टीम इंडिया बीते कुछ सालों दुनिया की सर्वेश्रेष्ठ बनकर उभरी है. पहले महेंद्र सिंह धोनी और बाद में विराट कोहली की कैप्टनशिप में टीम इंडिया ने क्रिकेट की दुनिया में भारत को नंबर वन बना दिया है. बीते 5 सालों में विराट कोहली टीम इंडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि बनकर उभरे हैं.
एक समय था जब भारतीय टीम के सबसे धाकड़ बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का सारा जमाना दीवाना रहा. सचिन को क्रिकेट के भगवान की उपाधि दी गई और उनके रिकॉर्ड्स को देखकर कहा गया कि संभव ना हो हो कि आने वाले समय में कोई सचिन तेंदुलकर के इन रिकॉर्ड्स को तोड़े.
क्यों क्रिकेट में भगवान हैं सचिन तेंदुलकर?
बहरहाल, सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान की उपाधि किसी जल्दबाजी में नहीं दी गई है. सचिन की बैटिंग ने दुनिया के अच्छे-अच्छे बॉलर्स की गेंदबाजी भुला दी. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर और दुनिया के महान स्पिनर शेनवॉर्न ने मीडिया को एक बार कहा था कि उन्हें सचिन के सपने आने लगे थे.
ग्लेन मैग्राथ हो या पाकिस्तान के शोएब अख्तर, सचिन तेंदुलकर के बैट ने सभी को सपने दिखाए. भविष्य के कई कीर्तिमान रचे और पुराने कई रिकॉर्ड्स को ध्वस्त किया. इस तरह सचिन रिकॉर्ड बनाते रहे और क्रिकेट की दुनिया के भगवान बन गए. यकीनन सचिन आज भी लाखों दिलों की धड़कन हैं. वे भारत के सबसे सर्वौच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित हैं.
सचिन के बाद उभरते खिलाड़ी विराट कोहली
हालांकि इधर, कुुछ समय से भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने अपनी बिल्कुल अलग बल्लेबाजी से पूरी दुनिया में धाक जमाई है.
क्रिकेट के चाहने वालों के बीच कोहली सबसे विश्वसनीय ब्रांड बनकर उभरे हैं. आज जबकि कोहली तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और नये रिकॉर्ड्स अपने नाम कर रहे हैं तो क्रिकेट में उनकी तुलना भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से होने लगी है.

सवाल यह है कि क्या वाकई सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना संभव है? जानकार मानते हैं क्रिकेट की दुनिया में कोई शख्स महान खिलाड़ी उसके रिकॉर्ड्स और लगातार चलने वाली फॉर्म से बनता है. ऐसे में सचिन और विराट दोनों की ही फॉर्म लगातार अच्छी ही चली है.
रिकॉर्ड्स की बराबरी में सचिन आज भी कोहली से आगे हैं, लेकिन कोहली के पास अब भी लंबा करियर है और वे जिस अंदाज में खेल रहे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं कि वे आने वाले समय में कुछ खास रिकॉर्ड बनाएं.
सचिन और विराट के रिकॉर्ड्स
एक समय था जब किसी ने कल्पना भी नहीं कि होगी की कोई खिलाड़ी सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर सकता है, लेकिन विराट कोहली ने अपने खेल का रवैया बदला और अपने करियर में रफ्तार पकड़ कर लोगों की सोच को बदला. सचिन की तरह ही वह आए दिन कई नए रिकॉर्ड्स बनाकर अपने नाम का परचम लहरा रहे हैं.
सचिन और विराट की तुलना उस समय और भी अधिक होने लगी जब हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली ने अपना करियर का 23वां शतक जड़कर दुनिया को दिखा दिया कि वह भी क्रिकेट के भगवान बन सकते हैं. उस समय एक गज़ब का संयोग देखने को मिला, जिसने हर किसी को विराट की तुलना सचिन से करने पर मजबूर कर दिया.
इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 29 वर्षीय विराट कोहली ने शतक जड़कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर (वनडे, टेस्ट, टी20) का 58वां शतक लगाया.
