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El Nino in Hindi : अल नीनों क्या है, ये भारत को कैसे प्रभावित करता है?

भारत में जब भी मानसून में कोई बदलाव आता है तो अलनीनो (El Nino) का नाम जरूर सामने आता है. काफी लोग इसे एक मानसूनी घटना मानते हैं लेकिन ये इससे भी काफी बढ़कर है.

El Nino किसी देश की अर्थव्यवस्था तक को प्रभावित कर सकता है, किसी देश में महंगाई को बढ़ा सकता है. इसलिए El Nino Kya hai? अलनीनो का क्या प्रभाव होता है? अलनीनो कैसे किसी देश को प्रभावित करता है? आसान शब्दों में इन सभी चीजों के बारे में जानेंगे.

अल नीनो क्या है? (What is El Nino?)

पृथ्वी पर सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है और सबसे बड़ा महाद्वीप एशिया महाद्वीप है. अल नीनो का संबंध इन दोनों से है.

सबसे पहले हम ये समझते हैं कि अल नीनो का मतलब (El Nino Meaning) क्या होता है?

अल नीनो एक स्पेनिश शब्द है जिसका मतलब ‘छोटा लड़का’ होता है.

लेकिन मौसम विज्ञान की भाषा में इसका मतलब कुछ और होता है. उष्ण कटिबंधिया प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है.

अमेरिका और एशिया महाद्वीप के बीच स्थित प्रशांत महासागर में जब समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है तो इस घटना से सम्पूर्ण एशिया का मानसून प्रभावित होता है. इसी घटना को अल नीनो कहा जाता है. इसके कारण मौसम सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है.

ला नीना क्या है? (What is La Nina?)

अल नीनो के साथ ही हमें ला नीना नाम का शब्द भी सुनाई देता है. ये भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर क्षेत्र के सतह पर निम्न हवा का दबाव होने की स्थिति है. इसमें समुद्री तापमान काफी काम हो जाता है. इसका सीधा असर दुनियाभर के तापमान पर होता है. तापमान औसत से ज्यादा ठंडा हो जाता है.

अल नीनो का असर (Effect of El Nino?)

अल नीनों जलवायु प्रणाली को प्रभावित करने वाला एक कारक है. ये मौसम पर बहुत गहरा असर डालता है.

– इसके प्रभाव से प्रशांत महासागर की सतह का पानी असामान्य रूप से गर्म हो जाता है.
– इसके प्रभाव से पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर पद जाती हैन.
– इससे समुद्री जीव-जंतुओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है, ये जन्तु समय से पहले ही मार जाते हैं.
– इसके प्रभाव से कम बारिश वाले क्षेत्रों में अधिक बारिश होती है.
– अगर ये दक्षिण भारत से सक्रिय होता है तो भारत में उस साल कम बारिश होती है.

ला नीना का असर (Effect of La Nina?)

ला नीना का सीधा असर चक्रवात पर होता है. इसके प्रभाव से भी कई बदलाव हमें देखने को मिलते हैं.

– ला नीना अपनी गति के साथ उष्णकटिबंधिया चक्रवातों की दिशा बदल सकता है.
– उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया में ये बहुत अधिक नमी की स्थिति पैदा कर सकती है.
– इसकी वजह से इंडोनेशिया और उसके आसपास के इलाकों में तेज बारिश हो सकती है और पेरू और इक्वाडोर जैसे क्षेत्रों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
– ला नीना की वजह से भारत में भयंकर ठंड होती है और बारिश ठीक-ठाक होती है.

अल नीनो भारत को अधिक प्रभावित करता है. इसकी वजह से भारत की अर्थव्यवस्था तक डगमगा सकती है. अल नीनों की वजह से भारत में बारिश प्रभावित होती है जो सीधे तौर पर खेती से जुड़ी है.
अगर भारत में बारिश समय पर नहीं होती है या आसामान्य होती है तो भारत में खेती ठीक से नहीं होगी. किसानों की फसल खराब हो जाएगी. इस वजह से भारत के लिए अल नीनों को बुरा कहा जाता है.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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