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lumpy virus cases

भारत के 13 राज्यों में 10 लाख से भी ज्यादा मवेशी एक वायरस से संक्रमित हैं और अभी तक 75 हजार से भी ज्यादा जानवरों की इससे जान जा चुकी है. (Lumpy Virus Cases) जानवरों को प्रभावित करने वाले इस वायरस का नाम लम्पी वायरस है. भारत में बहुत ही तेजी के साथ ये अपनी पकड़ बना रहा है. 

Lumpy Virus से गाँव के किसान से लेकर देश की केंद्र सरकार तक सभी परेशान है क्योंकि मवेशी भी देश के लिए संसाधन होते हैं जिन्हें पशुधन कहा जाता है. इन्हें हर हाल में बचाया जाना चाहिए. लम्पी वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन फिर भी इसके बारे में जागरूकता कम है. 

लम्पी वायरस क्या है? (What is Lumpy Virus in Hindi?) 

लम्पी वायरस एक खास तरह का वायरस है (Lumpy Virus Cases) जो जानवरों से जानवरों में फैल रहा है. इसका शिकार खासतौर पर गाय और भैंस हो रही है. ये एक तरह के स्किन से संबंधित समस्या है जिसकी वजह से जानवर बीमारी तो पड़ ही रहे हैं साथ ही उनकी मृत्यु तक हो रही है. आंकड़ों की माने तो अभी तक भारत में 75 हजार मवेशी इस वायरस के कारण मर चुके हैं. 

लम्पी वायरस के कारण (Lumpy Virus in HIndi) गाय और भैंस के शरीर पर मोटी-मोटी गठाने दिखने लगती है. ये गठाने कुछ ही दिनों में घाव में बदल जाती है. इसके साथ ही ये जानवरों की इम्यूनिटी को भी प्रभावित करता है जिससे जानवर कमजोर होकर मर जाता है.  

लम्पी वायरस के लक्षण (Lumpy Virus Symptoms) 

लम्पी वायरस की वजह से देश में कई जानवर बीमार हैं. (Lumpy Virus Cases) यदि आप जानवरों में इसकी पहचान करना चाहते हैं तो इन लक्षणों को जरूर याद रखें. 

– स्किन पर मोटी-मोटी गांठ उभरना. खासतौर पर सिर, गर्दन, जननांग के आसपास

– जानवरों को हल्का या तेज बुखार होना. 

– जानवरों को जुखाम होना और मुह से लार गिरना. 

– जानवर कम दूध देने लगे.  

लम्पी वायरस कैसे फैलता है? (How Lumpy virus spread in india) 

लम्पी वायरस जानवरों से जानवरों में फैलता है लेकिन इसकी शुरुआत करते हैं मच्छर और खून चूसने वाले कीड़े. (Lumpy Virus Cases) ये वायरस मुख्य तौर पर लम्पी वायरस से ग्रस्त मच्छर के काटने से गाय और भैंस में फैल रहा है. एक मवेशी इससे ग्रस्त होता है तो उसकी लार के संक्रमण में आने से दूसरा जानवर भी लम्पी वायरस से ग्रस्त हो जाता है. 

लम्पी वायरस का इलाज (Treatment of Lumpy Virus) 

किसी जानवर में यदि लम्पी वायरस के लक्षण दिखाई दें तो उसे अन्य जानवरों से अलग कर देना चाहिए. उस जानवर को कहीं भी लेकर नहीं जाना चाहिए. पशु को जल्द से जल्द किसी अच्छे पशु चिकित्सक को दिखाया जाए. पशु के ठीक होने पर ही उसे दूसरे पशु के साथ रखा जाए.  

कोई पशु यदि लंबे समय तक लम्पी वायरस से ग्रस्त होने के बाद मर जाता है तो उसे खुले में न फेंके. इससे दूसरे पशुओं में वायरस फैलने का खतरा रहता है. आप उस पशु को दूर ले जाकर दफनाया दें.  

लम्पी वायरस का इंसानों पर प्रभाव (Lumpy virus effect on human) 

लम्पी वायरस एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों को ही अपना शिकार बना रही है. खासतौर पर इससे गाय और भैंस प्रभावित हो रहे हैं. मनुष्यों पर इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है. 

कई लोगों के मन में ये शंका भी होगी कि लम्पी वायरस से ग्रस्त गाय का दूध इंसान को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा. असल में बाजार में जो दूध आ रहा है उसमें आप ये पता नहीं लगा सकते कि वो लम्पी वायरस से संक्रमित जानवर का है या नहीं है. 

जब आप बाजार से दूध लाए तो उसे अच्छी तरह उबालने के बाद ही इस्तेमाल करें या सेवन करें. कच्चे दूध का इस्तेमाल करने से बचें.   

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