Fri. Apr 26th, 2024


ब्रह्मांड की विशालता की कल्पना ही असंभव है. इतने बड़े यूनिवर्स में कहां क्या हो रहा है इसका अंदाजा हम नहीं लगा सकते है. वैज्ञानिक भी रिसर्च और लगातार यूनिवर्स में नजर बनाए रखने के बाद हमें ब्रम्हांड में होनेे वाली हलचल के बारे में सूचना देते रहते हैं.

एक नये विज्ञान समाचार के अनुसार हमारी आकाशगंगा में तारों का एक तंत्र शायद निकट भविष्य में आतिशबाज़ी दिखाएगा. वैसे तो सितारों के ऐसे खेल पृथ्वी और उसके जीवन के लिए संकट का सबब बन सकते हैं किंतु वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार किसी संकट की आशंका नहीं है.

कुछ ऐसा होगा नजारा 

तारों का यह तंत्र हमसे करीब 8000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, जिसका अर्थ है कि वहां जो कुछ होता है उसकी सूचना हमें 8000 वर्षों बाद मिलती है. इस तारा-तंत्र का नाम मिस्र के एक सर्प देवता के नाम पर एपेप है.

इस तंत्र में दो तारे हैं और उनके आसपास सर्पिलाकार धूल का बादल है. इनमें से एक तारा असामान्य रूप से भारी-भरकम सूर्य है जिसका नाम है वुल्फ-रेयत तारा. जब ऐसे भारी-भरकम तारों का र्इंधन चुक जाता है तो वे पिचकते हैं, जिसकी वजह अत्यंत तेज़ रोशनी पैदा होती है, जिसे सुपरनोवा विस्फोट कहते हैं.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक 

सिद्धांतकारों का मत है कि यदि कोई तारा काफी तेज़ी से घूर्णन कर रहा हो, तो ऐसे सुपरनोवा विस्फोट के समय इसके दोनों ध्रुवों से गामा किरणों का ज़बरदस्त उत्सर्जन होगा.

लगता है एपेप की स्थिति यही है. इस तंत्र के दोनों तारे सौर पवन फेंक रहे हैं. इस पवन और साथ में उत्पन्न रोशनी का अध्ययन करने पर पता चला है कि पवन की रफ्तार 3400 कि.मी. प्रति सेकंड है जबकि धूल के फव्वारे मात्र 570 कि.मी. प्रति सेकंड की रफ्तार से छूट रहे हैं.

यहां हुई है रिसर्च 

नेचर एस्ट्रॉनॉमी नामक शोध पत्रिका में बताया गया है कि ऐसा तभी हो सकता है जब यह तारा तेज़ी से घूर्णन कर रहा हो. तभी ध्रुवों से तेज़ पवन निकलेगी और विषुवत रेखा के आसपास गति धीमी होगी. यदि यह बात सही है कि वुल्फ रेयत तेज़ी से लट्टू की तरह घूम रहा है तो इसमें से गामा किरणों के पुंज निकलेंगे, और यदि पृथ्वी इनके रास्ते में रही तो काफी खतरा हो सकता है. अलबत्ता, गणनाओं से पता चला है कि पृथ्वी इनके रास्ते में नहीं है. वैसे भी खगोल शास्त्री जिसे निकट भविष्य कह रहे हैं, वह चंद हज़ार साल दूर है.

(स्रोत फीचर्स)

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *