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मनुष्य को इस संसार की सबसे सर्वश्रेष्ठ कृति माना जाता है. इसकी वजह है की मनुष्य के अंदर कुछ विशेष गुण होते हैं जो उन्हें संसार के अन्य चीजों से अलग करते हैं. मनुष्य के अंदर विवेक, चरित्रबल, और अनुशासन होता है जो एक मनुष्य को महान बनाता है. मनुष्य के जीवन में अनुशासन का काफी ज्यादा महत्व है इसलिए कई कक्षाओं की परीक्षा में ‘जीवन में अनुशासन का महत्व’ या ‘अनुशासन पर निबंध’ पूछा जाता है.

जीवन में अनुशासन निबंध/ अनुशासन पर निबंध

प्रस्तावना

मनुष्य के जीवन में अनुशासन हो तो वो ज़िंदगी में बहुत कुछ कर सकता है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में अनुशासन ही वो चीज है जो उसे दूसरों से अलग बनती है. कई बार कहा भी जाता है की इंसान और जानवर में क्या फर्क है तो दोनों में से एक फर्क अनुशासन का भी है. जो व्यक्ति अनुशासित नहीं होता उसे जानवर के समान ही माना जाता है. सेना में, नौकरियों में, स्कूल में, कॉलेज में अनुशासित रहने के लिए कहा जाता है इसके पीछे कारण है की आप वहाँ जो काम करने गए हैं उसे सही तरीके से पूरी लगन के साथ करें.

अनुशासन का आधार

अनुशासन की शुरुवात घर से ही होती है. लेकिन आमतौर पर सभी का सामना अनुशासन से स्कूल में होता है॰ प्राचीन काल में पढ़ाई के लिए बच्चे गुरुकुल में रहा करते थे जहां उन्हें पूरे अनुशासन के साथ रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करनी होती थी. वहाँ छात्र चाहे किसी भी परिवार का हो सभी को समान रूप से अनुशासन का पालन करना पड़ता था. तभी आगे जाकर वे अपने जीवन में पूरी तरह अनुशासित रहते थे. आज के समय में शिक्षा के लिए स्कूल हैं लेकिन अनुशासन की शुरुवात हमें घर से ही करनी चाहिए ताकि स्कूल में बच्चे पूरी तरह अनुशासित रहें और उन्हें वहाँ के अनुशासन में ढलने में कोई दिक्कत न हो.

अनुशासन का अर्थ

ऐसा नहीं है की अनुशासन का मतलब सिर्फ रोज समय पर नहाना और समय पर खाना है. अनुशासन का मतलब आपकी पूरी दिनचर्या से है. आप किस तरह अपने दिन के 24 घंटे को इस्तेमाल करेंगे. आप इन 24 घंटे में सिर्फ घर बैठकर टीवी या मोबाइल देखेंगे या फिर इन 24 घंटे का उपयोग किसी काम के लिए करेंगे. अनुशासन का मतलब समय पर हर चीज करने का है. समय पर उठना, समय पर अपने रोज के काम करना, समय पर सेहत के लिए काम करना, समय पर अपनी पढ़ाई या फिर काम को करना और समय पर सोना है. अगर आपका पूरा दिन अस्त व्यस्त तरीके से जाता है तो आप अपने जीवन में अनुशासित नहीं है.

अनुशासन का महत्व

जीवन में अनुशासन का काफी ज्यादा महत्व है. जो व्यक्ति अनुशासित होता है वो अपने जीवन में उसकी मनचाही मंजिल को पा सकता है, वो अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकता है. अनुशासित रहने वाले व्यक्ति को अपनी क्षमताओं के बारे में पता होता है और उसे पता होता है की उसने जो लक्ष्य तय किया है वो कैसे पूरा होगा. वही जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासित नहीं रहता उसका मन भटकता रहता है. उसे अपने लक्ष्यों को पाने के लिए काफी संघर्ष करना होता है क्योंकि उसे अपनी क्षमताओं का पता नहीं होता.

अनुशासनहीनता की समस्या

इस दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो अनुशासनहीनता की समस्या से ग्रस्त हैं. इसका कारण हम किसी चीज को नहीं दे सकते हैं. कई लोग कहते हैं की हम मोबाइल के कारण, टीवी के कारण अनुशासनहीन हैं लेकिन ये चीजें तो सुविधा के लिए बनाई गई है ना की अनुशासनहीन के लिए. दरअसल इसमें सारा दोष हमारा और हमारे दिमाग का है. हम खुद ही इनमें अपना समय बर्बाद करते हैं और फिर कहते हैं की हमारे पास समय नहीं है, हमारे काम समय पर नहीं हो रहे हैं. अनुशासनहीन होने के जिम्मेदार हम खुद हैं.

उपसंहार

ऐसा नहीं है की जीवन में अनुशासन ही सब कुछ है कभी-कभी थोड़ा मनोरंजन भी चलता है लेकिन अगर आप ज़िंदगी में कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो जीवन में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है. अनुशासन की कमी के चलते आपकी सेहत और आपकी ज़िंदगी दोनों प्रभावित होते हैं.

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