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symptoms of a calcium deficiency

शरीर के सर्वांगीण विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है. संतुलित और पौष्टिक आहार ही स्वस्थ तन और मन की कुंजी है. आहार को पौष्टिकता प्रदान करने वाले विभिन्न तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और फायबर आदि होते हैं.

शरीर में भी न्यूट्रीएंट की अपनी अलग और महत्वपूर्ण भूमिका होती है. कार्बोहाइड्रेट से एनर्जी, प्रोटीन से मांसपेशियों का निर्माण वसा से ऊर्जा, मिनरल और विटामिन्स शरीर के दूसरे कामों में सहायता करते हैं.

विटामिन का महत्व (vitamin d deficiency symptoms dizziness)

विभिन्न पोषक तत्व हमारे भोजन को संपूर्णता प्रदान करते हैं और विटामिन का इसमें खास महत्व है. आहार में किसी भी विटामिन की कमी, किसी भी बीमारी का न्यौता होती है.

दरअसल, विटामिन्स का मुख्य कार्य हमारे भोजन को ईंधन में बदलना है जिससे शरीर में खाया हुआ खाना ठीक से पच सके, शरीर को सही रूप में एनर्जी मिल सके और साथ ही शरीर को निरोग रख सके. हमारे खाने में उपलब्ध सभी पौष्टिक तत्वों का लाभ भी शरीर को सही ढंग से मिल सके, यह काम भी विटामिन्स का ही है.

विटामिन-D की कमी के कारण व लक्षण  (what happens if vitamin D is low?)

इंसान के शरीर में हर विटामिन का अपना अलग-अलग महत्व होता है, फिर चाहे वो विटामिन डी ही क्यों न हो. क्योंकि इसकी कमी से कई ऐसी बीमारियां हैं जो आपके शरीर में दस्तक दे सकती है.

विटामिन-D की समस्या मुख्य रूप से महिलाओं में बहुत अधिक देखने को मिलती है. विटामिन-D न केवल आहार से प्राप्त होता है, बल्कि सूर्य की रौशनी से यह लोगों को सीधे तौर पर मिलता है. आजकल की इस दिनचर्या में बहुत से ऐसे लोग हो जो दिन भर धूप की रौशनी नहीं ले पाते जिसके कारण उनके शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है.

विटामिन डी की कमी से हमारे शरीर में 10 ऐसे रोग हैंं जो हमेंं घेर लेते हैं सके बारे में हम समझ ही नहीं पाते की आखिर किस चीज की कमी से ऐसा हो रहा है.

विटामिन-D की कमी से होती है ये बीमारियां (vitamin d deficiency disease name)

जब हमें बार-बार खांसी-जुकाम की समस्या होती है तो इससे हमारा डेली का रूटीन पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है. हम आपको बता दे खांसी-जुकाम वैसे कहने को तो कोई बीमारी नहीं है लेकिन सबसे ज्यादा परेशान हमें यही करती है. लेकिन बार-बार इन्फेक्शन होना भी विटामिन-डी की कमी का ही संकेत करता है.

दरअसल, हमारे immune system यानी प्रतिरोधक क्षमता का महत्त्वपूर्ण हिस्सा “T-Cells” Vitamin D द्वारा ही ठीक से activate होते हैं. और इसकी कमी व्यक्ति को बार-बार बीमार कर सकती है.

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विटामिन-डी की कमी से आप तनावग्रस्त हो सकते है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी थी उनमे स्वस्थ लोगों की अपेक्षा अवसादग्रस्त होने की संभावना 11 गुना तक ज्यादा पाई गयी है इसलिए यदि आप भी डिप्रेशन में हैं तो हो सकता है आपके अन्दर भी विटामिन डी की कमी हो सकती है.

ऐसा कई बार देखने को मिलता है की बाकी शरीर की तुलना में सर से अधिक पसीना आने लगता है तो आपको बता दे ऐसा होना हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है.

विटामिन-D की कमी के लक्षण 

सांस लेने से सम्बंधित समस्या का होना भी (vitamin d deficiency symptoms) विटामिन डी की कमी का लक्षण हो सकता है. यदि दिन में ज्यादा नींद आये ,या फिर बिना मेहनत के भी थकान महसूस हो तो ये संकेत शरीर में विटामिन डी के कमी का हो सकता है इसे जरा भी नजरंदाज ना करें.

Vitamin-D हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद ज़रूरी है क्योंकि ये खाने में मौजूद कैल्शियम को प्रयोग करने में शरीर की मदद करता है और यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो ऐसे में रिकेट्स की बीमारी होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द, हड्डियों का दर्द ,पीठ दर्द जैसी प्रॉब्लम और बाल झड़ रहे हैं तो यह भी विटामिन की कमी के संकेत हैं. 

बता दें कि रिकेट्स एक ऐसी बीमारी है जिसमे बोन टिश्यू ठीक से मिनरलाइज नहीं होते, जिसके वजह से हड्डियां नर्म हो जाती है और बॉडी का शेप बिगड़ जाता है.

शरीर में विटामिन D की कमी होने पर आप समय से पहले बुड्ढे दिखाई दे सकते हैं. आपके चेहरे पर झुर्रियां साफ दिखाई दे सकती हैं, ऐसे में अपने शरीर में इसकी कमी को दूर करें.

विटामिन-डी के लिए आहार  (know about vitamin d foods list in hindi)

लाइफ स्टाइल में  शरीर में (vitamin d deficiency) विटामिंस की कमी होना आम बात है. पोषक आहार ना लेना, नींद पूरी ना होना, एक्सरसाइज की कमी के चलते कम उम्र में ही गंभीरक बीमारियां हो रही हैं. दिन-रात AC में काम करना विटामिन-डी  की कमी का सबसे बड़ा कारण है.

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शरीर में विटामिन-डी की पूर्ति के जरूरी है कि आप डाइट में बदलाव किए जाएं. हरी सब्जियां, अंडा, विशेष रूप से अंडे का पीला भाग, नींबू, पत्ता गोभी, पनीर, दूध, मक्खन, मछली, संतरा, मशरूम, कॉड लिवर ऑयल, गाजर, और खास तौर पर धूूूप विटामिन डी के बड़े सोर्स हैं.   

इसलिए जरूरी है विटामिन-D (How to get vitamin D from sunlight)

विटामिन-D, आपके ह्रदय के लिए बहुत जरूरी है. शरीर में (vitamin D) विटामिन D की कमी होने के कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. मसूड़ों संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे मसूड़ों में सूजन, लाल होना, और मसूड़ों से खून बहना इत्यादि.

इसके अलावा गैस्ट्रोइनटेस्टाइनल रोग जैसे की स्ट्रिक बाईपास सर्जरी, सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोन रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

बेहतर होगा कि यदि आपके शरीर में इस तरह के लक्षण हैं तो समय रहते विटामिन-डी की जांच कराएं. इसकी जांच महंगी होती है लेकिन इसे साल में एक बार जरूर करवाना चाहिए. 

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकतासतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)

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