेडिमेड लें. अगर सिलवाने हों तो टेलर को विवाह की तिथि एक माह पहले की बताएं ताकि सभी ड्रेसेज समय पर तैयार रहें. सुहागरात यदि घर, होटल या हनीमून पर मनानी है तो उसकी तैयारी उसी ढंग से करें. घर के एक कमरे को विशेष रूप से तैयार करवाएं या होटल की बुकिंग पहले करवा लें.
विवाह पर देने वाली मिठाई जो कार्ड के साथ नहीं बांटी गई, गणना कर 8-10 डिब्बे एक्स्ट्रा लेकर किसी ऐसे रिश्तेदार की डयूटी लगाएं जो आपके दोनों तरफ के नजदीकी परिवार वालों को जानता हो. उसकी लिस्ट तैयार कर उसे दे दें. पैसों के शगुन के लिफाफे माता-पिता या तो स्वयं रखें या घर के किसी जिम्मेदार व्यक्ति को डयूटी दें जो ठीक से हिसाब नोट कर सकें.