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मुलायम सिंह यादव : तीन बार बने थे यूपी के मुख्यमंत्री, खुद की पार्टी बनाकर बनाई पहचान 

mulayam singh yadav

तीन बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. (Mulayam Singh Passed Away)  मुलायम सिंह यादव को ब्लड प्रेशर और यूरिन इन्फेक्शन की समस्या थी, इसके अलावा सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो रही थी, जिसके चलते उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया.  उनकी तबीयत बहुत नाजुक थी. 

मुलायम सिंह याद भारत की राजनीति के एक प्रमुख राजनेता थे. समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव की ही देन थी. वे तीन बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और यूपी के लोगों की पसंद बने रहे, उनके बाद उनके बेटे को भी यूपी के लोगों ने मुख्यमंत्री के पद पर चुना. 

मुलायम सिंह यादव जीवनी (Mulayam singh yadav biography) 

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ था. इनके पिता एक किसान थे. मुलायम सिंह यादव ने कर्म क्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज इटावा से बीए, एके कॉलेज से बीटी और आगरा यूनिवर्सिटी से एमए किया है.  

मुलायम सिंह यादव का परिवार (Family of mulayam singh yadav) 

मुलायम सिंह यादव ने दो बार शादी की है. इनकी पहली पत्नी मालती देवी थी, अखिलेश यादव को जन्म देते समय इनकी मृत्यु हो गई. मालती देवी के बाद मुलायम सिंह यादव का रिश्ता साधना गुप्ता के साथ रहा. इन दोनों का एक बेटा प्रतीक यादव है जिनकी पत्नी अपर्णा यादव हैं. अपर्णा ने साल 2022 में बीजेपी को जॉइन किया था.  

मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक करियर (Mulayam singh yadav political career) 

मुलायम सिंह यादव ने राम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे दिग्गज नेताओं से राजनीति सीखी. मुलायम पहली बार साल 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर से खड़े हुए और चुनाव जीते. इसके बाद ये यहाँ से 8 बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे. 

इस चुनाव के बाद साल 1998 में इन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला. समाजवादी पार्टी की ओर से इन्होंने मैनपुरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. तब से अभी तक ये 7 बार यहीं से लोकसभा चुनाव जीतते आए हैं.  

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री कैसे बने? (Mulayam singh yadav as a CM of UP) 

राजनीति में ये 1967 में आए थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने में काफी समय लगा. साल 1990 में जब वी पी सिंह की सरकार गिरी तो मुलायम सिंह यादव ने जनता दल को जॉइन किया और इन्हें कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल. 

लेकिन साल 1991 मएन कांग्रेस ने अपना सहयोग वापस ले लिया और मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई. फिर से चुनाव हुए तो मुलायम सिंह यादव BJP से हार गए.  

साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने नई पार्टी ‘समाजवादी पार्टी’ की स्थापना की. इसके बाद बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन किया. साल 1993 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो मुलायम सिंह यादव फिर से मुख्यमंत्री चुने गए और करीब दो सालों तक मुख्यमंत्री रहे. मुलायम सिंह यादव तीसरी बार साल 2004 में मुख्यमंत्री बने थे. 

मुलायम सिंह यादव साल 1966 में जब मैनपुरी से लोकसभा का चुनाव जीते थे तब इन्हें रक्षा मंत्री बनने का मौका भी मिला और ये केबिनेट मिनिस्टर बने थे. 

मुलायम सिंह याद का राजनैतिक सफर काफी लंबा रहा है. उत्तर प्रदेश के विकास में भी उनका काफी ज्यादा योगदान रहा है. राजनीति में उत्तरप्रदेश को बाजी पलटने वाला राज्य कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर देश की सबसे ज्यादा विधानसभा सीट हैं. 

ऐसे राज्य में 8 बार विधानसभा चुनाव जीतना, 7 बार लोकसभा चुनाव जीतना, एक बार केबिनेट मिनिस्टर बनना और तीन बार मुख्यमंत्री बनना. किसी भी राजनेता के लिए ये बहुत बड़ी बात है. उनके बाद समाजवादी पार्टी को अब अखिलेश यादव संभाल रहे हैं. अखिलेश यादव भी एक बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.   

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