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Moonlighting Kya hai? मूनलाइटिंग की वजह से गई 300 की नौकरी, जानिए क्या है मूनलाइटिंग?

Moonlighting Kya hai

भारत की दिग्गज IT कंपनी Wipro ने हाल ही में अपने 300 कर्मचारियों को नोटिस दिए बिना निकाल दिया है. इसकी वजह है कि ये कर्मचारी Moonlighting कर रहे थे. इस घटना के बाद भारत में Moonlighting की जोरदार बहस छिड़ गई है (Moonlighting Kya hai) और लोग इसे सही और गलत करार करने में लगे हुए हैं.

Moonlighting को लेकर बहस तेजी से बढ़ रही है लेकिन फिर भी काफी सारे लोग Moonlighting kya hai? इस बारे में नहीं जानते हैं. भारत में ही Work from home के चलन के बाद Moonlighting तेजी से बढ़ी है.

Moonlighting Kya hai?

Moonlighting का हिन्दी स्वरूप देखें तो इसका मतलब होता है चाँद की रोशनी. लेकिन ये सिर्फ इतना ही नहीं है बल्कि इससे काफी ज्यादा है. इसकी वजह से लोगों की नौकरी भी जा रही है तो ये एक गंभीर मुद्दा है.

Moonlighting का मतलब होता है (Moonlighting meaning hindi) किसी एक कंपनी में नियमित रूप से काम करते हुए किसी दूसरी कंपनी के लिए काम करना.

जैसे आप मान लीजिए कि आप एक Software Engineer हैं जो Wipro के लिए काम करते हैं. आपकी शिफ्ट दिन में 9 से 5 है. दूसरी तरफ आप इसी के साथ रात में आप किसी दूसरी IT कंपनी के लिए वही काम करते हैं. तो इस पूरे प्रोसेस को Moonlighting कहा जाता है.

क्या Moonlighting गलत है? (Is Moonlighting Wrong?)

ज्यादा पैसे कमाने की चाह इंसान के अंदर ज्यादा काम करने की ताकत पैदा करती है. इसी वजह से काफी सारे लोग एक साथ कई जगह पर काम करते हैं और ज्यादा पैसा कमाते हैं.

पैसा कमाना कोई गलत बात नहीं है वैसे Moonlighting को भी गलत नहीं कहा जा सकता. लेकिन यदि आप किसी कंपनी में किसी Agreement के तहत काम कर रहे हैं, जिसमें ये साफ लिखा हुआ है कि आप वहाँ काम करते हुए किसी दूसरे Competitor के साथ काम नहीं कर सकते तो आपके लिए ये करना गलत हो जाता है.

हालांकि इसमें भी आप गलत तब पाए जाएंगे जब आप ऐसा काम करते हुए पकड़े जाए. (Moonlighting Kya hai) अगर आप किसी एग्रीमेंट में बंधे हुए हैं तो आपको Moonlighting नहीं करनी चाहिए, इससे आपकी जॉब जा सकती है.

क्या Moonlighting Legal है? (Is Moonlighting Legal in India?)

भारत में Moonlighting को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है. भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी व्यक्ति को एक से ज्यादा जगह पर काम करने से रोकता हो. हालांकि कंपनियां एग्रीमेंट (Moonlighting Kya hai) के जरिए इस पर रोक लगाती है ताकि कंपनी के कार्यों की गोपनीयता बनी रहे.

कई कंपनियों के Employment Agreement में दूसरी जगह काम नहीं करने का नियम होता हैलेकिन ये उनके काम की प्रकृति पर निर्भर करता है. मतलब यदि वे IT में काम कर रहे हैं और दूसरा काम वे किसी और सेक्टर का कर रहे हैं तो हो सकता है कोई आपत्ति न हो.

विप्रो चेयरमैन ने बताया धोखेबाजी

विप्रो के चेयरमैन अजीज प्रेमजी ने Moonlighting को लेकर आपत्ति जताई और इसे धोखेबाजी बताया. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि ‘टेक इंडस्ट्री में लोगों द्वारा अपनी कंपनी के काम के अलावा दूसरे काम भी करने को लेकर काफी चर्चा है. साफ है यह धोखेबाजी है.’

दूसरी ओर केन्द्रीय IT Minister राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसे दिन अब बीत चुके हैं जब कर्मचारी बड़ी IT कंपनियों में नौकरी पाने और उसी में जीवन बिताने का सपना देखते थे. आजकल लोग अपनी नियमित नौकरी के साथ ही स्वतंत्र कार्य भी करना चाहते हैं, जिसकी वजह से भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहा है.

कंपनियों के नजरिए से देखा जाए तो Moonlighting गलत है क्योंकि जब आप एक कंपनी में कार्य कर रहे हैं तो हो सकता है कि आप दूसरी जगह पर काम करने के साथ उस कंपनी के कार्यों की गोपनीयता का उल्लंघन कर दें. इस वजह से कंपनियां Moonlighting के खिलाफ हैं.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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