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अपने पैसों को सही जगह लगाने और बुरे वक़्त में वो पैसा काम आ जाए इसलिए लोग ‘बीमा’ में पैसा लगाते हैं. लोग कई तरह का बीमा करवाते हैं जैसे दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा आदि. इन बीमा में अधिकतर बीमा के अंतर्गत अगर पॉलिसी होल्डर दुर्घटना मे दिव्यांग हो जाता है या फिर उसकी मौत हो जाती है तो बीमा की तरफ से वो क्लेम का हकदार होता है.(How long does a life insurance company have to pay a claim?) बीमा क्लेम कैसे किया जाता है.

लाइफ इंश्योरेंस का क्लेम लेना काफी आसान है लेकिन इसके लिए पॉलिसी होल्डर को पहले से ही तैयार रहना होगा क्योंकि अगर उसके साथ कोई दुर्घटना घटती है तो वो कुछ नहीं कर पाएगा. उसे अपनी पॉलिसी के बारे में अपने परिवारवालों और अपने नॉमिनी को बताना होगा ताकि बुरे वक़्त में या पॉलिसी होल्डर के न होने की स्थिति में वे इसका लाभ ले सकें.

लाइफ इंश्योरेंस क्लेम लेने की प्रक्रिया (How do I claim a life insurance policy?)

पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को इंश्योरेंस कंपनी में पॉलिसी नंबर, बीमित व्यक्ति का नाम, मौत की तारीख, जगह और कारण आदि विवरण के साथ एक लिखित सूचना देनी होती है. (claim settlement procedure of life insurance) इसके लिए पॉलिसी होल्डर के परिवार से कोई व्यक्ति या फिर नॉमिनी अपनी नजदीकी बीमा ब्रांच से सूचना फॉर्म ले सकता है या फिर इसे ओफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं.

लाइफ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए जरूरी दस्तावेज़ (Document for life insurance claim)

लाइफ इंश्योरेंस क्लेम करने के दौरान नॉमिनी को फॉर्म तो भरना ही होगा साथ ही उसे कुछ जरूरी दस्तावेज़ पेश करने होंगे. क्लेम फॉर्म जमा करते समय बीमित व्यक्ति की आयु का प्रमाण, पॉलिसी दस्तावेज़, डीड्स ऑफ असाइनमेंट आदि दस्तावेज़ के साथ फॉर्म भरकर जमा करें.

मृत्यु होने की स्थिति मे बीमा क्लेम? (What is death claim?)

अगर पॉलिसी धारक की मौत लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के 3 साल के अंदर हो जाती है (What is early death claim?) तो उसे कुछ और दस्तावेज़ पेश करने होते है. इनमे अस्पताल का प्रमाण पत्र. अगर किसी बीमारी से मौत हुई तो बीमारी का विवरण. दाह संस्कार का प्रमाणपत्र, नियोक्ता का प्रमाण पत्र यदि व्यक्ति नौकरी करता था.

मेच्योरिटी के मामले मे लाइफ इंश्योरेंस क्लेम कैसी करें ? (Insurance claim maturity time)

अगर आपका लाइफ इंश्योरेंस मेच्योर हो गया है यानि की उसका समय पूरा होगा है तो इंश्योरेंस कंपनी आपको एक डिसचार्ज वाउचर भेजती है जिस पर पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति को साइन करना होता है और उसके बाद उसे वापस कंपनी भेजना होता है. डिसचार्ज वाउचर मिलने के बाद कंपनी खर्च की रकम देती है.

इंश्योरेंस क्लेम लेना एक आसान काम है और हर इंश्योरेंस कंपनी खुद खुद आपकी मदद करती है. आप बताए गए तरीके को ध्यान में रखकर भी क्लेम के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अगर आपके पास कोई पॉलिसी है तो उसके बारे में अपने परिवारवालों को जरूर बता कर रखें खासतौर पर अपने नॉमिनी को

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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