माँ सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है. समस्त शिक्षण संस्थाओं में वसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती देवी की पूजा होती है. माँ सरस्वती को प्रसन्न करके आप अच्छी बुद्धि के स्वामी बन सकते हैं. यदि आप एक स्टूडेंट है तो माँ सरस्वती की आराधना करने से आपको अच्छे फल मिल सकते हैं. माँ सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से माँ सरस्वती चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है.
सरस्वती चालीसा पाठ के नियम | Saraswati Chalisa Rules
– माँ सरस्वती चालीसा का पाठ करने के लिए नियमित सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करे. स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने.
– इसके बाद माँ सरस्वती की आराधना करने के लिए उनकी प्रतिमा या तस्वीर को अपने सामने रखे.
– इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी और नवग्रह की पूजा करनी चाहिए.
– इसके बाद माँ सरस्वती की पूजा करें. उन्हें आचमन और स्नान कराएं.
– इसके बाद उन्हें पीले फूलों की माला, सिंदूर और श्रंगार की चीजे अर्पित करें.
– इसके बाद खीर या किसी मीठी वस्तु का भोग लगाएँ.
– इसके बाद सरस्वती चालीसा का पाठ करें.
सरस्वती चालीसा के फायदे | Saraswati Chalisa Benefits
– सरस्वती चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्तों को ज्ञान व बुद्धि प्राप्त होती है.
– सरस्वती चालीसा का पाठ करने से माता सरस्वती अपने भक्तों को संपत्ति एवं जनसम्पदा प्रदान करती है.
– सरस्वती चालीसा के पाठ से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
– भक्तों में नई ऊर्जा का संचार होता है.
सरस्वती चालीसा हिन्दी | Saraswati Chalisa Hindi Lyrics
माँ सरस्वती आरती | Saraswati Aarti Hindi
सरस्वती चालीसा पीडीएफ़ | Saraswati Chalisa PDF
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