Sun. Apr 28th, 2024

Income Tax Saving Tips: इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. कई करदाता पहले से ही वित्तीय योजना में शामिल हैं. अगर आपने अब तक टैक्स सेविंग प्लान नहीं बनाया है तो अब आपके पास समय नहीं बचा है. यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है कि आपकी आय पर न्यूनतम कर लगाया जाए. टैक्स बचाने के लिए ये टिप्स आपके लिए होंगे अहम. निवेश करने से पहले आपको टैक्स सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए.

पीपीएफ (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक दीर्घकालिक निवेश विकल्प है. यह देश की सबसे लोकप्रिय टैक्स सेविंग स्कीम है. पीपीएफ पर फिलहाल 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर कर बचत के साथ भारी रिटर्न भी प्रदान करती है. इस योजना की गारंटी सरकार द्वारा दी जाती है. इस स्कीम में पैसा 15 साल तक लॉक रहता है.

एनपीएस (NPS)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक सरकारी पेंशन योजना है. यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक कर राहत प्रदान करती है. तो सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार का अतिरिक्त निवेश किया जा सकता है. कुल दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. इस योजना में 1000 रुपये प्रति माह से निवेश किया जा सकता है. 18 से 65 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक निवेश कर सकते हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)

विशेष रूप से लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) रिटर्न के साथ एक अच्छा निवेश है. इस योजना में 10 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के पक्ष में निवेश किया जा सकता है. स्कीम में सालाना 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिल सकती है. सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर बदल गई है. अब इस स्कीम पर 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है.

एससीएसएस (SCSS)

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना लोकप्रिय है. इस योजना में कोई भी व्यक्ति बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खोल सकता है. निवेशकों को आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत लाभ मिलता है. 1.50 लाख रुपये तक का निवेश कर छूट के लिए पात्र है. इस योजना पर फिलहाल 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.

म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर इस श्रेणी के तहत टैक्स बचत के साथ मोटा रिटर्न भी मिलता है. इन योजनाओं का लॉक इन पीरियड अन्य योजनाओं की तुलना में बहुत कम है. अन्य छोटी बचत योजनाओं में अच्छा रिटर्न मिलने में अधिक समय लगता है और ब्याज भी कम मिलता है.

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