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सब्जियों में मशरूम थोड़ी महंगी लेकिन एक बेहतरीन सब्जी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने मशरूम प्रेम के लिए मीडिया में चर्चा में थे. दरअसल, स्वाद और सेहत से भरपूर मशरूम देश के कई इलाकों में खुम्ब, खुंबी, छत्राक और कुकरमुत्ता के नामों से जाना जाता है.

मशरूम शरीर के लिए सबसे जरूरी सब्जी है. कई लोग इसे जंगली फल समझकर नहीं खाते हैं, लेकिन इसमें भरपूर पोषक तत्व हैं. खासतौर पर मशरूम फाइबर का सबसे बेस्ट सोर्स है. मशरूम का उपयोग कई तरह की दवाएं बनाने के लिए भी किया जाता है.

जाने क्या है मशरूम? (what is the nutritional value of mushrooms)

मशरूम बारिश के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर उगने वाला मृतोपजीवी जीव है. थैलसनुमा होने के कारण इसे अन्य पौधों की तरह जड़, तना और पत्तियों के रूप में नहीं बांटा जा सकता. मशरूम के कई प्रकार होते हैं लेकिन सभी को खाने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है.

देश में बढ़ रहा है मशरूम की खेती का क्रेज (know about mushrooms agriculture methods)

पिछले कुछ वर्षों में देश में मशरूम की खेती करने को लेकर किसान काफी अवेयर हुए हैं. इससे होने वाले फायदों को देखते हुए लगातार किसानों में मशरूम की खेती करने का क्रेज भी बढ़ रहा है.

मशरूम की खाने योग्य प्रजातियों को विकसित करने की दिशा में माइकोलॉजिस्ट ने काफी कार्य किया है. जिससे इसका व्यवसायिक उत्पादन किया जाने लगा है.

मशरूम के फायदे और नुकसान  (what is the health benefits of mushrooms)

मशरूम Immune strength को बढ़ाकर शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. मशरूम प्रोटीन, कार्बोहाइडेट, नाइट्रोजन, फास्फोरिक अम्ल जैसे तत्व पाए जाते हैं. यदि मशरूम को रोजाना खाया जाए तो ना केवल आप हमेशा फिट रहेंगे बल्कि जवान भी रहेंगे.

मशरूम बॉडी के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, नाइट्रोजन, फास्फोरिक अम्ल होने से रोग निरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

कौन से विटामिन होतेे हैं Mushroom में (Mushrooms nutrition vitamins and minerals) 

मशरूम में भरपूर मात्रा में आयरन होता है. पर्याप्त मात्रा में लौह होने से इसके सेवन से अनीमिया को जल्द ह जड़ से दूर किया जा है. इसके अलावा दमा व मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने की भी क्षमता मशरूम में होती है.

मशरूम में कार्बोहाइडेट की मात्रा काफी कम होने से इससे डाइटिंग चार्ट में भी शामिल किया जाता है. इसके अलावा विटामिन ’डी‘ की कमी के कारण होने वाले बेरी-बेरी व त्वचा संबंधी रोगों से भी छुटकारा पाया जा सकता है.

(नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

By दीपेन्द्र तिवारी

युवा पत्रकार. लोकमत समाचार, Network18 सहित विभिन्न अखबारोंं में काम. Indiareviews.com में Chief Sub Editor.

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