आज का युग चिंता, तनाव, दबाव व कुंठाओं का युग है. चिंता करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता. चिंता के बजाय चिंतन कीजिए. चिंतन से ही आपकी समस्या हल हो सकती है.
कुछ विचार बिन्दु जो आपको चिंता दूर करने में सहायक होंगे:-
– चिंता में डूबे रहने में अपना वक्त बर्बाद मत कीजिए. बेहतर होगा कि आप अपना यह वक्त चिंता (समस्या) के समाधान में लगाएं.
– अपनी चिंताओं को किसी नोटबुक में रोजाना दर्ज कीजिए. इस नोट बुक पर आप दृष्टिपात करते रहिए. वस्तुतः चिंताओं के बिंदुओं पर दृष्टिपात करते रहने से आपको इनके समाधान के रास्ते सूझने लगेंगे.
– किसी समस्या का समाधान उसका सामना करने से ही होता है, भागने या दूर हटने से नहीं. यहां पर जो सुझाव पेश किया जा रहा है वह आपको कुछ अटपटा सा या बेहूदा जान पड़े किन्तु चिंताओं का सामना करने में यह काफी कारगर साबित हो सकता है.
– अपनी समस्याओं से रुबरु होने के लिए आप अपनी व्यस्त दिनचर्या में से आधे घण्टे का समय निकालिये. इस आधे घंटे के समय को आप चिंता अवधि की संज्ञा दे सकती हैं. अपनी सहूलियत के अनुसार किसी खास स्थान और खास वक्त पर पहंुच जाइये. इस दौरान अपने सारे कार्यक्रमों को रद्द कर दीजिए. सिर्फ अपनी चिंताओं पर ही ध्यान केंद्रित कीजिए. बाद में आप अनुभव करेंगी कि आपकी बहुत सी चिंतायें काल्पनिक थी. आपको चिंताओं से लड़ने की शक्ति प्राप्त होगी.
– अपनी चिंताओं के सारे कारणों का विश्लेषण करती रहिए. ऐसा करने से जब कभी आप चिंताओं के खौफ से रुबरु होंगे तो घबराएंगे नहीं. आपको चिंताओं को समाधान प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होगी.
– अपनी दिनचर्या में कुछ समय योगासन व प्राणायाम करने के लिए निकालिये. इस बीच गहरी सांस लीजिए. गहरी सांस लेने की प्रक्रिया से आपको मस्तिष्क के लिए अतिरिक्त आक्सीजन प्राप्त होती है. मस्तिष्क अधिक सजग होता है. उसे तनाव से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है.
– जब आप बहुत ज्यादा चिंतित हों तो अपनी समस्याएं किसी अतरंग सहेली या मित्रा को बताइये. ऐसा करने से आप स्वयं को हल्का महसूस करेंगे.
– ईश्वर के प्रति आस्था रखिए. इस आस्था से आपको मानसिक शान्ति मिलेगी और चिंताओं से लड़ने की शक्ति प्राप्त होगी.