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पवनपुत्र हनुमान जी के परिवार के बारे में काफी सारी चीजे हम सब नहीं जानते हैं. जैसे हमें ये पता नहीं है कि उनके 5 भाई कौन थे? उनके विवाह के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिलती है लेकिन जानकारी के मुताबिक उनके तीन विवाह हुए थे. तीन विवाह करने के बाद भी वे ब्रह्मचारी कैसे रहे? इन सारी बातों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे.

हनुमान जी के 5 भाई कौन थे?

हनुमानजी के परिवार के बारे में अधिकतर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. लोग बस यही जानते हैं कि वे पवनदेव के पुत्र हैं. लेकिन हनुमान जी के पिता सुमेरु पर्वत के वानरराज केसरी तथा उनकी माता अंजनी थी. पवनदेव की कृपा से हनुमानजी का जन्म हुआ था. इनमें पवनदेव की काफी सारी खूबियाँ थी.

पवनपुत्र, केसरीनंदन, अंजनी के लाल इन्हें कई नामों से बुलाया जाता है. इनके 5 भाई थे. इनके पिता केसरी की 5 संतान और थी जो पुत्र थे. ब्रह्मांडपुराण के अनुसार इनके पाँच भाइयों के नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान हैं. इन सभी में हनुमान सबसे बड़े भाई हैं.

हनुमान जी के तीन विवाह की जानकारी

हनुमान जी के विवाह के बारे में भी ज्यादा लोग नहीं जानते हैं. हम सभी ये सुनते आ रहे हैं कि हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं. इसका मतलब उन्होने कभी विवाह नहीं किया. लेकिन शास्त्रों में हनुमान जी के तीन विवाह का उल्लेख मिलता है.

शास्त्र पाराशर संहिता के अनुसार जब हनुमान जी ने सूर्यदेव से शिक्षा ग्रहण की तो शिक्षा के पूर्ण होने पर उन्होने सूर्य पुत्री सुर्वचला से विवाह किया. ये उनका प्रथम विवाह था.

शास्त्र पउम चरित के अनुसार वरुणदेव और रावण के बीच युद्ध होने पर हनुमानजी ने वरुणदेव की ओर से युद्ध किया था. हनुमानजी ने रावण के सभी पुत्रों को बंदी बना लिया. युद्ध हार जाने के बाद रावण ने अपनी पुत्री अनंगकुसुमा का विवाह हनुमान जी के साथ कर दिया था.

रावण और वरुणदेव के बीच हुए युद्ध में वरुण देव की जीत हुई. इससे खुश होकर वरुणदेव ने अपनी पुत्री सत्यवती का विवाह हनुमानजी से किया था. ये उनका तीसरा विवाह था.

हनुमानजी के तीनों विवाह विशेष परिस्थितियों में हुए थे. शास्त्रों में इन विवाह का उल्लेख तो मिलता है लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि हनुमान जी वैवाहिक बंधनों में बंधे थे या फिर उन्होने वैवाहिक सम्बन्धों का निर्वाह किया था. वे आजीवन ब्रह्मचारी रहे थे. इसलिए तीन विवाह के बाद भी उन्हें ब्रह्मचारी कहा जाता है.

हनुमानजी को कैसे प्रसन्न करें?

हनुमानजी एक ऐसे देवता हैं जो काफी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. अगर कोई सच्चे दिल से उन्हें याद करे, उनकी पूजा आराधना करे. तो हनुमानजी उस व्यक्ति पर अपनी कृपा करते हैं. यहाँ हम आपको हनुमानजी को प्रसन्न करने के कुछ खास उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं.

1) मंगलवार को सरसो के तेल में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें. इससे धनसंकट दूर होता है.

2) मंगलवार की रात में घी में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को लगाएँ. इससे पैसों से संबन्धित समस्या दूर होती है.

3) हनुमानजी को पूजा के दौरान पीले और गुलाबी फूल अर्पित करें. जैसे गेंदा और गुलाब.

4) हनुमान जी को गुड का भोग लगाना चाहिए. गुड़ को बाद में गाय को खिलना चाहिए.

5) प्रसाद के साथ हनुमान जी को लाल रंग का कपड़ा या फिर लाल रंग की पताका अर्पित करनी चाहिए.

6) मंगलवार को सुबह बड़ के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगाजल से धोकर हनुमानजी को अर्पित करें. इससे धन की आवक बढ़ती है.

7) मंगलवार को हनुमानजी के सामने बैठकर 108 बार ‘जय श्री राम’ का जाप करें.

इन सभी उपायों के साथ आप हनुमानजी को प्रसन्न कर सकते हैं.

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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