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सबसे बेस्ट फुटबाल प्लेयर कौन है? इस सवाल का जवाब कई लोग रोनाल्डो और मेसी का नाम लेकर देंगे. लेकिन इस पूरी सदी का सबसे महान फुटबाल प्लेयर ‘पेले’ है जिनके जैसा कोई और नहीं हो सकता. आज के समय में भले ही रोनाल्डो, मेसी, नेमार जैसे प्लेयर की वजह से फुटबाल को जाना जाता हो लेकिन एक समय ऐसा भी था जब पेले नाम का मतलब फुटबाल हुआ करता था. लोग पेले के दीवाने थे और उनके खेल को देखने के लिए दुनिया बेताब रहा करती थी.

दुनिया का पहला इंटरनेशनल मैच साल 1872 में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच खेल गया था लेकिन FIFA World Cup की शुरुआत होती है साल 1930 से. ये फुटबाल वर्ल्ड कप है और हर चार साल में एक बार आयोजित किया जाता है. फिफा वर्ल्ड कप ने कई फुटबालर को पहचान दिलाई है लेकिन ‘पेले’ एक अलग फुटबॉलर हैं.

पेले की कहानी? (Pele Biography in Hindi)

पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के सबसे बड़े देश ब्राजील में हुआ था. ब्राजील एक ऐसा देश है जहां फुटबाल का क्रेज लंबे समय से है. जैसे भारत में गली-गली में क्रिकेट खेला जाता है ऐसे ही ब्राजील में गली-गली में फुटबाल खेला जाता है.

पेले का बचपन गरीबी में गुजरा, चाय की दुकानों पर वेटर का काम किया. पेले के पिता एक फुटबालर थे और पेले उन्हें अपना आदर्श मानते थे. वो उनके जैसा ही फुटबाल प्लेयर बनना चाहते थे इसलिए फुटबाल की प्रैक्टिस करते रहते थे. बचपन के दिनों में वे अपने दोस्तों के साथ फुटबाल खेला करते थे और गोलकीपर की भूमिका निभाया करते थे.

फिफा वर्ल्ड कप तक का सफर (Pele Football Career)

किसी खिलाड़ी के लिए वर्ल्ड कप तक जाना एक बहुत बड़ा सपना होता है और शायद कोई भी खिलाड़ी शुरुआत में इसे देखने के बारे में सोचता नहीं है. पेले ने 15 साल की उम्र में फुटबाल खेलने के लिए अपना घर छोड़ दिया और एफसी सैंटोस के साथ अपनी फुटबाल ट्रेनिंग शुरू की.

पेले का 16वां जन्मदिन आने ही वाला था कि उनके क्लब का मैच हुआ, जिसमें पेले को भाग लेने का मौका मिला. पेले ने उस मैच में क्लब की ओर से अपना पहला गोल दागा. इसके बाद पेले ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और क्लब के लिए काफी मैच खेले और उनमें गोल की झड़ी लगा दी. पेले के खेल को देखते हुए उन्हें ब्राजील की पीली जर्सी मिली और टीम में स्थान मिला.

पेले ने 17 साल की उम्र में फिफा विश्व कप 1958 में भाग लिया. क्वाटरफाइनल मैच में उनकी टीम के खिलाफ वेल्स टीम खेल रही थी. इसी मैच में पेले ने अपना पहला वर्ल्ड कप मैच का गोल दागा. इसके बाद वह दुनिया के पहले सबसे काम उम्र के गोल दागने वाले फुटबालर बन गए. इसी साल उन्होंने सेमीफाइनल में फ्रांस के खिलाफ हैट्रिक गोल दागे थे.

पेले क्यों महान हैं? (Why Pele is great in Football?)

आज के जमाने में जहां रोनाल्डो, मेसी, नेमार जैसे खिलाड़ियों का दबदबा है वहाँ पेले की क्या भूमिका है? पेले क्यों महान हैं? ये सवाल हो सकता है आपके दिमाग में आ रहा हो. रोनाल्डो और मेसी बेहतरीन फुटबाल खिलाड़ी हैं और उनकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है. लेकिन जिस तरह क्रिकेट की दुनिया में सचिन को भगवान कहा जाता है ठीक उसी तरह पेले को भी क्रिकेट का भगवान कहा जा सकता है.

पेले वो खिलाड़ी हैं जो तीन बार फिफा वर्ल्ड कप जीत चुके हैं. ये खिताब अभी तक किसी खिलाड़ी के नाम पर नहीं है. दूसरी ओर ब्राजील वो देश है जो सबसे अधिक बार यानि 5 बार फिफा वर्ल्ड कप का विजेता रह चुका है.

पेले ने अपने करियर में 1363 मैच खेले हैं और 1281 गोल दागे हैं. पेले ने जब 19 नवंबर 1969 को अपना 1000वां गोल डागा था तो हजारों लोग पेले से मिलने मैदान में पहुँच गए थे.

पेले में गजब की ड्रिबलिंग स्किल थी. वह 11 सेकंड में 100 मीटर दौड़ सकते थे और किसी पैर से फुटबाल को शूट कर सकते थे. वह लंबे कद काठी वाले डिफेंडर्स को आसानी से पछाड़ दिया करते थे. पेले ने साल 1971 को फुटबाल से सन्यास ले लिया था.

पेले इस सदी के महान फुटबालर हैं और ये खिताब उन्हें फिफा ने दिया है. उनके नाम पर 1279 गोल करने का रिकॉर्ड तथा तीन बार फिफा जीतना का रिकॉर्ड है जो किसी और खिलाड़ी के नाम पर नहीं है. वे खुद कहते थे कि वो सिर्फ फुटबाल के लिए बने हैं.

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