Thu. May 9th, 2024

जब भी आप कहीं काम करते हैं तो बैंक में अकाउंट खोला जाता है, जिसमें आपकी सैलरी आती है. इस अकाउंट को सैलरी अकाउंट (Salary account) कहा जाता है. सैलरी अकाउंट ज़ीरो बैलेन्स पर खोला जाता है. इसके ढेर सारे फायदे हैं जिन्हें आप जान जाए तो ये आपके काफी काम में आ सकते हैं.

सैलरी अकाउंट क्या होता है? (What is salary account?)

सैलरी अकाउंट बैंक और कंपनी की सहमति से खोला जाता है. इसे जीरो बैलेन्स (Zero balance account) पर खोला जाता है. इसमें आपके Personal documents लिए जाते हैं और ये आपके नाम पर ही खोला जाता है. ये अन्य अकाउंट की तरह ही होता है बस इसमें मिनिमम बैलेन्स (No minimum balance account) वाली सीमा नहीं होती है, ये जीरो बैलेन्स अकाउंट होता है.

सैलरी अकाउंट कैसे खोला जाता है? (How to open salary account?)

सैलरी अकाउंट खोलने (Salary account open) के लिए आपकी कंपनी ही बैंक से आवेदन करती है. बैंक से अधिकारी कंपनी में आकार आपके फॉर्म भरकर ले जाते हैं और आपका अकाउंट खोल दिया जाता है. इसमें आपको डेबिट कार्ड, चेकबुक, नेट बैंकिंग जैसी सुविधाएं मिलती हैं. ये कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद होता है.

सैलरी अकाउंट कितने तरह का होता है? (Types of salary account)

अगर आप SBI में सैलरी अकाउंट (SBI Salary account benefit) खुलवाते हैं तो आपको सैलरी अकाउंट की तीन श्रेणी मिलती है.
– अगर आपकी सैलरी 5000 से 20,000 के बीच है तो आप सिल्वर श्रेणी में आते हैं.
– अगर आपकी सैलरी 20,000 से 50,000 के बीच है तो आप गोल्ड श्रेणी में आते हैं.
– अगर आपकी सैलरी 50,000 से 1 लाख रुपये के बीच है तो आप डायमंड श्रेणी में आते है.
– 1 लाख से ज्यादा सैलरी वाले लोगों का सैलरी अकाउंट प्लेटिनम श्रेणी में आता है.

सैलरी अकाउंट के फायदे क्या है? (Benefits of salary account)

सैलरी अकाउंट वैसे तो आम सेविंग अकाउंट की तरह ही होता है लेकिन आपको इसमें सेविंग अकाउंट से ज्यादा अच्छी सुविधाएं आपको मिलती है. सच कहे तो ये आपके लिए सेविंग अकाउंट से बेहतर अकाउंट साबित हो सकता है.
– जीरो बैलेन्स अकाउंट
– फ्री नेट बैंकिंग
– ज्वाइंट अकाउंट होल्डर के लिए एटीएम कार्ड
– फ्री मल्टीसिटी चेक
– लॉकर चार्ज पर छूट
– फ्री ड्राफ्ट, एसएमएस अलर्ट, RTGS/NEFT
– 2 महीने की सैलरी होने पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा

जॉब छोड़ने पर सैलरी अकाउंट का क्या करें? (Salary account close)

जब भी आप किसी जगह से जॉब छोड़ देते हैं तो आपके खाते में सैलरी आना बंद हो जाती है. ऐसे में आपका अकाउंट बचत खाते यानि सेविंग अकाउंट में बदल जाता है. इसके अलावा अगर नई कंपनी भी उसी बैंक में आपका सैलरी अकाउंट खुलवाती है जिसमें आपका पहले था तो आप कंपनी में कहकर उसी अकाउंट का इस्तेमाल सैलरी अकाउंट के तौर पर कर सकते हैं.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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