Sat. Apr 27th, 2024

बदलती लाइफ स्टाइल ने हार्ट की बीमारियां बढ़ाई हैं. एक तरह से आज हार्ट अटैक एक आम बीमारी हो गई है. हार्ट अटैक से पहले छाती में तेज दर्द होता है और यही दर्द बाईं बाजू से होकर पेट, कंधे या गर्दन आदि में भी हो सकता है. इसके अलावा अधिक पसीना व बेचैनी आदि भी इस रोग के लक्षण हो सकते हैं.

शूगर पेशेंट के को भी इसकी काफी संभावना रहती है. वैसे यह बीमारी अधिक धूम्रपान करने, शराब, पान मसाले आदि का सेवन करने से भी हो सकती है. हमेंशा तनावग्रस्त या चिंतित रहना, अधिक गुस्सा आना आदि लक्षण भी इस बीमारी को पैदा करते हैं.

तनाव है सबसे बड़ा कारण

यदि हार्ट अटैक से बचना है तो जरूरी है कि अलर्ट रहा जाए. तनाव और चिंता से दूर रहें की कोशिश करें. हमेंशा बिजी रहें इससे चिंता और तनाव दूर होते हैं. अपनी रुचियों को विकसित करें. दिनभर की भागदौड़ में से कुछ समय मनोरंजन के लिए भी निकालें.

अपने गुस्से को कंट्रोल करें क्योंकि यह कई बीमारियों को जन्म देता है. जब आपको गुस्सा आए तो उसे चुप रहकर दबाने की बजाय बाहर निकाल दें. कोई अन्य उपाय न होने पर आप कागज कलम लेकर उस पर कुछ अंकित कर सकते हैं.

image Source: pixabay.com
image Source: pixabay.com

खान-पान का रखें ध्यान-

हार्ट के पेशेंट हैं या दिल की बीमारियां हैं तो ऐसे में आपको खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा. खाने में मिर्च मसाल और तेल की चीजों का कम प्रयोग करें. अधिक नमक का प्रयोग न करें क्योंकि इससे बीपी बढ़ सकता है.

फलों, सब्जियों का सेवन अधिक करें. इनमें विटामिन व खनिज लवण होते हैं जो रक्त नलिकाओं व मांसपेशियों को दुरूस्त रखते हैं. इसके अलावा चोकरयुक्त आटे व दालों आदि को भोजन में सम्मिलित करें. ये रक्त में कोलेस्ट्राल को कम करते हैं.

एक्सरसाइज जरूर करें-

हार्ट के पेशेंट को रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें. यदि रोजाना 2 किलोमीटर चलते भी हैं तो ये बहुत लाभदायक है. तैरना, साइकिल चलाना, जॉगिंग व ऐरोबिक्स जैसे व्यायाम दिल को स्वस्थ रखते हैं इसलिए 20-25 मिनट तक प्रतिदिन व्यायाम करें. वसायुक्त पदार्थों जैसे घी, अंडे, मांस, मक्खन आदि पदार्थों का सेवन कम से कम करें. अपने वजन को नियंत्रित रखें. शरीर मोटा होने से इस रोग की संभावना बढ़ जाती है.

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकतासतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

By भाषणा बंसल

स्तंभकार

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *