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वे योग सिखाते हैं और दुनिया का रोग भगाते हैं. उन्होंने पूरे विश्व को निरोगी बनाने का प्रण लिया है. वे जितने सामाजिक रूप से सक्रिय हैं उतने राजनीतिक गलियारों में एक्टिव नजर आते हैं. रामदेव की कहानी भारतीय इतिहास के सबसे परिवर्तगामी समय का दस्तावेज है. लोकप्रियता और विवाद, सामाजिक स्वीकार्यता और विरोध के बीच रामदेव हमारे समय के विरोधाभासी लेकिन एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं.

बाबा रामदेव का जीवन परिचय  (Baba ramdev biography)
योग गुरु बाबा रामदेव को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता हैं. योगासन व प्राणायाम के जरिये प्रसिद्धि के बाद बाबा रामदेव अप्रत्यक्ष रूप से सियासत में आये और पतंजलि नाम की सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी के मालिक है. देश में रामदेव स्वयं योग-शिविरों के जरिये लोगों को योग की महत्ता बताते हैं. देश-विदेश के करोड़ों लोग उनसे योग सीखते हैंं. बाबा रामदेव का जन्म हरियाणा के महेन्द्रगढ़ के अली सैयदपुर गांव में हुआ. उनकी मां का नाम गुलाबो देवी और पिता का नाम रामनिवास यादव है.

1965 में जन्में रामदेव का सही नाम वास्तविक नाम रामकृष्ण यादव है. अपने जन्मस्थान के करीबी गांव शहजादपुर से आठवीं कक्षा तक शिक्षा हासिल करने के बाद बाबा रामदेव ने सरकारी स्कूल छोड़ पास के खानपुर गांव के आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बलदेव जी महाराज की शरण ले ली. यहां वेद, संस्कृत व योग की शिक्षा के साथ ही उन्होंने युवावस्था में ही सन्यास को अपना लिया. अब रामकृष्ण बाबा रामदेव बन गए.

योगगुरु के रूप में सक्रियता की शुरुआत (Who is the guru of Swami Ramdev?)
1995 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के नाम से बाबा ने अपनी पहली योग पाठशाला का आरंभ किया. समय के साथ बाबा का वर्चस्व बढ़ता ही चला गया और 2003 के आते आते बाबा प्रसिद्ध धार्मिक टीवी चैनल पर योग सिखाने लगे. अब बाबा हर घर तक पहुंच चुके थे और योग को लोगों की आदत बनाने में उन्होंने अहम् योगदान दिया.

देश के आम जन के साथ सभी बड़ी हस्तियां भी बाबा के साथ योगासन मुद्रा में नजर आने लगी. इनमें फ़िल्मी सितारे, राजनीती से जुड़े लोग, खेल जगत के सितारें, क्रिकेटर्स, उद्योगपति और अन्य क्षेत्रों की बड़ी हस्तियां शामिल हैं. बाबा रामदेव योग को लेकर भारत ही नहीं विदेशों में भी अपने नाम का डंका बजा आए हैं. अमिताभ बच्चन से लेकर शिल्पा शेट्टी तक उनसे योग के गुर सिख चुके हैं.

पतंजलि योगपीठ और बाबा रामदेव (Patanjali yogpeeth baba ramdev) 
पतंजलि योगपीठ नाम से योग और आयुर्वेद की स्थापना बाबा रामदेव की सबसे बड़ी कामयाबी कही जा सकती है. यह योग पीठ आज एक मल्टीनेशन कंपनी में तब्दील हो चुकी है और दुनियाभर में पतंजलि की शाखाएं है और जहां नहीं है वहां भी इस कंपनी के प्रोडक्ट बिक रहे हैं.

पतंजलि ब्रिटेन, अमेरिका, नेपाल, कनाडा और मारीशस और भारत में कुल मिलाकर 6000 करोड़ रु का कारोबार किया है. पतंजलि सुबह के टूथ पेस्ट से लेकर शाम को सोते समय मच्छर मारने की दवाई तक रोजमर्रा की जरूरत का हर सामान बनाती है. फ़ोर्ब्स के द्वारा जारी की गई रईसों की ताजा सूची में रामदेव का नाम कई अंको के सुधार के साथ दर्ज है.

रामदेव की भारतीय सियासत में भूमिका और विवाद (Swami ramdev maharaj life history and Biography)
भ्रष्टाचार और देशी अपनाओं विदेशी भगाओ जैसे मुद्दों को लेकर लंबे समय से रामदेव अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. इसी के चलते वे विभिन्न राजनैतिक दलों के संपर्क में लगातार हैं. आए दिन उनके बयान देश और राजनीतिक हालात पर चिंतित स्वर में अख़बारों की सुर्खियां बनते हैं. स्वामी रामदेव स्वच्छ भारत अभियान में भी सक्रिय हैं और उन्होंने हरिद्वार और ऋषिकेश को गोद लेने और स्वच्छ बनाने का प्रण लिया है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ और लोकपाल बिल को मंजूरी दिलवाने के लिए 27 फ़रवरी 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में स्वामी अग्निवेश और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ रामदेव भी मौजूद रहे. जन्तर-मन्तर पर आमरण अनशन के बाद रामलीला मैदान में सत्याग्रह के दौरान आधी रात को मंच से नीचे कूद कर रामदेव को भागना पड़ा.

हालांकि बाद में हरिद्वार पहुंचने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरी कहानी बाबा रामदेव की जुबानी सारे देश को पता है. इसके आलावा हाल ही में उनका एक बयान खूब चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं तो क्या मक्का मदीना में बनेगा. रामदेव अक्सर विवादित बयान देते रहे है.

योग गुरु बाबा रामदेव को मिले सम्मान (swami baba ramdev the untold story)
बेरहामपुर विश्वविद्यालय द्वारा बाबा रामदेव को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से नवाजा गया है. देश के सबसे 50 प्रभावशाली लोगों की सूची में विभिन्न पत्रिकाओं ने उन्हें शामिल किया.इसके अलावा उन्हें ग्लोबल नॉलेज मिलेनियम ऑनर सम्मानमहामहोपाध्याय की मानद उपाधि भी मिली है. वहीं उन्हें राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति, आन्ध्रप्रदेश द्वाराऑनरेरी डॉक्ट्रेट की उपाधि व ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय द्वाराडीएससी-ऑनर्स एमिटी यूनीवर्सिटी, नोएडा द्वारा, चन्द्रशेखरानन्द सरस्वती अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.  

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One thought on “कहानी रामकृष्ण यादव के योग गुरु बाबा रामदेव बन जाने की”

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