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Income tax भरना नौकरी पेशा इंसान के लिए काफी सिरदर्द बन जाता है क्योंकि ITR फ़ाइल करते वक़्त उनसे उनके पैसों के इनवेस्टमेंट के बारे में पूछा जाता है जिससे वे टैक्स पर छूट (Income tax rebate) का लाभ उठा सकें. उस वक़्त लोग जल्दबाज़ी में अपना पैसा कहीं भी इन्वेस्ट कर देते हैं और सोचते है की उन्हे टैक्स पर अच्छी छूट मिलेगी. लेकिन ये गलत है. अगर आपको इनकम टैक्स पर छूट चाहिए तो इसके लिए आपको सालभर अपना पैसा कहाँ इन्वेस्ट करना है ये प्लान करना होगा. आपको अपनी इनकम को टैक्स पर मिलने वाली छूट के हिसाब से सही इन्वेस्ट करना होगा तभी आपको टैक्स पर अच्छी बचत मिल पाएगी.

खुद का और परिवार के सदस्यों का जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा करवाए (Tax rebate on life insurance and health insurance)

अगर आप अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य का जीवन बीमा करवाते हैं तो सालभर में आपको 80 सी के तहत 1.5 रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है (tax saving investments under 80c). मतलब आपकी इनकम के 1.5 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा जीवान बीमा से मिलने वाला पैसा सेक्शन 10 (10डी) के तहत टैक्स फ्री होता है.
जीवन बीमा के अलावा अगर आप अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य का मेडिकल बीमा करवाते हैं तो आपको उसमें निवेश किए गए पैसों पर सेक्शन 80 डी के तहत छूट मिलती है (tax saving options other than 80c).

EPF में ले सकते हैं टैक्स छूट (Tax rebate on EPF)

अगर आप नौकरी पेशा व्यक्ति है तो आपका EPF जरूर कटता होगा. ये आपको सैलरी का 12% प्रतिशत हिस्सा होता है लेकिन अगर आप चाहे तो इससे भी ज्यादा हिस्सा EPF के रूप में कटवा सकते हैं और टैक्स छुट का लाभ उठा सकते हैं. इसमें इन्वेस्ट किए गए पैसों पर सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिलती है. 80 सी के तहत आप इसमें 1.5 लाख सालाना इनवेस्टमेंट पर टैक्स छूट पा सकते हैं. अपने EPF का प्रतिशत बढ़वाने के लिए आपको आपकी कंपनी के HR से संपर्क करना होगा और वहाँ EPF को VPF में बदलने के लिए कहना होगा. वीपीएफ़ को स्वेच्छिक भविष्य निधि कहते हैं.

होम लोन पर टैक्स छूट (Tax rebate on home loan)

अगर आप खुद के मकान का होम लोन चुका रहे हैं तो आप इस पर टैक्स छूट पा सकते हैं. इस पर दो तरह से टैक्स छूट मिलती है एक तो होम लोन के मूलधन पर और दूसरी होमेलोन के ब्याज पर. होम लोन के मूलधन पर आप सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 की राशि पर सालाना टैक्स बचा सकते हैं. और जो ब्याज आप चूकते हैं उसमें दो लाख तक की राशि पर सेक्शन 24 के तहत टैक्स बचा सकते हैं.

बच्चों की tuition fees पर टैक्स बचत (Tax rebate on tuition fees of children)

आप अपने दो बच्चों की स्कूल या फिर कॉलेज फीस पर सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स बचा सकते हैं. सालभर में आप यहाँ 1.5 लाख रुपये तक निवेश करके उस राशि पर टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे ये सुविधा केवल दो बच्चों के लिए है और इसके लिए आपको एड्मिशन और साल भर की फीस की रसीद संभाल कर रखना पड़ेगा.

अवकाश यात्रा भत्ता (LTA) पर बचा सकते हैं टैक्स (Tax rebate on LTA)

अगर आपको सालभर में अवकाश यात्रा भत्ता मिलता है तो आप उस पर भी टैक्स बचा सकते हैं. इस पर सरकार सेक्शन 10(5) के तहत छूट देती है. लेकिन ध्यान रहें इसमें आपको एलटीए के लिए मिलने वाला पूरा पैसा टैक्स फ्री नहीं होता है. इसमें बस आपके परिवहन का खर्च टैक्स छूट के दायरे में आता है. और इसमें आप दो साल में केवल एक बार टैक्स छूट के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में करें निवेश (Tax saving on ELSS)

साल भर में आप 80 सी के तहत 1.5 लाख पर टैक्स बचा सकते हैं लेकिन आप सेक्शन 80 डी के तहत टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड में इन्वेस्ट करके भी 1.5 लाख रुपये पर और टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे इसमें अगर आपने पैसा इन्वेस्ट किया तो वो तीन साल के लिए लॉक रहेगा. अगर आप तीन साल से पहले पैसा निकालते हैं तो आपको टैक्स छूट नहीं मिलेगी.

मकान किराए भत्ते पर टैक्स छूट (Tax rebate on HRA)

अगर आप नौकरी कर रहे है और किराए के घर में रह रहे है जिसके लिए आपको कंपनी की ओर से किराया भत्ता दिया जाता है तो आप इसके लिए टैक्स छूट के लिए अप्लाई कर सकते हैं. HRA आपको अलग-अलग जगह के हिसाब से मिलता है जो आपकी सैलरी पर निर्भर होता है.

आप सालभर इन विकल्प में निवेश कर सकते हैं जिनसे आपको ज्यादा से ज्यादा टैक्स पर छूट मिल सकती है. इसके अलावा भी कई टैक्स बचाने के विकल्प हैं जिन्हें आप टैक्स एक्स्पर्ट्स की मदद से जान सकते हैं. आप अपना पैसा किसी भी विकल्प में निवेश करने से पहले टैक्स एक्सपेर्ट की सलाह जरूर लें और देखें की आप सालभर कहाँ कहाँ निवेश करके अपना ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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