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कहीं नमक तो कहीं दाढ़ी पर टैक्स, जानिए दुनिया के अजीबो-गरीब टैक्स

wierd tax in world

बजट आने पर टैक्स की चर्चा जोरों-शोरों से होती है. बजट में इनकम टैक्स और अन्य तरह के टैक्स में बढ़ोतरी की जाती है, जिसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ता है. आज के समय में जो टैक्स लगाए जाते हैं वो हमारी समझ में आते हैं और वो जरूरी भी होते हैं. लेकिन दुनिया में एक समय ऐसा भी रहा है जब अजीबो-गरीब टैक्स लगाए गए हैं. (weird taxes around the world) कभी टोपी पहनने पर टैक्स लगाया गया तो कभी दाढ़ी रखने पर.

1) नमक पर टैक्स (Tax on Salt)

भारत के आजाद होने से पहले भारत अंग्रेजों का गुलाम रहा है. गुलामी के इसी दौर में अंग्रेजों ने नमक पर टैक्स लगाया था. ये टैक्स साल 1759 में लगाया गया था, जिसके विरुद्ध गांधीजी ने साल 1930 में दांडी मार्च निकाला और अरब सागर के किनारे जाकर नमक बनाकर इस कानून को तोड़ा. हालांकि यह टैक्स साल 1946 तक बना रहा जिसे अंतरिम सरकार ने समाप्त कर दिया था.

इससे पहले 14वी शताब्दी में फ्रांस ने भी नमक पर टैक्स लगाया था. उस समय लोगों ने इसका काफी विरोध किया. फ्रांस की क्रांति में नमक टैक्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा. जब दूसरा विश्वयुद्ध हुआ तब 1945 में नमक टैक्स को खत्म किया गया.

2) स्तन ढंकने पर टैक्स (Tax on Breast)

19वी शताब्दी में केरल के त्रावणकोर के राजा ने निचली जाति की महिलाओं के स्तन ढंकने पर टैक्स लगाया था. इसमें एजवा, थिया, नाडर और दलित समुदाय की महिलायें शामिल थी. तब उन महिलाओं को स्तन ढंकने की इजाजत नहीं थी. अगर वे ऐसा करना चाहती तो उन्हें इस पर भारी-भरकम कर देना होता था. आखिर में नांगेली नाम की एक महिला ने टैक्स देने से मना किया और विरोध में अपने स्तन काट दिए. जिससे उसकी मौत हो गई. बाद में जनता भड़क उठी और राजा को यह टैक्स खत्म करने पर मजबूर होना पड़ा.

3) खिड़कियों पर टैक्स (Tax on Window)

साल 1696 में इंग्लैंड और वेल्स में एक अजीबो-गरीब टैक्स लगाया गया. उस समय सरकार का खजाना खाली था, जिसे भरने के लिए सरकार ने खिड़कियों पर टैक्स लगाया. उस समय पर खिड़कियों की संख्या के हिसाब से लोगों को टैक्स देना होता था. कई लोगों ने इस टैक्स के चलते अपने घरों की खिड़कियां हटवा दी. आखिर में 156 साल बाद 1851 में यह टैक्स खत्म हुआ.

4) दाढ़ी पर टैक्स (Tax on Beard)

आजकल दाढ़ी बढ़ाना फैशन है, लेकिन साल 1535 में यदि किसी व्यक्ति की दाढ़ी दो हफ्ते से ज्यादा बढ़ी होती थी तो उससे टैक्स लिया जाता था. यह टैक्स इंग्लैंड के सम्राट हेनरी अष्टम ने लगाया था. कोई व्यक्ति यदि टैक्स देते समय गायब रहता था तो ये टैक्स उसके पड़ोसी को देना होता था. साल 1698 में यह टैक्स रूस में भी लगाया गया था.

5) आत्मा पर टैक्स (Tax on Soul)

शरीर में आत्मा होती है इस बात को तो सभी मानते हैं लेकिन आत्मा पर टैक्स लगाना कौन सी सही बात है. साल 1718 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने आत्मा पर भी टैक्स लगा दिया. असल में यह टैक्स उन लोगों पर लगाया जाता था जो यह मानते थे की आत्मा जैसी कोई चीज होती है. हालांकि यह टैक्स उनसे भी लिया जाता था जो आत्मा में यकीन नहीं रखते थे. कुलमिलाकर आत्मा पर लगने वाला टैक्स सभी को देना होता था. इस टैक्स को देने के समय भी यदि व्यक्ति गायब हो जाता था तो उस टैक्स को उसके पड़ोसी को देना होता था.

6) कुँवारे रहने पर टैक्स (Tax on Bachelor)

नौवी सदी में रोम में यदि आप बैचलर रहने चाहते थे तो उस पर भी टैक्स लगाया जाता था. इस टैक्स के पीछे शादी को बढ़ावा देना मकसद था. इसके अलावा जिन शादीशुदा जोड़ों के बच्चे नहीं थे, उन्हें भी यह टैक्स देना होता था. यह टैक्स 20 से 60 साल तक की उम्र के लोगों पर लगाया जाता था.

7) यूरिन पर टैक्स (Tax on Urine)

रोम में एक समय ऐसा भी हुआ है जब मानव मूत्र को काफी महंगी चीज समझा जाता था और इस पर टैक्स भी लगाया जाता था. उस समय मानाव मूत्र का उपयोग कपड़े धोने और दांत साफ करने में किया जाता था, क्योंकि इसमें अमोनिया होता है. इस कारण से रोम में मूत्र का खूब उपयोग होता था. इसके बिजनेस करने पर टैक्स लगाया जाता था.

8) टोपी पहनने पर टैक्स (Tax on Hat)

इंग्लैंड एक ऐसा देश है जिसने टोपी पर टैक्स लगाया था. साल 1784 में सभी हैट के अंदर लाइनिंग पर एक स्टाम्प लगाया जाता था, जो भी व्यक्ति इस स्टाम्प से छेड़छाड़ करता था और इस नियम को नहीं मानता था उसे मौत की सजा दी जाती थी.

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