केपटाउन का मौसम बदलता रहता है. मैदान की पिच भी उसके अनुसार रखना एक मजबूरी भी हो जाती है, जबकि काफी कोशिश की जाती है कि वो मेजबान टीम के लायक बनाई जा सके. मगर जब प्रकृति की मार ही हो तो पिच बनाने वाले भी कितना सपोर्ट अपनी टीम को करें? साउथ अफ्रीका में इन दिनों सूखा पड़ रहा है, सूखे की वजह ने पिच पर भी असर डाला है. यानी पिच का पचड़ा कुछ ऐसा है कि साउथ अफ्रीका जिन तेज पिचों पर खेलने की आदी है, उसे अपने ही घर अब धीमी पिचों पर खेलना पड़ेगा. इसका फायदा टीम इंडिया को होना तय है.
क्या है टीम इंडिया के लिए चिंता की बात
भारत में लगभग धीमी पिचों पर क्रिकेट खेला जाता है, जहां फिरकी गेंदबाजों का कमाल ज्यादा देखने को मिलता है. अब यदि केपटाउन का पिच भी ऐसा रहा तो मैच के पूर्व भारतीय टीम में जिन तेज गेंदबाजों को खिलाने का निर्णय लिया जा रहा है उनमे फिरकी गेंदबाजों की संख्या बढ़ानी होगी. किन्तु ये भी एक तरह से जुआ होगा. साउथ अफ्रीका बहुत चालाक भी है. उसे पता है कि इस वक्त टीम इंडिया फ़ार्म वो किसी भी हद तक जाकर उसे मात दे सकती है. वो जरूर चाहेगा कि कम से कम पिच तो उसके अनुरूप बने.
ये भी है एक तरह की चालाकी
सम्भव है फिलहाल वो सूखे की खबर प्रचारित कर पिच के धीमा होने की एक गोटी फेंक रहा हो, मैदान में जब टीम उतरे और वो धीमी पिच को ख्याल में रख कर अपने गेंदबाजों को टीम में रखे तो अचानक सब बदला हुआ मिले. इस बात का ध्यान भी टीम इंडिया को रखना होगा. ये सच है कि इस वक्त साउथ अफ्रीका के सूखे से टीम इंडिया में हरियाली है. मगर ये भी सच है कि कोहली एन्ड कम्पनी उस टीम के सामने हैं और वो भी उसके घर पर जो बेवकूफ बना सकती है. ये एक चाल भी हो सकती है जिसका ध्यान रखा जाना आवश्यक है.
ऐसे होगा टीम इंडिया को फायदा
बहरहाल, फिलहाल जो ख़बरें आ रही है उस पर नज़र डालें कि दक्षिण अफ्रीका में सूखा पड़ रहा है. दक्षिण अफ्रीका में इसकी वजह से एक दिन में 87 लीटर से ज्यादा पानी इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. अब इसी वजह से क्यूरेटर पिच पर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे पा रहे हैं. इसी दौरान आपको यह भी बता दें कि क्यूरेटर पिच पर हरी घास छोडना चाहते हैं. लेकिन पानी नहीं डाल पाने से उन्हें मुश्किल आ रही है. क्यूरेटर चाहते हैं कि बारिश हो, लेकिन अगर पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है तो उन्हें लेने के देने पड़ सकते हैं.
हरी घास नहीं रहने से पिच भारत के मुफीद हो जाएगी और भारतीय स्पिनर मुश्किल खडी कर सकते हैं. 2010 सीरीज में भी न्यूलैंडस मैदान पर हुए मैच में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को कडी चुनौती दी थी.ये ख़बरें निश्चित रूप से टीम इंडिया के लिहाज से अच्छी हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि शुक्रवार को जब टेस्ट मैच शुरू होगा तबकी स्थिति क्या होती है.
कुछ ऐसा रहेगा टीम इंडिया का दौरा
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की शुरुआत टेस्ट सीरीज के साथ होगी. इस दौरे पर टीम को 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 टी-20 मुकाबलों की सीरीज खेलनी है. पहला टेस्ट 5 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा.
ऐसा रहेगा पूरा शेड्यूल
टेस्ट सीरीज (भारतीय समय के साथ)
पहला टेस्ट: 5-9 जनवरी, केपटाउन (दोपहर 2 बजे)
दूसरा टेस्ट: 9-13 जनवरी, सेंचुरियन (दोपहर 1.30 बजे)
तीसरा टेस्ट: 24-28 जनवरी, जोहानिसबर्ग (दोपहर 1.30 बजे)
वनडे सीरीज
पहला वनडे: 1 फरवरी, डरबन (शाम 4.30 बजे)
दूसरा वनडे: 4 फरवरी, सेंचुरियन (दोपहर 1.30 बजे)
तीसरा वनडे: 7 फरवरी, केपटाउन (शाम 4.30 बजे)
चौथा वनडे: 10 फरवरी, जोहानिसबर्ग (शाम 4.30 बजे)
5वां वनडे: 13 फरवरी, पोर्ट एलिजाबेथ (शाम 4.30 बजे)
छठा वनडे: 16 फरवरी, सेंचुरियन (शाम 4.30 बजे)
टी-20 सीरीज
पहला टी-20: 18 फरवरी, जोहानिसबर्ग (शाम 6 बजे)
दूसरा टी-20: 21 फरवरी, सेंचुरियन (रात 9.30 बजे)
तीसरा टी-20: 24 फरवरी, केपटाउन (रात 9.30 बजे)
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