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किसी भी मां के लिए बच्चे का थोड़ा सा रोना भी काफी परेशान कर जाता है. खासकर बच्चे के रोने से पहली बार मां बनने वाली महिलाएं जल्दी परेशान होने लगती हैं. क्यों की बच्चे की हर एक हरकत को समझना उनके लिए एकदम नया अनुभव होता है. जबकि बच्चे अपनी बात को रोकर ही बता पाते हैं.

बच्चे भूख लगने से लेकर नैपी बदलने तक की बात या फिर किसी तकलीफ को रोकर ही व्यक्त करते हैं. हालांकि कई बार बच्चे अचानक सोते वक्त भी रोने लगते हैं, लेकिन मां बच्चे के इस संकेत को समझने में कई बार सक्षम नहीं होती हैं. अगर मां शिशु की छोटी से छोटी बात पर ध्यान दे तो तुरंत ही बच्चे के रोने के कारण जान सकती है.

भूख लगने के कारण (baby crying at night for no reason)

छोटे बेबी का पेट भी बहुत छोटा होता है. वह भूख के लिए पूरी तरह से मां पर ही डिपेंड रहता है. बच्चे सिर्फ एक बार में ही नहीं बल्कि बार-बार फीड के लिए भी रोने लगते हैं. बच्चे रोकर दोबारा दूध पिलाने का संकेत करते हैं. ऐसे में मां दूध पिलाने के बाद भी बेबी के रोने पर उसे दोबारा से दूध पिलाए.

नैपी बदलने का संकेत (reasons for baby crying all the time in hindi)

जब बच्चा नैपी को गीला कर देता है तो इसके लिए भी वह रोकर बताता है. अधिक देर तक गीली नैपी पहने रहने के कारण बच्चे को रैशेस हो जाते हैं. जिस कारण से उसे तकलीफ होने लगती है. इसके लिए ध्यान रखें कि बच्चे को ज्यादा देर तक गीली नैपी में न रहने दें.

नींद पूरी न होना भी है रोने का कारण

अक्सर जब बच्चों को नींद आती है तो वे रोने लगते हैं. इसके साथ ही गोद में आने के लिए भी बच्चे रोते हैं. वहीं कई बार बच्चे सिर्फ एक ही जगह टकटकी लगाकर देखने लगते हैं या फिर एकदम बिल्कुल शांत हो जाते हैं. ऐसे में बच्चों के संकेतों को समझना मां के लिए जरूरी होता है.

कहीं काॅलिक तो नहीं है रोने की वजह (what do you do when your baby keeps crying?)

कई बार बच्चे अचानक चिड़चिड़ाने लगते हैं, जिसे काॅलिक कहा जाता है. जिसके चलते बच्चे रोना बंद नहीं करते हैं. इसलिए बात पर भी ध्यान दें कि कहीं बच्चे को काॅलिक तो नहीं है.

तबीयत ठीक न होना भी है वजह

जब बच्चे की तबीयत खराब होती है तो वह सामान्य से अलग स्वर में रोने लगता है. इसलिए ये भी ध्यान रखें कि बच्चे का रोना सामान्य ही नहीं बल्कि तबीयत खराब होना भी हो सकता है.

बदलते मौसम के कारण (How do you calm a crying baby?)

जब मौसम में बदलाव होता है तो इसे बच्चे आसानी से नहीं अपना पाते हैं. अचानक से ठंड का बढ़ जाना या फिर गर्मी के बढ़ जाने से भी बच्चे रोने लगते हैं. ऐसे में मौसम में होने वाले बदलावों को भी समझना ज़रूरी होता है. 

थकान मिटने करें मालिश करें (why do babies cry at night)

बच्चा अगर थकान के कारण रो रहा है तो आप उसकी मालिश कर सकती हैं. जिससे उसे काफी आराम मिलेगा. वैसे तो रोजाना ही बच्चे की मालिश की जा सकती है. मालिश से बच्चा तंदुरुस्त रहता है. 

सुलाते समय बच्चे को हिलाएं-डुलाएं

बच्चे को अगर नींद नहीं आ रही है तो उसे हिला-डुलाकर सुलाने का प्रयास करें. इससे बेबी को आराम मिलेगा. साथ ही मां बच्चे को स्तनपान करते वक्त रोने पर अपनी अवस्था में बदलाव कर ले. 

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. बच्चे से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होने पर बच्चों के डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

By मिथलेश साहू

युवा लेखिका और पत्रकार.

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