भारत के संविधान ने हर व्यक्ति को कुछ मूलभूत अधिकार (Fundamental Right) दिये हैं जिनमें स्वतन्त्रता का अधिकार शामिल है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (Article 21) के अनुसार नागरिकों को प्राण एवं दैहिक स्वतन्त्रता का मूल अधिकार दिया गया है. लेकिन जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो उन्हें जेल में रखा जाता है. ऐसे में उनकी स्वतन्त्रता पर रोक लगाई जाती है. लेकिन गिरफ्तार व्यक्ति को भी कुछ अधिकार (Right of Arrested Person) दिये गए हैं. गिरफ्तारी की स्थिति में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अपने अधिकार और गिरफ्तारी के प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी है.
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के अधिकार | Right of Arrested Person
जब भी पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है तब गिरफ्तार हुए व्यक्ति के पास कुछ अधिकार होते हैं जिनके आधार पर ही पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि कई अपराध ऐसे भी होते हैं जिनमें इन अधिकारों का पालन करना पुलिस के लिए जरूरी नहीं होता है लेकिन इन अधिकारों में से अधिकतर का पालन पुलिस को करना ही होता है.
#1. आईपीसी की धारा 41 बी के अनुसार गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी का ये कर्तव्य होगा की वह गिरफ्तार हुए व्यक्ति का पंचनामा तैयार करे जिस पर मोहल्ले के दो व्यक्ति और गिरफ्तार किए हुए व्यक्ति के साइन हो. गिरफ्तार करते वक़्त व्यक्ति का कोई रिश्तेदार मौजूद होना चाहिए. यदि वह मौजूद नहीं है तो गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अविलंब ऐसी गिरफ्तारी की सूचना देगा.
#2. धारा 41 सी के अनुसार प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम के नोटिस बोर्ड पर गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के नाम, पते और गिरफ्तार करने वाले अधिकारी का नाम प्रदर्शित किया जाएगा.
#3. धारा 41 डी के अनुसार गिरफ्तारी के बाद व्यक्ति को पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान अपने पसंद के वकील से मिलने का अधिकार गिरफ्तार हुए व्यक्ति को है.
#4. धारा 50 के अनुसार गिरफ्तारी के आधार पर जमानत के अधिकार की जानकारी लेने का अधिकार गिरफ्तार हुए व्यक्ति को है.
#5. धारा 55 ए के अनुसार पुलिस का यह कर्तव्य होगा कि वह गिरफ्तार हुए व्यक्ति की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखे.
#6. धारा 56 के अनुसार गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को बिना देरी के पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए.
#7. धारा 57 के अनुसार गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को चौबीस घंटे से ज्यादा समय के लिए निरुद्ध नहीं रखा जा सकता. 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किए हुए व्यक्ति को नजदीकी कोर्ट में पेश करना होता है ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके.
#8. धारा 54 के अनुसार गिरफ्तार किए हुए व्यक्ति का मेडिकल टेस्ट नजदीकी चिकित्सक से करवाना पुलिस का कर्तव्य होता है.
महिला को गिरफ्तार किए जाने के नियम | Female Arrest Rules
महिलाओं को गिरफ्तारी करने के नियम थोड़े से अलग हैं. इसलिए यदि किसी महिला को गिरफ्तार किया जा रहा है तो उसके नियम के बारे में भी जानना जरूरी है.
#1. किसी महिला को गिरफ्तार करने की स्थिति में कोई पुलिस अधिकारी किसी महिला को स्पर्श नहीं करेगा.
#2. धारा 46-1 के अनुसार किसी महिला की गिरफ्तारी किसी महिला पुलिस अधिकारी के द्वारा ही की जाएगी.
#3. धारा 46-4 के अनुसार किसी महिला को सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
#4. धारा 47-2 के अनुसार किसी महिला के कमरे या उसके निवास की तलाशी तब तक नहीं ली जा सकेगी जब तक कि उस स्त्री को वहाँ से हट जाने की सूचना नहीं दी जाएगी.
#5. धारा 53-2 के अनुसार किसी स्त्री का मेडिकल टेस्ट महिला चिकित्सक द्वारा ही करवाया जाएगा.
गिरफ्तारी में पुलिस के अधिकार | Police right for arrest a person
कुछ अधिकार गिरफ्तार व्यक्ति के पास गिरफ्तारी को लेकर है तो वहीं कुछ अधिकार पुलिस के पास भी गिरफ्तार करने के लिए है.
#1. धारा 41 के अनुसार कोई व्यक्ति यदि गंभीर अपराध का आरोपी पाया जाता है तो उसे बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है.
#2. धारा 42 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पुलिस के द्वारा उपस्थित रहने की सूचना देने पर गैर हाजिर रहता है, अपनी पहचान छुपाता है, अपना निवास स्थान बताने से मना करता है तो उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है.
#3. धारा 46-2 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी का विरोध करता है या गिरफ्तारी से बचने का प्रयास करता है तो पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी के लिए हर तरह के साधन का उपयोग किया जा सकता है.
#4. धारा 47-1 के अनुसार कोई व्यक्ति जिसकी गिरफ्तारी की जानी है वो किसी भवन में छुप कर बैठा है तो पुलिस ऐसे स्थान में प्रवेश करके उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है.
#5. धारा 51 के अनुसार पुलिस को अधिकार है कि वो गिरफ्तार किए हुए व्यक्ति की तलाशी ले सकती है.
#6. धारा 52 के अनुसार पुलिस अधिकारी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के द्वारा अपराध में उपयोग किए गए हथियार को न्यायालय के पास प्रस्तुत करेगा.
#7. धारा 53 ए के अनुसार यदि कोई व्यक्ति दुष्कर्म का आरोपी है तो पुलिस मेडिकल एक्सपर्ट से जांच करवाकर अपराध के बारे में सबूत इकट्ठा कर सकती है.
#8. धारा 60 के अनुसार पुलिस को कोई आरोपी जो भाग रहा है उसे पीछा करके पकड़ने का अधिकार है.
गिरफ्तार करना पुलिस का अधिकार है. यदि आप किसी अपराध के आरोपी हैं तो आपको गिरफ्तार तो होना ही पड़ेगा. अगर किसी व्यक्ति ने कोई अपराध किया है तो उसे सजा भी मिलेगी. लेकिन पुलिस की ज़िम्मेदारी ये होगी कि पुलिस उस व्यक्ति को सुरक्षित रखे.
यह भी पढ़ें :
जमानत क्या होती है, जमानत कैसे मिलती है?
Arms License : हथियार का लाइसेंस कैसे मिलता है, हथियार कौन रख सकता है?
Domestic violence complain : पति करता है मारपीट तो 4 तरीकों से करें शिकायत