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Amla benefits in Hindi: आंवले के फायदे और नुकसान, कैसे कितनी मात्रा में करें आंवले का सेवन?

आंवला का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए. (फोटो: Pixabay)आंवला का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए. (फोटो: Pixabay)

आंवल विटामिन सी का (Indian gooseberry vitamin-c) सबसे शानदार स्रोत है और जाहिर जिस फल या मेवे में विटामिन सी होता है वह मनुष्य के शरीर के लिए एक जबरदस्त चीज होती है क्योंकि विटामिन सी शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसकी जानकारी आप डॉक्टर से लें. ऐसे में आंवला वाकई कमाल है और यदि आपके घर में बड़े बुजुर्ग हों तो उनसे एक बार जरूर पूछिएगा आंवला का क्या जादू है और कैसे यह शरीर के लिए चमत्कारिक रूप से फायदेमंद है. 

बहरहाल आंवला मूलतः एक जंगली फल है मगर यह सर्वत्र आसानी से उपलब्ध हो जाता है. आंवला सस्ता एवं गुणकारी फल है. इसे स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य माना जाता है. इसे धात्रीफल, अमृतफल, श्रीफल, शिव, तुष्णा, अमृता जैसे कई नामों से जाना जाता है.

आंवला एक तरह से गुणों की खान है. आयुर्वेद में इस फल को दुनिया की बेहतरीन औषधि माना है. बता दें कि इस छोटे किंतु गुणों में भरे विशाल फल में अनेक रोगों की चिकित्सा करने की अचूक ताकत है. आंवला की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका प्रयोग च्यवनप्राश, अचार, मुरब्बा, शर्बत, चूर्ण एवं त्रिफला के रूप में बहुतायत से किया जाता है.

आंवले के गुण और लाभ (Benifits of eating amla)

आंवला ना केवल शक्तिवर्धक औषधि के रूप में प्रयोग होता है लेकिन यह कई बीमारियों का अचूक इलाज भी है. चरक संहिता के अनुसार आंवले की तासीर ठण्डी है और यह कफ प्रधान फल है. लेकिन कमाल है कि  इसका प्रयोग खांसी, जुकाम, श्वांस, अरुचि, बवासीर, साइटिका, दर्द, सूजन, रक्तपित्त, हृदयरोग, मूत्राविकार, नेत्रारोग, उदर, प्रदर, शारीरिक दुर्बलता, बाल झड़ना, जैसी कई तरह की बीमारियों में प्रमुख रूप से किया जाता है.

आंवला पाचक, पुष्टिकारक, आयुवर्धक, स्मरण शक्तिवर्धक, बुद्धिवर्धक, इन्द्रियों को बल प्रदान करने वाला तथा सभी रोगों को शांत करने वाला उत्तम रसायन है. कोरोना काल में आंवला इम्यूटी बढ़ाने के लिए भी प्रयोग होता है. यही नहीं आंवला शरीर में किसी भी तरह की  कमजोरी दूर करने के लिए किया जाता है. 

आंवले के फायदे

चूंकि आंवला एक तरह से अमृत के समान माना गया है लिहाजा इसके एक नहीं बल्कि कई तरह के फायदे हैं.

  • आंवला शक्तिदायक एवं रक्त शीतकारक होता है.
    यह अस्थियों को मजबूती प्रदान करता है.
    नाड़ी स्तम्भन के लिए तो यह अत्यंत उपयोगी खाद्य पदार्थ है.
    लोहे के बर्तन में पके आंवले की सब्जी का सेवन शरीर में रक्त की कमी की दशा में बहुत लाभदायक साबित हुआ है.
  • च्यवनप्राश और ब्रह्मरसायन आयुर्वेद की जानी-पहचानी औषधि हैं जिन्हें सामान्य लोग पौष्टिक, बल-बुद्धिवर्धक, मानकर सेवन किया करते हैं. इनमें आंवला मुख्य घटक होता है.
  • आंवले का प्रयोग आमलकापलेह, आमलकघृत, आमलक रसायन के रूप में भी होता है. पाचन-शक्ति के कमजोर होने पर उत्पन्न बुखार में सूखे आंवले, चित्रामूल और सेंधा नमक का 2 अनुपात) की मात्रा में तैयार मिश्रण का हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से पर्याप्त लाभ पहुंचता है.

कई बीमारियों को दूर करता है आंवला

आंवला जहां गुणकारी है और कई बीमारियों के इलाज में सहायक है. अलग-अलग बीमारियों के लिए आंवला का प्रयोग एक निश्चित मात्रा और मिश्रण के साथ किया जाता है. लेकिन इसका सेवन बहुत सोच-समझकर और डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए.

महिलाओं को यदि श्वेतप्रदर यानी की सफेद पानी, व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या हो तो  आंवले का चूर्ण तीन ग्राम की मात्रा को सुबह-शाम शहद के साथ मिलाकर लेने से फायदा होता है. इसे एक माह तक नित्य लेना होता है. श्वेतप्रदर से पीडि़त महिलाओं को आंवले के चूरण से अत्यन्त लाभ होता है. सूखी खांसी होने पर तथा खांसी के साथ खून आने पर दो ग्राम आंवले के चूर्ण को गर्म दूध के साथ पीते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त पेट की गर्मी में भी आंवला लाभदायक है. 

पेशाब में जलन होने या पेशाब रुक-रुककर आने पर आंवले के चूर्ण में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम जल के साथ लेने पर या आंवले का रस निकालकर उसमें बराबर मात्रा में शहद एवं मिश्री मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए. आंवले के चूर्ण के साथ शहद मिलाकर चाटने से बैठा गला खुल जाता है और गले की अन्य तकलीफें भी दूर हो जाती हैं.

