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आखिर क्यों बीएसपी ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल? फोटो:सोशल मीडिया

तारीख 15 जनवरी साल 1956. देश की राजधानी नई दिल्ली में भारत की राजनीति में बड़ा दखल रखने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती का जन्म हुआ. भारत की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री और प्रथम एससी महिला मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश को अपनी कर्मभूमि बनाया, क्योकि उनका पैतृक गांव बादलपुर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में हैं.

मायावती का इतिहास (Mayawati Biography in Hindi)

चार बार की उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती आज मजबूत विपक्ष और कामयाब सरकार दोनों किरदार में रह चुकी हैं. एक स्कूल में शिक्षिका से लेकर अपने समय के दिग्गज नेता कांशी राम के साथ कदम से कदम मिला कर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और ऐसा वर्चस्व कायम किया जो देश में बहुत कम महिलाओं को प्राप्त है. तमाम मुश्किलों और 2003 में हारने के बाद 2007 में मायावती ने 2007 को चौथी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली.

मायावती का पारिवारिक जीवन (Mayawati family background)

मायावती का पहला नाम चंदावती देवी है और उनकी माता का नाम रामरती और पिता प्रभु दयाल थे जो दूरसंचार केंद्र के कर्मचारी थे. उनकी छह संतानों में से एक मायावती को पिता कलेक्टर बना देखना चाहते थे. उपजाति जाटव से संबंध रखने वाली मायावती आज देश में एक बड़ी राजनीतिक आवाज बनी हुई हैं.

मायावती की शिक्षा (Mayawati education details)

कालिंदी कॉलेज दिल्ली से कला में स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी और बी. एड के बाद वे लंबे समय तक भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारियों में लगी रहीं. इसी बीच एक शिक्षिका बन चुकी मायावती के जीवन में कांशी राम का प्रवेश हुआ जो उनके पिता को पसंद नहीं था. मगर मायावती कांशी राम के कार्यों और योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगी थीं.

1984 से शिक्षिका मायावती कांशी राम ने नए राजनैतिक दल ‘बहुजन समाज पार्टी’ की सबसे महत्वपूर्ण सदस्य बनी. उन्होंने मुज्ज़फरनगर जिले की कैराना लोकसभा सीट से अपनी सियासी पारी की शुरुआत की. 1985 और 1989 में बहुजन समाज पार्टी’ ने 13 सीटों पर चुनाव जीता और यूपी की सियासत में धमाका कर दिया. अब लोग उन्हें इस पार्टी और मायावती को मसीहा मानने लगे.

मायावती अविवाहित हैं. इस बढ़ते रुतबे के साथ 1995 में वे उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी. 2001 में कांशी राम ने मायावती को पार्टी का अध्यक्ष और अपना उत्तराधिकारी बना दिया. 2002-2003 में मायावती फिर से मुख्यमंत्री चुनी गईं.

मायावती और भारतीय राजनीति (Mayawati political disputes)

समर्थकों के बीच बहन मायावती के नाम से प्रसिद्ध इस नेत्री का विवादों और घोटालों से चोली दामन का साथ रहा. मगर सामान्य परिवार की इस महिला ने किसी की परवाह नहीं की और आगे बढ़ती रहीं. मायावती ने अपने वर्ग की पीड़ा समझी और उनके लिए आवाज उठाई और इस वर्ग ने उन्हें अपना नेता मानकर उन्हें भरपूर समर्थन दिया. लेकिन अपने कार्यकाल में प्रदेश में अपनी मूर्तियां लगाने,मंत्रियों द्वारा घोटाले और ताज कॉरिडॉर केस को लेकर वे विवादों में रही हैं.

मायावती का सियासी सफरनामा (BSP Leader mayawati political career)

1989 में बिजनौर लोकसभा उत्तर प्रदेश से सांसद बनीं. 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामित हुई. 1995 में पहली एससी महिला मुख्यमंत्री बनी. चार बार की मुख्यमंत्री मायावती का पहला कार्यकाल 3 जून 1995 से 18 अक्टूवर 1995 तक रहा. दूसरा कार्यकाल 21 मार्च 1997 से 20 सितम्बर 1997 तक चला. इसके बाद 3 मई 2002 से 26 अगस्त, 2003 तक मायावती ने तीसरी बार सूबे की कमान संभाली और सत्ता में वापसी करते हुए मायावती 13 मई 2007 से 6 मार्च 2012 तक चौथी बार यूपी की सीएम रहीं.

फ़िलहाल मायावती गठबंधन के जरिये केंद्र की सत्ता में भाग्य आजमाने के लिए प्रयासरत हैं. अपने सियासी करियर में कई उतार-चढ़ाव के बावजूद अडिग अटल और साहसी नेत्री के रूप में मायावती की एक अलग पहचान है और अक्सर वे अपने स्पष्ट और सटीक भाषणों के दम पर सुर्खियों में बनी रहती हैं.

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