Fri. Apr 26th, 2024

23 साल की मेहनत के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने ईजाद की लाल भिंडी, ये है ख़ासियत

भिंडी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, सेहत के लिए उतनी ही लाभकारी. आखिर इसमें मैग्नीशियम, विटामिन-सी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन जैसे तत्व जो पाए जाते हैं. भिंडी में मौजूद यही तत्व इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं. वैसे, आपने अभी तक एक ही किस्म की देसी भिंडी देखी होगी, जो कि हरी होती है. लेकिन अब भारतीय वैज्ञानिकों ने लाल रंग की भिंडी विकसित कर ली है, जो कई पौषक तत्वों से भरपूर है. तो आइये जानते हैं इस नई क़िस्म की भिंडी के बारे में –

23 साल की मेहनत
देसी भिंडी की एक इस नई क़िस्म को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है, जिसे ‘काशी लालिमा’ नाम दिया गया है. इसे विकसित करने में वैज्ञानिकों की 23 साल की मेहनत लगी हैं. लाल रंग की भिंडी अब तक पश्चिमी देशों में ही प्रचलित रही है.

500 रुपये प्रति किलो
भारतीय किसानों को नई प्रजाति की इस भिंडी का बीज दिसंबर में उपलब्ध कराया जाएगा. दावा किया जा रहा है कि भिंडी की इस किस्म से किसानों की पैदावार में भी इजाफा होगा. साथ ही देसी भिंडी की तुलना में 2 से 10 गुना तक अधिक मुनाफा मिलेगा. बाजार में इस भिंडी की विभिन्न किस्मों की कीमत 100 से 500 रूपये प्रति किलो तक है.  

इन तत्वों से भरपूर
लाल भिंडी प्रजाति की खोज की शुरुआत साल 1995-96 में संस्थान के पूर्व निदेशक डाॅ. बिजेंद्र की अगुवाई में की गई थी. लेकिन 23 साल के बाद इस भिंडी को विकसित करने में सफलता हासिल हुई. बैंगनी-लाल रंग की इस भिंडी की लंबाई 11-14 से.मी. और व्यास 1.5-1.6 से.मी. है. जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम समेत कई पोषक तत्व हैं. संस्थान का दावा है कि भिंडी की यह प्रजाति आम लोगों के पोषण की पूर्ति का सबसे अच्छा विकल्प होगी.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *