Tue. Mar 19th, 2024

इंसान आज ऐसे दौर में जी रहा है जहां उसे कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. कुछ इंसान की बुरी आदतों के कारण हो जाती है तो कुछ बढ़ती उम्र के साथ हो जाती है. बढ़ती उम्र के साथ होने वाली बीमारियाँ कई बार घातक होती है और ऐसी ही एक घातक बीमारी है ‘पार्किन्संस रोग’ (Parkinson’s disease). पार्किन्संस एक ऐसी बीमारी है जो बढ़ती उम्र के साथ आती है और इसकी वजह हमारी कुछ बुरी आदतें होती है.

पार्किन्संस रोग क्या है? (What is Parkinson’s disease?)

कई बार बिना वजह के शरीर में कपकापाहट और झटके महसूस होते हैं या झटके शरीर के अलावा नसों में भी महसूस होते हैं. कई लोग समझते हैं की ये शारीरिक कमजोरी के कारण हो रहा है और उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं इलाज नहीं करवाते लेकिन ये आगे चलकर और दिक्कत देती है और समय के साथ-साथ झटके बढ़ते जाते हैं. इसे ही पार्किन्संस रोग कहते हैं.

पार्किन्संस रोग के लक्षण (Parkinson disease symptoms)

पार्किन्संस रोग के कई लक्षण है और ये शुरवात में बहुत ही सामान्य लगते हैं व्यक्ति को पता भी नहीं चलता की उसके अंदर इतनी खतरनाक बीमारी पनप रही है. इसके कुछ लक्षण है जिन्हें आपको जानना चाहिए. ताकि पार्किन्संस की समय पर रोकथाम हो सके.

– अगर कोई व्यक्ति आराम की स्थिति में बैठा है तो उसके हाथ पैरों का कांपना.
– अगर कोई व्यक्ति चल रहा है तो अचानक से उसे झटका लगना जिसके कारण उसका संतुलन बिगड़ जाता है और वो गिर जाता है.
– व्यक्ति की आवाज अचानक से धीमी हो जाती है, आवाज कंपकंपाने, लडख़ड़ाने, हकलाने लगे.
– व्यक्ति का अपनी बॉडी पर कंट्रोल ना कर पाना. जैसे वो हँसना चाहता है तो हंस नहीं पाता.
– पार्किन्संस के कारण रोगी को खाने-पीने की चीजों को निगलने में भी परेशानी होती है.
– कई बार इंसान की आंखें चौड़ी हो जाती हैं मानो इंसान किसी को घूर रहा हो या चेहरा पूरी तरह भावशून्य हो जाता है.

पार्किन्संस रोग क्यों होता है? (Parkinson disease causes)

पार्किन्संस रोग होने के पीछे कुछ प्रमुख कारण है जो आपके शरीर में होने वाले बदलाव और आपकी बुरी आदतों से जुड़े हैं. डोपामाइन का उत्पादन करती हैं. डोपामाइन से गति को नियंत्रित किया जाता है.

पार्किन्संस रोग का कारण युवाओं में बढ़ता टेंशन, सिगरेट और शराब की लत भी है. इन सभी बुरी आदतों के कारण भी मस्तिष्क प्रभावित होता है जिसके कारण पार्किन्संस रोग होने का खतरा रहता है.

पार्किन्संस रोग अधिकतर 60 की उम्र में देखा गया है लेकिन इसकी शुरुवात 40 साल की उम्र या उससे पहले भी हो सकती है. हर एक लाख लोगों में 247 को होता है.

कितना खतरनाक है पार्किन्संस रोग? (Effects of Parkinson’s disease)

पार्किन्संस रोग सीधे आपके दिमाग को प्रभावित करता है इसलिए इसे काफी खतरनाक माना जाता है. इसके होने पर रोगी अपने हाथ-पैरों पर कंट्रोल हमेशा के लिए खो सकता है. इसके कारण रोगी लकवे का शिकार भी हो सकता है फिर कोमा में भी जा सकता है.

पार्किन्संस रोग का इलाज क्या है? (Parkinson disease treatment)

बड़ी दुविधा की बात है की इसके हम लक्षण तो पहचान सकते हैं लेकिन इसका कोई इलाज नहीं है! हालांकि इसे कुछ उपचार द्वारा काफी हद तक कम किया जा सकता है. कई लोगों की स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें सर्जरी करवाने के लिए कहा जाता है. अगर कोई भी व्यक्ति इसके लक्षण को अपने शरीर में या फिर किसी और के शरीर में देखता है या महसूस करता है तो उसे तुरंत किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए. उनकी सलाह पर ही आप इसके लिए उपचार करवा सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ परिवर्तन करके जैसे व्यायाम, शारीरिक चिकित्सा के जरिये इसे नियंत्रित कर सकते हैं.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है. 

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *