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ganesh chaturthi 2022

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) हिन्दू धर्म के बड़े त्योहार में से एक है. भारत में इसे 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी भगवान श्रीगणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. 

गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) तक गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर विधि-विधान से भगवान श्रीगणेश जी को स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. 

गणेश चतुर्थी कब है? (Ganesh Chaturthi Kab hai?) 

गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है.  इस वर्ष गणेश चतुर्थी 30 अगस्त 2022 को है. चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी. 

गणेश चतुर्थी मुख्य तौर पर 31 अगस्त को मानी जाएगी और 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मानी जाएगी. 31 अगस्त से 9 सितंबर तक ही गणेशोत्सव को मनाया जाएगा. 

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurta) 

गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना करने का रिवाज है. भगवान की मूर्ति को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही स्थापित किया जाना चाहिए. गणेश जी को भी गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए. 

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त की बात करें तो लाभ समय दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 52 मिनट तक तथा शुभ समय सुबह 7 बजकर 58 से 9 बजकर 30 तक है. वहीं शाम का मुहूर्त शाम 06:54 से 08:20 तक है. 

गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Vidhi) 

शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा की जाए तो अच्छा रहता है साथ ही इनकी पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए. गणेश पूजन की सरल विधि आप यहाँ देख सकते हैं.  

पूजा से पहले नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर शुद्ध आसान में बैठकर सभी पूजन सामग्री एकत्र कर लेनी चाहिए. जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रौली, मौली, लाल चंदन, मोदक, दूर्वा आदि. 

– सबसे पहले एक स्थान चुनें जहां पर आप गणेश जी के स्थापन करना चाहते हैं. 

– गंगाजल से उस स्थान को पवित्र करें. 

– गणेश जी को स्थापित करने के स्थान पर साबुत चावल और एक सिक्का रखें. 

– उसके ऊपर गणेशजी को स्थापित करें. 

– गणेश जी का पंचामृत से अभिषेक करें. 

– इसके बाद गणेश जी पर रोली और कलावा चढ़ाएं. 

– दो सुपारी ऋद्धि-सिद्धि के रूप मे और एक पान चढ़ाएं. 

– इन्हें पीले फल, पीले फूल और हरी दूर्वा बेहद पसंद हैं. 

– गणेश जी के आगे दीप प्रज्वलित करें और अगरबत्ती या धूप लगाएं. 

– इन्हें मोदक का भोग लगाएं. 

– इसके बाद गणेश मंत्र का उच्चारण करें. 

– गणेश जी की आरती करें.  

षोडशोपचार क्या है? (Sodashopchar Vidhi Kya hai?) 

षोडशोपचार गणेश जी की मंत्रों द्वारा पूजा करने की विधि है. इसमें गणेश जी की पूजा करने के 16 चरण बताए गए हैं. हर एक चरण पर एक मंत्र है जिसका जाप करते हुए आपको गणेशजी की पूजा करनी चाहिए. 

षोडशोपचार की सम्पूर्ण विधि पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें. 

गणेश चतुर्थी को गणेश जी की स्थापना की जाती है. इस दिन स्थापना करने के बाद अनंत चतुर्दशी तक रोज सुबह शाम गणेश जी की आरती की जाती है तथा उन्हें मोदक या घी के लड्डू अर्पित किये जाते हैं. 

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. इस दिन लोग धार्मिक अनुष्ठान जैस हवन करते हैं.  

गणेश चतुर्थी का इतिहास (Ganesh Chatruthi Utsav History) 

गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना करने का रिवाज तो सदियों से चला आ रहा है क्योंकि हिन्दू धर्म में ये काफी बड़ा त्योहार माना जाता है लेकिन इसे सार्वजनिक तौर पर मनाए जाने का अपना इतिहास है. 

भारत में एक समय ऐसा था जब छुआछूत और जातिवाद दोनों अपने चरम पर थे. नीची जाति के लोग और ऊंची जाति  के लोगों के बीच काफी अंतर था. इस अंतर को मिटाने के उद्देश्य से लोकमान्य तिलक ने गणेशोत्सव को एक सार्वजनिक उत्सव घोषित किया. 

उस समय लोग इसे निजी उत्सव के तौर पर मनाते थे. छत्रपति शिवाजी ने भी गणेश चतुर्थी को एक सार्वजनिक समारोह घोषित किया था. तब से अभी तक गणेशोत्सव को भारत में सार्वजनिक तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है.  

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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