आज के बदलते दौर में सास और बहू के रिश्ते में आने वाली दरार परिवारों के टूटने का एक बड़ा कारण है. संयुक्त से एकल परिवार की ओर जाते समाज में बहुत ही कम परिवार देखने को मिलते हैं, जहां सास-बहू के रिश्ते में खटास न हो. कुछ मामूली सी बातें हैं जिनको मानकर आप इस रिश्ते को प्यार और सम्मान से भरपूर रख सकती हैं.
समझें एक-दूसरे को
किसी भी रिश्ते को चलाने के लिए जरूरी है एक-दूसरे को समझना और जब आप एक-दूसरे को समझ जाएंगे तो अपने आप ही रिश्ते पटरी पर आ जाते हैं. अक्सर किसी से अपनों की तुलना कर नीचा दिखने की कोशिश झगड़े का कारण बनती है. ऐसे में किसी से अपनी या अपनों की तुलना न करें. साथ ही छोटी-मोटी गलतियों को बड़ा न बनाएं.
रिश्तों को दें टाइम और स्पेस
कोई भी रिश्ता तभी सही ढंग से चल सकता है, जब उसको निभाने के लिए पर्याप्त समय और स्पेस दिया जाए. ऐसे में सास अपने बेटे और बहू के रिश्ते को स्पेस और समय दोनों ही दे. साथ ही साथ बहू और बेटा भी मां को पर्याप्त समय दें व किसी भी काम से पहले उनकी सलाह भी लें.
ज़रूर सीखें एक-दूसरे से
किसी भी रिश्ते में गिभ एंड टेक वाला फंडा काम करता है. शादी के बाद बहू को अपने घर के रीति-रिवाज़ से लेकर रिश्तों और रिश्तेदारों के बारे में अपनी सास से जानकारी ले लेनी चाहिए. ठीक इसी तरह सास को भी अपनी बहू के मायके में निभाए जाने वाले संस्कारों और रिवाजों को जानकर समय अनुसार निभाना चाहिए.
यदि बात-बात पर आपको अपने मायके को प्राथमिकता देना और सभी से मायके की तुलना करना अच्छा लगता है, तो इस आदत को बदल दीजिए. क्यों कि अक्सर इसी तरह की बातें आपको ससुराल में नीचा दिखाने के साथ ही विवाद कराने का कारण बनती हैं.
बात करने से बनेगी बात
हर बात पर सबकी सहमति बन जाए यह नमुमकिन सी बात है. ठीक ऐसा ही सास-बहू के रिश्ते में भी होता है. कई बार कुछ बातों को लेकर सास-बहू की हमेशा ही एक-दूसरे से असहमति रहती है. इस असहमति को दूर करने के लिए बहस न करें, बल्कि बैठकर एक-दूसरे से बात करें और कोई बीच का विकल्प निकल लें.