विराट ने अपनी इस पारी में 103 रन बनाते हुए शानदार बल्लेबाजी की. अब संयोग की बात यह है, सचिन तेंदुलकर ने 17 साल पहले 2001 में 58वां अंतरराष्ट्रीय शतक इंग्लैंड टीम के खिलाफ ही जड़ा था, इतना ही नहीं सचिन ने भी उस पारी मे 103 रन बनाए थे.
रिकॉर्ड की पिच पर सचिन और कोहली
देश में हो या विदेश में वनडे हो या फिर टेस्ट क्रिकेट में, सचिन तेंदुलकर की यादगार पारियों एवं रिकॉर्ड की तरह विराट भी कई कीर्तिमान रचते हुए बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. सचिन के फैंस मान रहे थे कि उनका रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं सकता, लेकिन उन सभी व्यक्तियों को विराट ने एक पल के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है.
अंतरराष्ट्रीय शतकों की यदि बात की जाए तो सचिन तेंदुलकर ने 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 100 शतक का इतिहास रचा था, जबकि विराट कोहली ने अभी हाफ मार्क किया हैं. विराट ने अब तक 341 मैचों में 58 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए हैं.
सचिन की खेलने की तकनीक और विराट कोहली का अंदाज?
क्रिकेट की दुनिया में दो महान खिलाड़ियों की तुलना कोई नई बात नहीं रही है. एक समय सुनील गावस्कर भारत के महानतम बल्लेबाज रहे और जब सचिन मैदान पर जौहर दिखा रहे थे तब उनकी तुलना सुनील गावस्कर से हुई. कमाल की बात है कि सचिन तकनीकी रूप से सुनील गावस्कर से आगे निकले और रिकॉर्ड्स की लंबी सीरीज ने उन्हें क्रिकेट का भगवान बना दिया.
बात यदि विराट कोहली और सचिन की हो तो क्रिकेट की ब्यूटी सचिन तेंदुलकर के पास रही वैसी कोहली के पास नदारद है. ब्राइन लारा और राहुल द्रविड भी सचिन जितने ही महान हैं सवाल बस रिकॉर्ड बनाने और बेहतर फॉर्म का है. सचिन, लारा और राहुल द्रविड जैसे क्लासिक क्रिकेट प्लेयर्स ने क्रिकेट जैसे खेल की एक संस्था पैदा कर दी.
दरअसल, ये सारेे लोग क्रिकेट का स्कूल हैं. जब भी आप क्लासिक क्रिकेट की बात करेंगे वहां सचिन द्रविड और लारा जैसे खिलाड़ी मिलेंगे लेकिन वहां कोहली केवल सफल कप्तान, कीर्तिमान रचने वाले खिलाड़ी और महान क्रिकेटर के रूप में होंगे, लेकिन सचिन तेंदुलकर नहीं हो पाएंगे.
क्या सचिन से आगे निकल जाएंगे विराट कोहली?
सचिन की तुलना में सबसे स्ट्रांग तकनीकी खिलाड़ी केवल राहुल द्रविड़ हुए बाकी और कोई नहीं. विराट तेजी से रन बनाते हैं लेकिन खेल का वह अंदाज उनके पास कभी नहीं रहा जो सचिन के पास है. सचिन ने तेजी से रन तो बनाएं लेकिन जो ब्यूटी उनके खेल के में देखने में आई वैसे कोहली में दूर-दूर तक नहीं दिखाई देती.
हालांकि कोहली जितने फायदेमंद टीम और मैच के लिए साबित हुए उतने सचिन कभी नहीं हुए. यही नहीं सचिन कोहली की तुलना में एक बेहतर कप्तान नहीं रहे. ये बात सचिन को चाहने वाले भी मानते हैं. यही सचिन को कोहली से कमजोर बनाता है.
सबसे ज्यादा शतक लगाने की रेस मे सचिन का नाम सुनहरे अक्षरों में पहले नंबर पर हैं, जबकि विराट कोहली का नाम पांचवें स्थान पर हैं. यदि विराट इसी तरह अपना खेल और भी बेहतर करते गए तो, वह दिन ज्यादा दूूर नहीं जब विराट सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते है. लेकिन केवल रिकॉर्ड तोड़ने से कोई सचिन जितना महान हो सकता है इस पर अब भी सवाल है. क्योंकि वाकई में सचिन जैसे खिलाड़ी भूतो ना भविष्यति ही है..!