सर्दी खांसी में आंवला (Amla is effective in many diseases)

आंवला घरेलू नुस्खों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख औषधि है. आयुर्वेदाचार्य खांसी-जुकाम और श्वांस के रोगियों के गले में तथा छाती में कफ जम जाता है तो आंवले का सेवन करने की सलाह देते हैं. इस स्थिति में आंवले के चूर्ण के साथ मुलहठी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर लेते  रहने से तथा ऊपर से गर्म पानी पी लेने से कफ सहज रूप में निकलने लगता है.

आंवले के चूर्ण के फायदे, कैसे करें इस्तेमाल 

  • आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से आंव की शिकायत दूर हो जाती है.
  • शहद की जगह अगर मट्ठे का प्रयोग पेचिश, खूनी पेचिश, रक्तस्राव, कब्ज अथवा रक्ताल्पता में लाभ पहुंचता है.   
  • नाक से बहने वाले खून (नकसीर) की स्थिति में आंवले के रस में मिश्री मिलाकर पिलाना अथवा आंवले को बारीक
  • पीसकर (चटनी की तरह) गाय या बकरी के दूध में मिलाकर सिर पर लेप करना हितकर होता है.

आंवला मिश्री और शहद के फायदे

आंवले के कई तरह के फायदे हैं. निर्भर करता है कि आप इसे किस तरह से प्रयोग कर रहे हैं. शहद और मिश्री के साथ आंवले के चूर्ण का प्रयोग करने से उल्टी की शिकायत दूर होती है. चेहरे के पुराने दाग मिटाने, मुंहासे खत्म करने एवं चेहरे की शुष्कता समाप्त करने में आंवले का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है. सूखे आंवले को दूध में भिगोकर पीस लें. इसका लेप चेहरे पर करें. दो घंटे बाद सुसुम पानी से धो लें. चेहरे के दाग अथवा मुंहासे एकदम समाप्त हो जाते हैं.

आंवले के लाभ, ऐसे देता है राहत 

भिगोये हुए आंवले चूर्ण के जल को अगर शहद के साथ लिया जाए तो यह स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखता है. इसके अलावा यौवन-शक्ति में फायदा बनाए रखने में आंवले का कोई सानी नहीं. आंवले का प्रयोग स्मरण शक्ति को तीक्ष्ण करने वाला, चेहरे की कांति को बनाए रखने वाला, तरुणाई और यौवन, ज्ञानेन्द्रियों और कामेन्द्रियों को शक्ति देता है. शरीर में ‘कोलेस्ट्राल‘ की मात्रा को नियंत्रित करने वाला माना जाता है.

बता दें कि पिसे हुए आंवले का उबटन त्वचा की चमक एवं सौन्दर्य को बनाए रखता है. शिकाकाई और आंवले के चूर्ण का बराबर-बराबर भाग लेकर सिर धोने से बाल मजबूत, चमकीले व स्वस्थ होते हैं. इस प्रयोग से बालों का झड़ना अथवा उनका सफेद होना भी रुक जाता है.

आंवला के नुकसान, कैसे और कब करें इस्तेमाल?

यूं तो आंवला सेहत का खजाना है. इसमें जिंक, विटामिन सी, आयरन और दूसरे कई विटामिन होते हैं, लेकिन यदि इसका सही तरीके से सेवन ना किया जाए या निश्चित मात्रा से अधिक लिया जाए तो यह नुकसान पहुंचा सकता है.

आपको बता दें कि आंवले के अधिक से सेवन से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है.

आंवले का सेवन कैसे करना चाहिए?

डॉक्टरों के अनुसार इसके अधिक सेवन से लिवर में SGPT यानी की Serum Glutamic Pyruvic Transaminase की मात्रा बढ़ जाती है जिससे लिवर को नुकसान होता है.

अधिक आंवले के सेवन से आपकी एसीडीटी बढ़ सकती है. डॉक्टरों के अनुसार अधिक आंवले का सेवन कब्जियत का कारण बनता है.

यदि आप ब्लड प्रेशर, हाईपर टेंशन, या फिर किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं तो आंवलेे का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए क्योकिं आंवले के सेवन से शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है और किडनी फंक्शन ठीक से नहीं कर पाती है.

ध्यान रखें यदि किडनी ठीक से काम नहीं करेगी तो शरीर में पानी भरना शुरू होगा और ब्लड प्रेशर तो बढ़ेगा साथ ही दूसरी समस्याएं शुरू हो जाएंगी जो बेहद नुकसादायक होंगी. 

चूंकि आंवले में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है, लिहाजा इसका ज्यादा सेवन पेशाब में जलन संबंधी समस्या पैदा करेगा.

ऐसे में आप यदि आंवले का सेवन कर रहे हैं तो बहुत सोच-समझकर व अपनेे शरीर की तासीर, उम्र, बीमारियों का ध्यान रखकर और सर्वश्रेष्ठ होगा अपने डॉक्टर से सलाह लेकर करें.

हर फल के जितने फायदे होते हैं उतने ही उसकी गलत मात्रा का सेवन करने से नुकसान भी होते हैं. लिहाजा डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. 

 

डिस्क्लेमर नोट: यह लेख आपकी जानकारी और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. आंवल एक लाभकारी फल है, लेकिन इसका प्रयोग शरीर की प्रकृति यानी की वात, पित्त और कफ की तासीर के अनुसार प्रयोग किया जाता है. कई व्यक्तियों को आंवले का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है. आंवले के सेवन से पहले एक बार आयुर्वेद विशेषज्ञ अथवा डॉक्टर से सलाह जरूर लें.  

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