Wed. May 1st, 2024

Vastu tips : दान करते समय वास्तु के इन छोटे-छोटे नियमों का जरुर रखें ध्यान

Daan Rules And Importance : पौराणिक काल से ही दान देने की परंपरा चली आ रही है. शास्त्रों में दान के महत्व को लेकर कहा गया है कि व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार और अपनी मेहनत की कमाई का दसवां हिस्सा जरूर दान करें. दान करने से दूसरों की मदद तो होती ही है, साथ ही खुद को भी अच्छा महसूस होता है.

दान करने से व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है, और उसके बुरे कर्मों का नाश होता है. मान्यता है कि दान करने से पिछले जन्म के पाप भी धुल जाते हैं. लेकिन जिस तरह वास्तु में जीवन से जुड़ी कई चीजों के नियम है इस तरह दान को लेकर भी कुछ नियम है. यदि इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो कई तरह की समस्याएं हो सकती है. तो जानते हैं दान देते समय किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए.

दान करने की धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म में दान को लेकर धार्मिक मान्यता है कि यदि दान निस्वार्थ भाव से किया जाए तो पुण्य की प्राप्ति होती है. दान करने से मनुष्य को पिछले जन्म के पापों से भी छुटकारा मिलता है. इसलिए हमेशा ब्राह्मण गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए.

दान के क्या हैं नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार दान करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. यदि नियमों का पालन नहीं किया जाए तो लाभ की जगह हानि होगी. तो जानते हैं क्या है दान करने के नियम.

बेकार की चीजों का ना करें दान

दान करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि घर की बेकार चीजों का दान ना करें. दान करने का एक ही उद्देश्य होता है दूसरों की मदद करना. ऐसे में यदि आप किसी को बेकार की चीज दान करते हैं तो वह उसके किसी काम की नहीं होगी. ऐसे में आपको दान करने का कोई भी लाभ नहीं होगा.

जरूरतमंदों को ही दें दान

दान देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप जिसे दान दे रहे हैं उसे इसकी जरूरत है या नहीं. किसी जरूरतमंद को दान देने से ही आपको अच्छे फल की प्राप्ति होगी. जरूरतमंद व्यक्ति आपके द्वारा मिले दान के बदले दुआएं मिलती. दुआ और आशीर्वाद से दान देने वाले व्यक्ति को लाभ की प्राप्ति होगी. किसी गरीब और जरूरतमंद को दान करना अच्छा माना जाता है. इसके अलावा ब्राह्मण को भी दान करना शुभ माना जाता है.

सही तरह से करें दान

दान करते समय इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि दान करने का तरीका सही हो. जब भी आप किसी व्यक्ति को दान दें ध्यान रहे की सुबह स्नान कर कर दान पूर्ण करें. दान हमेशा दोनों हाथों से झुक कर करें. कभी भी किसी को फेंक कर दान ना दे. स्वयं जाकर दिया हुआ दान उत्तम माना जाता है. घर बुलाकर दिया गया दान मध्यम फलदाई होता है. मनुष्य अगर अपनी पत्नी, पुत्र और परिवार को दुखी करके दान देता है, तो वह दान जीवित रहते हुए एवं करने के बाद भी दुखदाई होता है.

 

 

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By विजय काशिव

ज्योतिषी

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