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सर्दियों के मौसम में सर्दी होना आम बात है लेकिन अगर आपको बेमौसम सर्दी होती है यानि बेमौसम बार-बार छींक आती है तो वो सर्दी नहीं बल्कि नाक की एलर्जी (nose allergies) है. नाक की एलर्जी (allergic rhinitis) किसी भी व्यक्ति को हो सकती है और इसके इसके लक्षण (allergic rhinitis symptoms) भी काफी सामान्य हैं. आप नाक की एलर्जी के लक्षण जानकर इसका उपचार या इससे बचाव कर सकते हैं.

नाक की एलर्जी क्या है? (What is rhinitis and nose allergy?)

नाक की एलर्जी (nasal allergy) एक तरह की बीमारी है जो सामान्य व्यक्ति को हो सकती है या फिर ये आनुवंशिक हो सकती है. नाक की एलर्जी होने का मुख्य कारण होता है नाक के रास्ते में एलर्जिक सूजन का पाया जाना. इस रास्ते में जब भी कुछ बारीक कण आते हैं तो व्यक्ति को बार-बार छींकें आने लगती हैं.

बार-बार छींक किन कारणों से आती है? (causes of nose allergy and running nose?)

नाक की एलर्जी यानि बार-बार छींकों के आने के पीछे भी एक कारण हैं. दरअसल इन व्यक्ति की नाक अगर किसी बारीक कण जैसे धूल, भूसा, बारीक फर, बाल आदि किसी भी बारीक चीज के संपर्क में आती है तो तुरंत छींकें आने लगती है. इसके अलावा इन्हें रासायनिक रंगों जैसे परफ्यूम, डिओ, खुशबूदार साबुन, पाउडर आदि से भी एलर्जी होती है. इनके खुशबू सूंघते ही ये छींकने लगते हैं.

नाक की एलर्जी के प्रकार (types of (allergic rhinitis)

नाक की एलर्जी दो प्रकार की है-

– एक नाक की एलर्जी होती है जो मौसम के अनुसार होती है. ये नाक की एलर्जी किसी खास मौसम जैसे गर्मी, बरसात या फिर ठंड में होती है. इस एलर्जी को घास-फूस का बुखार भी कहते हैं. ये एलर्जी घास और शैवाल के कण के कारण होती है.

– दूसरी तरह की नाक की एलर्जी होती है जो व्यक्ति को 12 महीने लगी रहती है. इस प्रकार की एलर्जी में व्यक्ति को जिस चीज से एलर्जी होती है उसके कारण उसे सालभर छींके आती रहती है. मौसम वाली एलर्जी और 12 महीने वाली दोनों एलर्जी के लक्षण एक जैसे ही होते हैं.

नाक की एलर्जी से बचाव (allergic rhinitis treatment)

जिस तरह नाक की एलर्जी दो तरह की है उसी तरह इसके बचाव भी अलग-अलग है. अगर आपको मौसमी एलर्जी है तो आप इसे पूरी तरह तो खतम नहीं कर सकते लेकिन कुछ बचाव कर सकते हैं जिनसे ये कम हो जाए. आप गर्म, शुष्क और हवा वाले मौसम में खासतौर पर हवा के संपर्क में सीधे आने से बचे क्योंकि इन मौसम में आप ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा अपने घर में ऐसी चीजें ना रखें जिनसे आपको एलर्जी होती है.

12 महीने वाली नाक की एलर्जी के लिए आप आपका घर और ऑफिस दोनों जिम्मेदार हो सकते हैं. इसके लिए आप अपने घर और ऑफिस दोनों जगह पर अच्छे से सफाई करवाए साथ ही दोनों जगह पर जब सफाई हो रही हो तब मौजूद ना रहें. क्योंकि धूल के कारण ही आपको ज्यादा एलर्जी होती है. इस एलर्जी से बचने के लिए कालीन, सोफा और फर्नीचर पर साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. हमेशा ऐसे गद्दे और तकिये का इस्तेमाल करें जिनमें से धूल कम निकलती हो. अपने बिस्तर को धोने का समय भी निश्चित करें क्योंकि आप जब सोते हैं तो उन बिस्तर में भी धूल होती है जिसके कारण आपको एलर्जी की समस्या बनी रहती है. 12 महीने होने वाली एलर्जी से बचने के लिए आपको ये देखना होगा की आपको सबसे ज्यादा एलर्जी किन कारणों से हो रही है. बस फिर उन कारणों से दूर रहें.

नाक की एलर्जी के दुष्परिणाम (side effect of nose allergy)

नाक की एलर्जी से बचाव समय रहते कर लेना चाहिए. इसके लक्षण को आपको नजरंदाज नहीं करना चाहिए. अगर आप इससे बचाव नहीं करते हैं या इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो आपका गला, साइनस, कान और पेट प्रभावित हो सकते हैं. अगर नाक की एलर्जी बच्चों में है तो उन्हें सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि इससे सबसे ज्यादा वे प्रभावित होते हैं.

नाक की एलर्जी का उपचार (treatment for nose allergy)

नाक की एलर्जी पूरी तरह खत्म तो नहीं की जा सकती लेकिन इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है. इसका मुख्य कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का कम होना होता है आप कुछ ऐसी चीजों का सेवन कर सकते हैं जिनसे आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाए. जैसे आप च्यवनप्राश खा सकते हैं.

आप डॉक्टर की सलाह से उन दवाइयों का सेवन कर सकते हैं जिनसे आपकी एलर्जी कम हो सकती है.

आप इम्यून थेरेपी को भी अपना सकते हैं. इसमें मरीज को इंजेक्शन दिये जाते हैं जिसने एलर्जी करने वाले तत्व उसके शरीर में कमजोर पड़ जाते हैं.

नाक की एलर्जी अगर आपको हुई है तो आप उसे आसानी से पहचान सकते हैं. अगर आपके शरीर में या किसी के भी शरीर में इसके लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और उनकी बताई गई दवाई लें. अगर आपको किसी खान-पान से एलर्जी हो रही है तो उसके बारे में भी बताएं. आप इसे आसानी से कम कर सकते हैं और अपनी लगातार आने वाली छींक को नियंत्रित कर सकते हैं.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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