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Teach habits to Your Kids: जब कोई बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है तो माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वह उसे हर दिन समय पर स्कूल भेजें. ऐसे में बच्चे में ये आदतें डालने से ये काम आसान हो जाता है. जब कोई बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है तो वह चीजें जल्दी सीखता है. घर के माहौल के अलावा वह अपने साथियों और शिक्षकों की बातों को देखता है और उन्हें खुद पर लागू करने की कोशिश करता है. इस दौरान घर पर बच्चों में कुछ आदतें डालना जरूरी है. ये आदतें बच्चे के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इन आदतों के साथ-साथ बच्चे में अनुशासन भी बना रहता है, जिससे उसे स्कूल में भी मदद मिलती है.

कई बार बच्चों की ये आदतें भी देर से स्कूल पहुंचने का कारण बन जाती हैं. तो आइए जानते हैं कि बच्चों में ऐसी कौन सी आदतें विकसित की जा सकती हैं जो बच्चे के साथ-साथ मां के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं और बच्चा हर दिन समय पर स्कूल पहुंचता है.

जूतों को सही जगह पर रखें

बच्चे स्कूल से आते ही बहुत थक जाते हैं. ऐसे में उनकी मां इस बात पर ध्यान नहीं देतीं कि बच्चे ने अपने जूते कहां उतारे हैं. लेकिन स्कूल के पहले दिन से ही उन्हें यह आदत बना लें कि घर आने के बाद अपने जूते शू रैक या शू रैक पर रखें. मोज़े भी यथास्थान रखें. ताकि अगले दिन जूते-मोजे ढूंढने में समय बर्बाद न हो. यह आदत बच्चे के जीवन भर टिकेगी और उसका समय बचाने में मदद करेगी.

वर्दी को उचित स्थान पर रखें

स्कूल से आने के बाद यूनिफॉर्म को फेंक दिया जाता है, अगले दिन उस पर झुर्रियां पड़ जाती हैं या फिर वह और भी गंदी हो जाती है. – बच्चे को गंदी यूनिफॉर्म को तुरंत धोने वाली जगह पर डालना सिखाएं. या फिर पहनी हुई वर्दी को अगले दिन मोड़ लें या हैंगर में उचित स्थान पर रख दें. ताकि अगले दिन स्कूल जाते समय सारी चीजें आसानी से मिल जाएं और उसे स्कूल जाने में ज्यादा समय न लगे.

बैग से टिफिन निकालने की आदत

स्कूल से आने के बाद बच्चे को बैग से टिफिन और बोतल निकालने के लिए कहें. ताकि इसकी सफाई हो सके. अगर बैग में टिफिन अगले दिन तक ऐसे ही रखा रहेगा तो टिफिन का बचा हुआ खाना सड़ जाएगा और टिफिन से बदबू आने लगेगी. इसलिए बच्चों में यह आदत डालें कि जब वे घर आएं तो बैग से टिफिन और बोतल निकाल लें.

बैग को स्टडी टेबल पर रखें

हर घर में बच्चे के लिए एक छोटा सा कोना होता है. चाहे वो टेबल हो या कमरा. बच्चे को बैग और अन्य स्कूल और अध्ययन सामग्री एक ही स्थान पर रखने के लिए कहें. ताकि जब बच्चा पढ़ने बैठे तो उसे सभी चीजें एक जगह मिल जाएं और उसका मन पढ़ाई में लगे.

स्वच्छता पर दें ध्यान

कोरोना के समय बच्चे और बुजुर्ग लोग खूब हाथ धोते हैं. लेकिन ये आदत धीरे-धीरे ख़त्म होती जा रही है. लेकिन घर आने के बाद बच्चों को कपड़े बदलने के साथ-साथ हाथ-पैर और मुंह धोने की आदत भी डालनी चाहिए. इससे न सिर्फ बैक्टीरिया दूर रहेंगे, बल्कि बच्चा तरोताजा और कम थका हुआ महसूस करेगा.

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