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डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषण से चिंता और अवसाद का भी खतरा है. इसके अतिरिक्त् आंखों और त्वचा की समस्याएं, आंखों में जलन, खुजली और त्वचा की समस्याएं,  न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, सिरदर्द, चक्कर हो सकती हैं. (Image Source: Pixabay)डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषण से चिंता और अवसाद का भी खतरा है. इसके अतिरिक्त् आंखों और त्वचा की समस्याएं, आंखों में जलन, खुजली और त्वचा की समस्याएं,  न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, सिरदर्द, चक्कर हो सकती हैं. (Image Source: Pixabay)

इस बार दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा जहर घुल गया है. (delhi air pollution today news) हर साल दिवाली के बाद तकरीबन एक माह के लिए प्रदूषण की मार झेलने वाली राजधानी की हालत बेहद खराब है. गुरुवार को, दिल्ली-एनसीआर की हवा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो इतना “गंभीर” श्रेणी में आता है कि इसे आप 20 सिगरेट प्रति दिन पीने के बराबर मान सकते हैं. 

“आजकल, 50% फेफड़ों के कैंसर के रोगी वे हैं जो कभी धूम्रपान नहीं करते थे. अगर आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से अधिक है, तो यह 20 सिगरेट प्रति दिन पीने के बराबर है. इसका मतलब है कि दिल्ली में रहने वाला हर व्यक्ति अपने शरीर में रोजाना 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान झेल रहा है. हम हर दिन लगभग 25,000 बार सांस लेते हैं, जिसे हम रोक नहीं सकते.” डॉ. अरविंद कुमार, मेदांता हॉस्पिटल 

आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से ही राजधानी की हवा खराब हो रही थी जबकि गुरुवार को यह बेहद खराब श्रेणाी में पहुंच गई. बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज प्रेस कॉन्फ्रेंस भी लेने जा रहे हैं. गोपाल राय के मुताबिक अगले 15 दिन राज्य के लिए गंभीर हैं.

इस बीच कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मेनैजमेंट(CAQM) ने एक अहम बैठक के बाद ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तीसरे फेज यानी ग्रैप-3 को लागू कर दिया है. आपको बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण से निकलने वाला धूल और कृषि से निकलने वाला धुआं शामिल हैं.

वायु प्रदूषण से सेहत को गंभीर खतरा  (Air Pollution and Your Health)

वायु प्रदूषण से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें सांस की समस्याएं, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और अन्य शामिल हैं. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित लोगों को वायु प्रदूषण से सबसे अधिक खतरा होता है.

मेदांता अस्पताल के डॉक्टर अरविंद कुमार कहते हैं, “दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण एक स्वास्थ्य आपातकाल है. यह हमारे आने वाली पीढ़ी को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वायु प्रदूषण दुनिया में हर साल 7 मिलियन से अधिक लोगों की मौत का कारण बनता है.

एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि वायु प्रदूषण से (Delhi air pollution health effects) स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि वायु प्रदूषण से मस्तिष्क के विकास में देरी हो सकती है.

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, “वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.”

दिल्ली में AQI का स्तर कई जगहों पर 800 पार जा रहा है.प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफखांसी और फेफड़ों के संक्रमण के बढ़ने का खतरा है.  

प्रदूषण से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है. खासतौर पर वे लोग जो पहले से ही हार्ट के पेशेंट हैं तो उन्हें ज्यादा अलर्ट होने की जरूरत है. 

प्रदूषण से फेफड़ों, स्तन और प्रोस्टेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है साथ ही बांझपन और जन्म दोष हो सकते हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषण से चिंता और अवसाद का भी खतरा है. इसके अतिरिक्त् आंखों और त्वचा की समस्याएं, आंखों में जलनखुजली और त्वचा की समस्याएं,  न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, सिरदर्दचक्कर हो सकती हैं. इसके अतिरक्त प्रदूषण से इम्यून सिस्टम का कमजोर होना और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. बच्चे, बुजुर्ग और पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित लोग प्रदूषण के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं.

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