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आप नौकरीपेशा व्यक्ति है और एक करदाता (Taxpayer) है तो सरकार आपसे हर महीने टैक्स के रूप में TDS आपकी सैलरी में से काट लेती है वही अगर आप बिजनेस करते हैं तो आपसे हर 3 महीने में टैक्स लिया जाता है. सरकार की कोशिश रहती है की आपने जो कमाया है उस पर जल्दी से जल्दी टैक्स वसूल लिया जाए. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है की आप ज्यादा टैक्स दे देते हैं या फिर TDS में आपसे ज्यादा टैक्स वसूल लिया जाता है तो ऐसे टैक्स को वापस कैसे लिया जाये मतलब इनकम टैक्स रिफ़ंड (Income tax refund) कैसे लिया जाए.

इनकम टैक्स रिफ़ंड क्या है? (Income tax refund)

इनकम टैक्स रिफ़ंड का मतलब होता है टैक्स की वापसी (Tax return). दरअसल जब आपसे टैक्स लिया जाता है तो ये आपकी पूरी सैलरी पर लिया जाता है. इसमें ये नहीं देखा जाता की आपने कहाँ-कहाँ अपना पैसा इन्वेस्ट कर रखा है या फिर आपको टैक्स पर कहाँ-कहाँ छूट मिल रही है. इन छुट का फायदा उठाने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल (Income tax retrun file) करना पड़ता है.

कब करें इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए दावा? (Condition for income tax refund)

इनकम टैक्स के लिए आप हर स्थिति में दावा नहीं कर सकते. इसके लिए कुछ जरूरी कंडिशन हैं जिनका आपको ध्यान रखना पड़ता है.

– अगर आपकी सैलरी पर ज्यादा TDS कट गया हो या फिर आपकी बैंक डिपॉज़िट, बॉन्ड से मिले ब्याज पर TDS कटा हो तो आप टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं.

– अगर आपने या आपके नियोक्ता ने अनुमान के आधार पर लिमिट से ज्यादा TDS काट लिया है तो भी आप इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं.

– आपका नियोक्ता हर महीने आपकी सैलरी से टैक्स काटता है अगर आपने कहीं पैसा किसी सेक्शन के तहत इन्वेस्ट किया हुआ है और बताया नहीं है तो भी आप बाद में इसका प्रमाण देकर टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं.

– आपकी ऐसी कोई आमदनी जिस पर आप विदेश में टैक्स दे चुके हैं और भारत में उस पर double taxatation ना होने का करार हो तो आप उसके लिए इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं.

इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए कौन क्लैम कर सकता है? (Who can claim for income tax refund?)

कोई भी व्यक्ति जो खुद जो टैक्स भरते हैं वो टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं. उनके अक्षम या फिर मौत हो जाने की स्थिति में उनका कानूनी वारिस या फिर उनके अभिभावक टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं. अगर टैक्स पेयर खुद क्लैम नहीं करना चाहता तो उसकी जगह पर उनकी ओर से authorised person या फिर authoriesed institute क्लैम कर सकते हैं.

इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए कैसे क्लैम करें? (how to claim for income tax refund?)

अगर आपको लगता है की आपसे सरकार ने या फिर आपके नियोक्ता ने ज्यादा टैक्स वसूला है तो आप टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए आपको income tax return e-filing करते वक़्त क्लैम करना होगा. अगर आप ITR फ़ाइल करते वक़्त भी भूल गए हैं तो फिर revised return के रूप में एक निश्चित समय तक इनकम टैक्स रिफ़ंड के लिए क्लैम कर सकते हैं.

इनकम टैक्स रिफ़ंड का पैसा कैसे वापस आएगा? (Income tax refund money)

इनकम टैक्स रिफ़ंड का पैसा आपके पास दो में से किसी एक माध्यम के जरिये वापस आ सकता है.

– इनकम टैक्स रिफ़ंड का पैसा वापस आने का पहला माध्यम है आपका बैंक अकाउंट. आईटीआर फ़ाइल करते समय आप जो अकाउंट नंबर डीटेल में डालते हैं उसी अकाउंट पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपको इनकम टैक्स रिफ़ंड किया जाता है.

– कई दूसरी परिस्थितियों में जब इनकम टैक्स विभाग को आपके बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने में दिक्कत आती है तो इनकम टैक्स विभाग द्वारा आपके घर के पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा उस राशि का डिमांड ड्राफ्ट (DD) भेज दिया जाता है.

इनकम टैक्स रिफ़ंड स्टेटस कैसे चेक करें? (Income tax refund status check)

– सबसे पहले आप NSDL website पर जाएँ (https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html)
– अब अपना PAN नंबर फ़िल करें.
– financial year को चुने.
– ये सारी information भरने के बाद वेबसाइट आपको इनकम टैक्स रिफ़ंड स्टेटस के पेज पर ले जाएगी.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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