Sat. Apr 27th, 2024
hartalika teej shubh muhurt pujan vidhi

हरतालिका तीज व्रत हिन्दू धर्म की महिलाओं के लिए एक प्रमुख व्रत है. इस दिन वे पूरे दिन निर्जल उपवास रखकर शिवजी और पार्वती जी की पूजा करती हैं. हरतालिका तीज व्रत को विधि-विधान से ही किया जाना चाहिए. क्योंकि इसमें छोटी सी भी गलती आपका उपवास खराब कर सकती है. हरतालिका तीज से जुड़े कई सवाल अक्सर पूछे जाते हैं? जैसे हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त कब है? हरतालिका तीज की पूजन सामाग्री क्या है? हरतालिका तीज की पूजन विधि क्या है?

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (hartalika teej 2021 shubh muhurat)

हरतालिका तीज साल 2021 में 9 सितंबर को है. इस दिन के शुभ मुहूर्त निम्न हैं.
प्रातःकाल हरतालिका तीज व्रत पूजा मुहूर्त : सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोशकर हरतालिका तीज व्रत पूजा मुहूर्त: शाम 6 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक
तृतीय तिथि प्रारम्भ: 9 सितंबर 2021 रात 2 बजकर 33 मिनट से
तृतीय तिथि समापन: 10 सितंबर 2021 रात 12 बजकर 18 मिनट पर

हरतालिका तीज पूजन सामाग्री (Hartalika Teej Puja Samagri)

हरतालिका तीज का व्रत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पूजन सामग्री (hartalika teej puja samagri) जिसे व्रत के के पहले जुटा लें. हरतालिका तीज के लिए निम्न पूजन सामाग्री की आवश्यकता होती है – गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेऊ, वस्‍त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद. मां पार्वती की सुहाग सामग्री: मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, सुहाग पिटारी.

हरतालिका तीज का व्रत कैसे करते हैं? (How to do hartalika teej vrat?)

हरतालिका तीज (hartalika teej vrat vidhi) के व्रत को कठिन व्रत में से एक माना जाता है. इस व्रत को निर्जल करना पड़ता है. व्रत के पारण से पहले यानि पूरे होने से पहले पानी की एक बूंद ग्रहण करना वर्जित माना गया है. इस व्रत को करने के लिए व्रत वाले दिन सुबह-सवेरे स्‍नान करने के बाद “उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये” मंत्र का उच्‍चारण करते हुए व्रत का संकल्‍प लिया जाता है.

हरतालिका तीज पूजन विधि (Hartalika teej puja vidhi)

हरतालिका व्रत की पूजन विधि (hartalika teej puja vidhi) सबसे अहम है. इसकी पूजा प्रदोश काल में की जाती है. हरतालिका तीज के दिन इस प्रकार शिव-पार्वती की पूजा की जाती है:

– सबसे पहले शाम के समय स्नान करें और नए वस्त्र धारण करें.
– इसके बाद गीली मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती और उनके बेटे भगवान गणेश की प्रतिमा बनाए.
– इस प्रतिमा को केले के पत्ते पर विराजमान करें.
– इसके बाद एक कलश स्थापित करें और उसका पूजन करें.
– इसके बाद दूध, दही, शक्कर, शहद और घी से पंचामृत बनाएँ.
– आपके द्वारा खरीदी गई सुहाग की सामाग्री को अच्छी तरह सजाकर माँ पार्वती को अर्पित करें.
– शिवजी को भी वस्त्र अर्पित करें.
– अब हरतालिका तीज व्रत कथा को सुने.
– हरतालिका तीज की कथा सुनने के बाद सबसे पहले गणेश जी और फिर शिवजी और फिर माँ पार्वती की आरती उतारें.
– अब भगवान की परिक्रमा करें.
– इसके बाद रात में जागरण करें और सुबह स्नान करें.
– स्नान करने के बाद माँ पार्वती का पूजन करें उन्हें सिंदूर चढ़ाएं.
– फिर ककड़ी और हल्‍वे का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें.
– सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें.

हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें.

यह भी पढ़ें :

Solah Somvar Vrat Katha: हर मनोकामना पूर्ण करते हैं शिवजी, इस तरह करें 16 सोमवार व्रत

Shiv Chalisa Hindi: शिव चालीसा पढ़ने के नियम और फायदे

Rudrashtakam Hindi : इस तरह करें शिव रुद्राष्टकम का पाठ, शत्रुओं पर होगी विजय

By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *