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Money Laundering Kya hai? मनी लॉन्ड्रिंग के कानून एवं सजा का प्रावधान

money laundering kya hai

बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज इन दिनों मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के चलते सुर्खियों में हैं. Money Laundering Kya hai? इसकी जानकारी कम ही लोगों को होती है क्योंकि ये Financial World की एक Term है जिसका उपयोग अपराध के लिए किया जाता है.  

आपने ये तो सुना ही होगा कि लोग काले धन को सफेद करते हैं, बस मनी लॉन्ड्रिंग वही है. असल में मनी लॉन्ड्रिंग एक तरह का अपराध है. इसे लेकर भारत में कानून भी बनाया गया है और सजा का प्रावधान भी है. 

मनी लॉन्ड्रिंग क्या है? (What is money laundering?) 

मनी लॉन्ड्रिंग एक अपराध है जो दूसरे अपराध को छिपाने के लिए किया जाता है. इसका संबंध पैसों से है. 

जब किसी व्यक्ति पास आपराधिक गतिविधि के चलते अवैध धन आता है तो उस धन को भारत में काला धन कहा जाता है. (Money Laundering Kya hai?) मतलब उस व्यक्ति ने वो धन गलत तरीके से कमाया है, वो धन अवैध है. लेकिन उस धन को लोग कुछ माध्यमों से वैध बना देते हैं जिसे मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है. 

मनी लॉन्ड्रिंग का सीधा सा मतलब ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कन्वर्ट करना होता है. इस अपराध को कई व्हाइट कॉलर क्रिमिनल के द्वारा किया जाता है जिन पर लोगों का संदेह भी नहीं होता है.   

आजकल आतंकी गतिविधि से लेकर आर्थिक अपराधों तक मनी लॉन्ड्रिंग का उपयोग हो रहा है. ये गलत काम के लिए इस्तेमाल होने वाला पैसा भारत में किसी न किसी माध्यम से इन्वेस्ट करके वैध बताते हैं और फिर उसे किसी वैध अकाउंट के द्वारा निकालकर उसे व्हाइट मनी बताया दिया जाता है. 

लेकिन असल में ये पैसा तो आपराधिक गतिविधि में ही उपयोग होना है. (Money Laundering Kya hai?) इसलिए सरकार मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर काफी सख्त है. एक छोटा सा सुराग मिलने में पर जांच एजेंसियां कार्यवाही में जुट जाती हैं. 

मनी लॉन्ड्रिंग कैसे काम करती है? (How does money laundering work?) 

मनी लॉन्ड्रिंग वे संस्थान या व्यक्ति करते हैं जो अवैध रूप से प्राप्त किये गए धन को वैध तरीके से उपयोग करना चाहते हैं. भारत में बड़ी मात्रा में अवैध नगदी का उपयोग करना या इससे निपटना बेहद खतरनाक है. 

अपराधियों को वैध वित्त संस्थान में धन डिपॉजिट करने के लिए वैध रास्तों की जरूरत होती है. (Money Laundering Kya hai?) उन्हें ऐसा दिखाना होता है कि ये जो पैसा उनके पास आया है वो वैध माध्यम से आया है. 

– इसमें सबसे पहले गैर कानूनी तरीके से कमाया गया कैश इकट्ठा किया जाता है. 

– फिर फर्जी कंपनियां बनाकर इन पैसों को वहाँ भेजा जाता है जहां टैक्स के नियम आसान हैं. 

– इसके बाद फर्जी कंपनियां वही पैसा निवेश के तौर पर भारत में लाती है. 

– मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले एजेंट इसे ऐसे दर्शाते हैं जैसे ये आपराधिक पैसा नहीं बल्कि एक वैध सोर्स से कमाया गया व्हाइट पैसा है.   

कैसे होती है मनी लॉन्ड्रिंग? (Process of money laundering) 

मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया तीन चरणों से होकर गुजरती है. 

1) प्लेसमेंट : ये काले धन को वैध वित्त प्रणाली में डालता है. 

2) लेयरिंग : ये धन के स्त्रोत को छुपाता है. 

