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15 मार्च 1959 को जन्में उदय कोटक आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. विश्व के चौथे बड़े निजी बैंक के मालिक उदय कोटक ने निजी फर्म में नौकरी से अपने सफर की शुरुआत की. उन्होंने 22 मार्च 2003 में कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड की नींव रखी और कामयाबी की वह कहानी लिखी जिसे आज के युवा प्रेरणा के तौर पर देखते हैं.

उदय कोटक की जीवनी (Uday kotak biography and life) 
आज कोटक महिंद्रा बैंक (kotak mahindra bank) के नाम से जानी जाने वाली उनकी वह कोशिश आरबीआई से लाइसेंस लेने वाली पहली कंपनी भी बनी. 2018 के फोर्ब्स की सूची में दुनिया के बड़े रईसों में शुमार होने वाले 10.6 मिलियन डॉलर संपत्ति के साथ उदय कोटक का जीवन संघर्षो से भरा हुआ है.

गुजराती मध्यमवर्गीय परिवार में लोहाना समाज में जन्में उदय कोटक के परिवार में 60 लोग थे. सामूहिक परिवार में उदय कोटक के पिता कपास का व्यापार कर अपने परिवार का लालन पालन किया करते थे. हिंदी मीडियम के विद्या मंदिर स्कूल से पढ़ाई कर उदय आज दुनिया के अरबपतियों में शामिल हैं.

सितार और क्रिकेट के शौकीन उदय कोटक ने सीडेनहम कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में 1982 में जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीस से मैनेजमेंट की डिग्री पाने में सफल रहे.

कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना (kotak mahindra bank history)
उदय कोटक ने फिर अपने दोस्तों से उधार लेकर कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड कंपनी (kotak capital management finance ltd) शुरू की जो आज कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड (kotak mahindra finance limited) के नाम से जानी जाती है. आज कोटक महिंद्रा बैंक की 600 शाखाएं संचालित हैं. उदय कोटक की 1985 में पल्लवी से शादी हुई उन्हें 2014 में यंग वर्ल्ड इंटरप्रोयर के लिए नामित किया गया.

मिनी मास्टर द पावर फाइनेंशियल वर्ल्ड में जगह पाने वाले वे अकेले भारतीय रहे. 2017 में इंडिया टुडे मैगजीन ने उन्हें 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल किया. बेस्ट CEO इन द वर्ल्ड का खिताब 2018 में उन्हें CEO वर्ल्ड के द्वारा दिया गया.

उदय कोटक के किस्से यह भी (uday kotak life) 
उदय कोटक क्रिकेट में स्कूल टीम के कैप्टन थे और गणित में बेहद अच्छे थे. मतलब वे खेल और पढ़ाई दोनों में बढ़िया रहे. 1979 में एक क्रिकेट मैच में फील्डर की स्टम्प पर फेंकी गेंद उनके सिर पर लगी और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया. वे मरते मरते बचे. उदय कहते भी हैं-हर फैसले में मुझे परिवार के 14 मेंबर्स से डील करना पड़ता था औऱ यही वजह है जिसके चलते मैं फैमिली के साथ बिजनेस नहीं करना चाहता था. 300 स्कैवयर फिट में उन्होंने अपना ऑफिस शुरू किया.

उदय से ‘उदय कोटक’ बनने की कहानी 
1980 में कई विदेशी बैंक इंडिया आए, फिर वे आनंद महिंद्रा से मिले. 1986 में आनंद ने उदय के साथ इन्वेस्ट किया और फिर कंपनी को नाम दिया-कोटक महिंद्रा. ‘कोटक’ के मायने ‘महिंद्रा’ के जुड़ने से बदल गए .

कोटक महिंद्रा की अन्य कंपनियां (kotak mahindra group of companies)
कोटक महिंद्रा बैक, (kotak mahindra bank) कोटक सिक्योरिटीज, (kotak securities)  कोटक म्युचुअल फंड (kotak mutual fund) जैसे कई बिजनेस खड़े करने वाले उदय कोटक आज बिजनेस वर्ल्ड में जीरो से हीरो बनने वाले बिजनेस टायकून हैं. मुंबई में रहने वाले उदय कोटक कोटक महिंद्रा बैंक को देश और दुनिया में आगे बढ़ाते जा रहा है और कभी एक मध्यम वर्गीय परिवार के सदस्य रहे उदय कोटक आज देश और दुनिया के बड़े उद्योगपतियों और अमीर लोगों में शुमार हैं.

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