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गुजरात चुनाव: मुश्किल है बीजेपी की 151 सीटें, किला ना जीत ले कांग्रेस..!

madhya pradesh assembly election 2018 मप्र चुनाव 2018 शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह
madhya pradesh assembly election 2018 मप्र चुनाव 2018 शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह
मीडिया खबरों के मुताबिक अमित शाह ने स्वीकार किया है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर है. (फोटो: BJP.org).
मीडिया खबरों के मुताबिक अमित शाह ने स्वीकार किया है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर है. (फोटो: BJP.org).

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही जीत के दावे कर रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि चूंकि भाजपा संसदीय चुनाव में गुजरात के सभी 26 सीटों पर जीती इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 150 से ज्यादा विधानसभा की सीटें मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी 2015 के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को जबरदस्त चुनौती और 109 विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय निकाय उम्मीदवार की जीत को लेकर 109 सीटें के आने का दावा कर रहे हैं. वे मानते हैं कि कई मामलों में घिरी भाजपा का नीचे जाता ग्राफ कांग्रेस को 115 से 120 सीटें जीता सकता है.

किसका दावा है सही
मीडिया खबरों की मानें तो अमित शाह यह मानते हैं कि गुजरात में सत्ता विरोधी लहर है, लेकिन वे 150 से ज्यादा सीटनें का दावा भी करते हैं. लेकिन कांग्रेस के तर्क में भी दम दिखता है. दरअसल, 2014 में बीजेपी जीती तो राज्य में उसकी ताकत कमजोर हुई है. नरेन्द्र मोदी पीएम बनकर दिल्ली चले गए और राज्य की कमान आनंदी बेन पटेल सीएम बनीं. मोदी ने उन पर भरोसा इसलिए दिखाया कि वे भी उन्हीं की तरह सख्त थीं और प्रभावशाली प्रशासन में विश्वास रखने वाली महिला थीं. लेकिन उन्हें थोड़े ही समय में बदल दिया गया और उनके स्थान पर विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया. इस बदलाव ने साबित किया कि गुजरात भाजपा के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

राहुल गांधी का फोकस ग्रामीण इलाकों पर है. कांग्रेस जमीन पर लोकप्रिय हुई है. (फोटो : inc.in).
राहुल गांधी का फोकस ग्रामीण इलाकों पर है. कांग्रेस जमीन पर लोकप्रिय हुई है. (फोटो : inc.in).

इसलिए राज्य में घिरी बीजेपी
इधर नेटबंदी, जीएसटी से भी बीजेपी वोटर दूर हो गए. पटेल आरक्षण से पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गया है, क्योंकि पटेल भाजपा के आधार वोटर माने जाते हैं.  बहरहाल, जमीनी मुद्दे चुनाव में भाजपा की मुसीबत बन सकते हैं. इस लिहाज से कांग्रेस के पास जीत का आधार दिखाई देता है, लेकिन सत्ता किसके पास होगी इसका फैसला जनता ही करेगी.

(इस लेख के विचार पूर्णत: निजी हैं. India-reviews.com इसमें उल्लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है. यहां प्रकाशित होने वाले लेख और प्रकाशित व प्रसारित अन्य सामग्री से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. आप भी अपने विचार या प्रतिक्रिया हमें editorindiareviews@gmail.com पर भेज सकते हैं.)

By गौतम चौधरी

वरिष्ठ पत्रकार

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