Children’s Day 2023 : हर वर्ष हमारे देश में 14 नंबर को चिल्ड्रंस डे यानी कि बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है. बाल दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित होते हैं. इस दिन स्कूलों में बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, साथ ही खेलों का भी आयोजन किया जाता है.
बाल दिवस का इतिहास
बाल दिवस भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था. नेहरू जी बच्चों को बेहद प्यार करते थे बच्चे उन्हें चाचा नेहरू करके पुकारते थे. इसलिए यह खास दिन बच्चों को समर्पित किया गया है. नेहरू जी सभी बच्चों को भारत का आने वाला भविष्य मानते थे इसलिए उनका मानना था कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए. साथ ही उन्हें अच्छी शिक्षा देनी चाहिए. जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बच्चों की शिक्षा को पहली प्राथमिकता दी थी.
20 नवंबर को मनाया जाता था बाल दिवस
अंतरराष्ट्रीय या विश्व बाल दिवस (World Children’s Day ) इस दिन नहीं बल्कि हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि एक समय भारत में भी इसी दिन बाल दिवस मनाया जाता था. यह दिवस अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देने, दुनिया भर में बच्चों में जागरूकता और बच्चों के कल्याण में सुधार करने के लिए मनाया जाता है. 20 नवंबर एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन 1959 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा ने बाल अधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी.
जब 27 मई 1964 में पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू का निधन हो गया. इसके बाद इस वर्ष से उनके जन्मदिन को बाल दिवस समारोह की आधिकारिक तारीख के रूप में स्थापित करने के लिए प्रस्ताव जारी किया गया. तभी से बाल दिवस भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है. भारत के अलावा अन्य देशों में अभी भी 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है.
बाल दिवस मनाने का क्या है मुख्य उद्देश्य
पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को समाज का आधार मानते थे. नेहरू जी का मानना था कि बच्चों को अच्छे शिक्षा और खुशनुमा बचपन मिलना चाहिए. पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चे ही हमारा आने वाला कल है और उनके कंधों पर देश की जिम्मेदारी है.