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पिछले कुछ समय में Real estate sector में काफी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. यह सेक्टर लगातार मंदी के दौर से गुजर रहा है और नोटबंदी के बाद तो यहां प्रॉपर्टी और फ्लैट्स की कीमतें लगातार कम हुई हैं. इधर रेरा यानी की Real Estate Regulation and Development Act, 2016 के लागू होने से इस सेक्टर में पारदर्शिता भी बढ़ी है. झंझट कम हुए हैं और एक सामान्य आदमी के घर खरीदने का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना के चलते आसान भी हुआ है.

हालांकि रियल स्टेट सेक्टर के में बदलावों के बीच प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया आज भी काफी काफी पेचिदा है. यदि आप इस क्षेत्र को ठीक से नहीं जानते हैं और पहली बार प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं या फ्लैट लेने जा रहे हैं तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे टेक्निकल शब्दों के बारे में जो रियल स्टेट सेक्टर में टर्म के रूप में इस्तेमाल होते हैं.

क्या होती है फ्री होल्ड प्रॉपर्टी (what is free hold property means in hind)

फ्री होल्ड प्रॉपर्टी के अंतर्गत बिना किसी शर्त के उस प्रॉपर्टी पर मालिक का ही अधिकार होता है. सभी स्थानो का मालिकाना हक पूर्ण रूप से प्रॉपर्टी के मालिक का होता है. 

एक नये खरीदार के लिए रीयल एस्टेट में लीज होल्ड और फ्री होल्ड को समझना बहुत जरूरी है.

यह प्रॉपर्टी के टाइटल से जुड़े होते हैं और एक तरह से प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के बारे में बताते हैं. एक तरह से लीज होल्ड और फ्री होल्ड टाइटल सभी प्रॉपर्टी पर लागू होते हैं, जैसे- प्लॉट, या उस पर बनी बिल्डिंग, डीडीए या अन्य अथॉरिटी के फ्लैट, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी फ्लैट, इंडिपेंडेंट फ्लोर.

क्या होता है लीज एग्रीमेंट (know abut lease agreement)

लीज एग्रीमेंट मे प्रॉपर्टी मे एक तरह का अनुबंध (Contract) होता है, जो किसी निश्चित समय के लिए किया जाता है, जिसमेंं मालिक और लीज पर प्रॉपर्टी लेने वाले व्यक्ति के बीच एक अनुबंध किया जाता है. उनके अनुबंध की शर्तें उस समय तक नहीं बदल सकती हैं, जब तक लीज की समय-सीमा समाप्त नहीं हो जाती. इस परिस्थिति मे आपको ज्ञात होना चाहिए कि आप जो प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, वह पूर्ण रूप से फ्री होल्ड है या फिर किसी तरह की लीज पर.

जानें क्या होता है सुपरबिल्टप एरिया (what is super built up area)

सुपर बिल्टअप एरिया मे बिल्टअप एवं कारपेट एरिया के अलावा कॉमन एरिया भी पूर्ण रूप से शामिल होता है. जैसे सीढ़ियां, गार्डन, लिफ्ट,लॉबी, पार्किंग के अलावा फुटपाथ समेत वह सभी एरिया जो फ्लैट में रहने वाले इस्तेमाल करते हैं. इन्हें ठीक से समझ कर आप घर के भीतर एवं बाहर के सम्पूर्ण जगह का सही व सटीक आकलन कर सकते हैं.

प्रति वर्ग फुट रेट और प्रॉपर्टी एग्रीमेंट (flat purchase agreement and property rate per square feet) 

एग्रीमेंट रियल स्टेट सेक्टर की सबसे अहम चीज है. यह बिल्डर और खरीदार के बीच होता है. इसमें फ्लैट का लोड, फ्लैट नंबर, ब्‍लॉक, बिल्टअप एरिया, भुगतान की तारीख, पजेशन की संभावित तारीख और प्रॉपर्टी की कीमत से जुड़ी सारी जानकारियों को लिखित में खरीदार को बताया जाता है.

इस दस्तावेज में सभी शर्तों को अच्छे से पढ़कर और जानकारियां लेकर ही इस पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए. आमतौर पर डेवलपर्स प्रॉपर्टी को बेचने से पूर्व सुपर बिल्टअप एरिया के आधार पर उसकी कीमत निश्चय करते हैं. जब भी आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो उसकी कीमत सुपर बिल्टअप एरिया के आधार पर ही देते हैं. हालांकि रेरा आने के बाद इसमें बदलाव हुआ है. 

Regulation and Development Act, 2016 से बढ़ी आसानी (what is regulation and development act)

जैसा की पहले कहा रेरा यानी की Regulation and Development Act, 2016 के आने के बाद घर खरीदना आसान हुए हैंं. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि आप इस एक्ट में दी गई सारी चीजों को ठीक से समझें. Built up area पर घर की बिक्री सुनिश्चित होती है.

(नोट: प्रॉपर्टी खरीदते समय बेहतर होगा कि आप प्रॉपर्टी डीलर या रियल स्टेट एक्सपर्ट की सलाह लें. प्रॉपर्टी में निवेश सोच-समझकर और बिल्डर के बारे में ठीक से जानकारी लेकर ही करें. यह जोखिम भरा हो सकता है. बेहतर है कि आप किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार सलाह जरूर लें.)

विभू गोयल मुंबई में रहते हैं और certified financial planner हैं और शेयर मार्केट के एक्सपर्ट हैं. वे पिछले 15 सालों से निवेशकों को सलाह दे रहे हैं.

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