3) इन्टीग्रेशन : इसमें वैध हो चुके धन को खातों से निकाल लिया जाता है और जिस उद्देश्य के लिए उसका उपयोग किया जाना है उसके लिए उपयोग किया जाता है. 

मनी लॉन्ड्रिंग को हम एक उदाहरण के जरिए समझते हैं. 

एक अपराधी है जॉन नाम का. इस जॉन ने किसी अपराध के बदले 1 करोड़ रुपये नगद कमाए. अगर ये 1 करोड़ रुपये अकाउंट में डालता है तो इसे ये बताना होगा कि उसने ये पैसे कैसे कमाए, अगर वो इतना पैसा खर्च करता है तब भी इनकम टैक्स वालों की नजर उस पर बनी रहेगी.

अपने पैसों का उपयोग करने के लिए वो मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लेता है (Money Laundering Kya hai?) क्योंकि उसे ये पैसा इस्तेमाल करने के लिए वैध धन दिखाना होगा और ये भी बताना होगा कि उसने ये पैसा कैसे कमाया है. 

जॉन एक बैंक के पास जाता है और लोन लेकर एक गैरेज शुरू करता है. अब मान लेते हैं कि वो एक गाड़ी ठीक करने पर 1000 रुपये कमाता है. दिनभर में उसके पास 50 गाड़ियां ठीक होने आती हैं. मतलब वो एक दिन में 50 हजार रुपये कमाता है.  जिसमें से मान लेते हैं कि 30  हजार रुपये उसका प्रॉफ़िट होता है. 

अब वो अपने रजिस्टर में 50 गाड़ियों की जगह प्रतिदिन की 100 गाड़ियां दिखाता है. जिस वजह से उसे 50 हजार की जगह प्रतिदिन 1 लाख रुपये इनकम शो करना पड़ेगी. इन पैसों में जो 50 गाड़ियों का पैसा है वो उसी ब्लैक मनी से वो इसमें व्हाइट कर लेता है. 

वो ऐसा तब तक करता रहता है जब तक कि उसके एक करोड़ रुपये पूरे नहीं हो जाते. एक करोड़ रुपये पूरे होने तक वो कमाए गए पैसों पर टैक्स भरकर उन्हें खर्च कर सकता है. इस तरह कई आपराधिक गतिविधि करने वाले अपना पैसा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ऐसे ही इस्तेमाल करते हैं. 

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग कानून (Money Laundering Act in India) 

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक कानून है जिसे PMLA कहते हैं. इसका पूरा नाम Prevention of Money Laundering Act 2002 है. इसे 1 जुलाई  2005 से लागू किया गया था जिसमें अभी तक कई बार संशोधन हो चुके हैं. इस कानून के तहत जांच करने का अधिकार ED को है. 

मनी लॉन्ड्रिंग में सजा एवं दंड प्रावधान (Money Laundering Act and Punishment) 

कोई व्यक्ति यदि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध में लिप्त पाया जाता है तो PMLA 2002 के तहत उसके लिए दंड एवं सजा का प्रावधान किया गया है. 

– मनी लॉन्ड्रिंग में यदि किसी संपत्ति का इस्तेमाल किया गया है तो संपत्ति कुर्क, जब्त की जा सकती है. 

– किसी व्यक्ति के मनी लॉन्ड्रिंग में दोषी पाए जाने पर उसे कम से कम तीन साल सश्रम कारावास का प्रावधान है. मामला यदि गंभीर है तो सजा 7 साल की भी हो सकती है. 

– यदि मनी लॉन्ड्रिंग Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act 1985 के अंतर्गत की जाती है तो कम से कम तीन और अधिकतम 10 वर्षों का कारावास हो सकता है. 

अब आप जान गए होंगे कि मनी लॉन्ड्रिंग कितना बड़ा और खतरनाक अपराध है. इसकी वजह से कई देशों में आपराधिक पैसा पहुँच रहा है और वहाँ पर आतंकी गतिविधियां मॉनिटर हो रही हैं. भारत में इसे लेकर सख्त कानून है और ED हमेशा इसे लेकर सतर्क रहती है.  

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