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Home remedies for swelling in feet: पैरों में सूजन आने के कारण और घरेलू उपाय

Swelling in Feetपैरों में सूजन आना कई बार गंभीर भी हो सकता है.

आजकल की भाग-दौड़ भरी (life style problems) जिंदगी में हर व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं होती हैं. पेट, (back pain) पीठ और कमर दर्द, गले और कंधों में दर्द, कम एक्टिविटी, व्यायाम की कमी के चलते शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहा है. (legs and feet swelling) पैरों में दर्द रहना अथवा घुटनों का दर्द (knee pain) भी एक तरह की परेशानी है.

दरअसल पैरों की समस्या को कई बार व्यक्ति गंभीरता से नहीं लेता जबकि पैरों पर ध्यान नहीं देने के कारण उनमें सूजन आना भी एक समस्या बन जाता है. (foot, leg, and ankle swelling) पैरों में सूजन आना एक तरह से सामान्य समस्या है. इसमें दर्द के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है. यह एक ऐसी समस्या है जो किसी को भी हो सकती है. यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से कई तरह की तकलीफ होने लगती है.

पैरो में सूजन होने का मुख्य कारण (reason of swelling in leg) टांग के निचले हिस्से में तरल पदार्थ का जमा होना है. पैरो में सूूजन अधिक वजन के कारण, कई बार ज्यादा पैदल चलने, पहाड़ पर चढ़ाई या गुप्त या अंदरुनी चोट, ज्यादा देर तक चलने या खड़े रहने, (leg swelling images in pregnancy) प्रेग्नेंसी, बढ़ती उम्र, आदि के कारण आ जाती है. पैरों की सूजन सामान्य और कष्टदायक दोनों रूपों में हो सकती है.

आमतौर पर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन लापरवाही की स्थिति में सूजन घातक परिणाम भी दे सकती है. (how to reduce swelling in feet) आइए आपको डॉक्टरी इलाज के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे बताते हैं जो पैरों की सूजन को कम भी करेंगे और इससे आपको जल्द आराम भी मिलेगा.

पैरों की सूजन कम करने के घरेलू नुस्खे (Home remedies for swelling in feet)

नमक के पानी से सिकाई- पैरों में सूजन आने पर (warm salt water for feet) नमक के पानी की सिकाई फायदेमंद होती है. इसके लिए आप एक बर्तन में पानी में नमक डालकर गर्म करें. फिर पैरों की ऊपर से नीचे की और ले जाते हुए सिकाई करें.

गर्म पानी की सिकाई- (warm water for leg swelling) गर्म पानी पैरोंं में रक्त की चाल को सुचारू चलाने में मदद करता है. पैरों में खून के रुक जाने के कारण भी पैरो में सूजन आ जाती है. ऐसे में पैरों को 30 मिनट तक गर्म पानी में डालकर रखें. एक बात का ध्यान रखें की पानी उतना की गर्म हो की पैरों की त्वचा को नुकसान न हो त्वचा जले न. ऐसा करने से पैरो में रक्त की चाल खुल जाती है.

सरसों का तेल- सरसों का तेल (mustard oil for leg swollen feet) पैरो में जमा पदार्थ को बापस सर्कुलेशन में लाने का काम करता है. पैरो की सूजन ठीक करने के लिए  सरसों के तेल में कुछ लहसुन की कली डालकर इसे गर्म करें. रात को सोते समय इस तेल से मालिश करें. और सुबह गुनगुने पानी से पैरो की सफाई करें.

खड़ा धना या धनिये के बीज- धनिया एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है. (coriander seeds for swollen feet) पैर में सूजन के उपचार के लिए यह एक  कारगर विकल्प है. 3 बड़े चम्मच धनिए के बीजों को एक कप पानी में तब तक उबालें, जब तक कि पानी की मात्रा आधी न हो जाए. अब पानी को छान लें और हल्का ठंडा होने दें. अब इस पानी को धीरे-धीरे पिएं. या आप धनिये के बीज को पीसकर सूजन वाली जगह पर भी लगा सकते हैं. इससे भी आपको आराम मिलेगा.

नींबू- नींबू सूजन को कम करने में (lemon for swelling feet) आपकी मदद करता है क्योकि इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. पैरों की सूजन की समस्या से निजात पाने के लिए आप रात को सोने से पहले एक चम्मच नींबू का रस, आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण, एक चम्मच जैतून का तेल, एक चम्मच दूध को मिलाकर लेप बना लें. अब इसे सूजन वाली
जगह पर लगाएं. कुछ घंटे के बाद या सुबह गुनगुने पानी से साफ कर लें.

बेकिंग सोडा- पैरों में सूजन का (baking soda for swollen feet) इलाज आप बेकिंग सोडे से भी कर सकते हैं. यह एंटीमाइक्रोबियल गुण से समृद्ध होता है, जो दर्द व सूजन से राहत देने का काम करता है. सबसे पहले चावल उबाल कर उसमे से पानी निकाल लें. दो चम्मच चावल के पानी में दो चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं. अब इसे अपने सूजे हुए पैर पर 15 मिनट तक लगाएं. और ठंडे पानी से साफ कर लें.

खीरा- सूजे हुए पैरों को आराम देने के लिए (cucumber for swollen feet) आप खीरे का इस्तेमाल कोल्ड थेरेपी की तरह भी कर सकते हैं, जो सूजन को कम कर त्वचा को पोषित करने का काम करता है. खीरे को पतले-पतले स्लाइस में काटें. इन स्लाइस को अपने पैरों पर रखें और एक ढीली पट्टी के साथ कवर करें. आधे घंटे के बाद पट्टी हटा दें.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. पैरों में सूजन आना एक सामान्य समस्या तो है, लेकिन यह कई बार लिवर और किडनी संबंधी गंभीर बीमारी क संकेत भी हो सकते हैं. यदि ज्यादा समस्या है तो बेहतर होगा अपने डॉक्टर से सलाह लें.

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