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stammering or stuttering home remediesहकलाना कोई बीमारी नही है. इसका इलाज संभव है.

आमतौर पर हकलाने (stuttering problem) की समस्या को कोई गंभीरता से नहीं लेता. इसे सामान्य समझा जाता है और कई बार हकलाने वाले व्यक्ति का मजाक बनाया जाता है. लेकिन सामाजिक संवेदनशीलता के हिसाब से किसी भी व्यक्ति के तुतलाने और (stammering treatment) हकलाने की समस्या पर हंसना, उसका मजाक उड़ाना अच्छा नहीं है.

किसी भी सभ्य समाज में शारारिक अपंगता अथवा विकार के प्रति ऐसा व्यवहार अशोभनीय माना जाता है. देखा जाए तो (stammering causes) हकलाने की समस्या दिखती जितनी सामान्य है लेकिन उतनी ही परेशान करने वाली होती है.

दरअसल, हकलाना आपकी (side effects of stuttering) पर्सनालिटी को कमजोर बनाता है. हकलाने के कारण आपको किसी के भी सामने बात करने में हिचकिचाहट होती है. बात करते समय हमेशा यह लगता है की वह हमारे बारे में क्या सोचेगा, क्या वह मजाक बनाएगा या जो कहा जा रहा है उसे समझ भी पाएगा या नहीं. जाहिर है हकलाने वाले के दिमाग में ये सारे ख्याल आते हैं. यह सब आपके आत्मविश्वास को भी कमजोर करता है.

एक तरह से हकलाना कोई बीमारी नहींं है. इसका इलाज संभव है. (stuttering symptoms) हकलाने के लक्षण रुक-रुक कर बोलना, एक ही शब्द को बार-बार बोलना, तेज बोलना, बोलते हुए आंखें भींचना, होठों में कंपकपाहट होना, जबड़े का हिलना आदि हैं.

यह कुछ कारण जैसे- (stuttering causes) बोलने में काम आनेवाली मसल्स व जीभ पर कंट्रोल न होना, जेनेटिक वजहें, न्यूरोलॉजिकल वजहें यानी दिमाग के लेफ्ट साइड में कुछ गड़बड़ी होना, किसी खास मौको पर हकलाना, नर्वस होने या एक्साइटमेंट में जीभ पर से कंट्रोल खोना, टेंशन, कमजोरी, डर, थकान या अपसेट होने पर भी हकलाहट बढ़ जाती है. फोन पर बात करते समय आदि कारणों से होती है. किसी किसी को यह समस्या बचपन से ही होती है जो धीरे धीरे आदत बनती जाती हैं. आइए जानते हैं हकलाना छोड़ने के कुछ घरेलू उपाय.

हकलाना बंद करने के घरेलू उपाय
आंवला- हकलाने की आदत (amla for stuttering) ख़त्म करने के लिए आंवला रामबाण इलाज है. आंवले में विटामिन सी होता है जो मोटी जीभ को कम करने का काम भी करता है. इसके लिए आप आंवले को अपने अपने मुंह में चूसते रहेंं. इससे हकलाना बंद हो जाता है.

देसी घी- (Desi ghee) देसी घी आपके शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है जो हकलाने की आदत को भी दूर करने का काम करता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आप प्रतिदिन सुबह थोड़ा-सा देसी घी चाटें. इससे जीभ का मूवमेंट बढ़ेगा. एक बात का ध्यान रखे की घी चाटने के एक घंटे तक कुछ और न खाएं.

ब्राम्ही तेल की मालिश- कई बार दिमाग के कमजोर होने की वजह से भी हकलाने लगते हैं. इसे ठीक करने के लिए ब्राम्ही का तेल उपयोगी होता है. इसके लिए तेल को थोड़ा गर्म करके इससे सिर की मालिश करें.

छुहारे- रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में छुहारे को उबालकर पीने से भी आवाज साफ होती है. इससे हकलाने की आदत ठीक हो जाती है.

गहरी सांंस लेना- हकलाहट कम करने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है सांसों को रेग्युलेट करना. सांस लेने की एक्सरसाइज करने से आवाज वापस पाने में बहुत सहायता मिलती है. योग का सहारा भी ले सकते हैं. कुछ खास योगासन निरीक्षक की देखरेख में किए जा सकते हैं.

जब आप बोलें और अगर हकलाएं, तो सांस लेना याद रखें. जो लोग हकलाते हैं, वे अक्सर हकलाहट शुरू होते ही सांस लेना भूल जाते हैं. रुकें और खुद को सांस लेने के लिए कुछ समय दें. बात करने से पहले गहरी सांसें ले. इससे सांस को नियमित करने में मदद मिलती है.

बादाम- बादाम काफी गुणकारी होती है. हकलाने की दिक्कत दूर करने के लिए आप रात को सोने से पहले कुछ बादाम को भिगोकर रख दें. सुबह इनके छिलके को हटकर इन्हें मक्खन के साथ खाने से हकलाने की आदत में काफी सुधार होता है.

हरा धनिया- हरा धनिया जो आसानी से हमारी रसोई में मिल जाता है. इससे भी हकलाने की समस्या ख़त्म होती है. इसके लिए आप हरे धनिये और अमलतास की जड़ को पानी में पीस लें. और इससे गरारे करें. इससे जीभ पतली होती हैं और हकलाने की समस्या भी दूर होती है. इसे कम से कम 21 दिनों तक करें.

मन को शांत रखें- बात करने से पहले गहरी सांस लें, शरीर को रिलैक्स करें और हकलाहट के बारे में बिल्कुल न सोचें. छोटी-छोटी बातों पर परेशान न हों. कहने से पहले, अपने शब्दों को याद कर लें. बातों के बीच-बीच में ठहराव लाएं, ताकि जब आप बोलें, तो अपने शब्दों को बीच-बीच में सोच भी सकें. बातें शुरू करने से पहले ही बहुत आगे की न सोचें. अपनी बात को साफ कर कहें.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. हकलाने की समस्या से ज्याद परेशान हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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