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Diwali Date and Time 2023 : कब है दिवाली 12 या 13 नवंबर, डेट को लेकर है कंफ्यूजन, तो जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Diwali 2023 Date and Time: The most auspicious time to perform the Diwali puja is after sunset, during the period known as 'pradosh.'

Diwali Date and Time 2023 : दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. हिन्‍दू पंचाग के अनुसार दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 14 वर्ष का वनवास काटने के बाद जब भगवान राम अयोध्या आए थे तो उनके स्वागत में हर घर में घी के दीपक जलाए गए. तभी से दिवाली का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है.

इस बार दिवाली के दिन आयुष्मान और सौभाग्य नामक दो अत्यंत शुभ योग बनने तथा इसी दिन स्वाती एवं विशाखा नक्षत्र लगने से दिवाली पूजन का महत्व बढ़ जाएगा. दिवाली को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद से प्रारंभ होता है. दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा निशिता मुहूर्त में भी की जाती है. तो आइए जानते हैं इस साल दीपावली कब पड़ रही है. साथ ही इसका महत्‍व क्‍या है.

क्‍या है महत्‍व

हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक, इस साल दीपावली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी. दिवाली का पांच दिवसीय त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात्रि के समय धरती पर आती है और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है. दिवाली के दिन बुधवार रूप से मां लक्ष्मी (lord laxmi) की पूजा अर्चना करने से जीवन सुख समृद्धि से भर जाता है. यही वजह है कि दीपावली के दिन घरों में सभी तरफ दीप जलाकर रोशनी की जाती है, क्योंकि माता लक्ष्मी को साफ-सफाई और उजाला पसंद है.

जान लें शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 12 नवंबर रविवार को दोपहर 02:44 बजे से शुरू हो जाएगी और 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 02:56 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर कार्तिक अमावस्या तो 13 नवंबर को होगी, लेकिन अमावस्या तिथि में प्रदोष काल 12 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, 13 नवंबर को प्रदोष काल के समय शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी. इस वजह से इस साल दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 36 मिनट तक है. इस समय पूजा उपासना की जा सकती है. वहीं, प्रदोष काल शाम 5 बजकर 29 मिनट से 8 बजे 7 मिनट तक है. वृषभ काल संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 36 मिनट तक है. महानिशीथ काल देर रात 11 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है.

 

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