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झन्नाटेदार कोल्डड्रिंक के बीच ‘खट्टा-मीठा रसना’ कैसे बना देश का सबसे पॉपुलर सॉफ्ट ड्रिंक?

rasna success story

‘रसना’ गर्मियों के दिनों में बच्चों के सबसे फेवरेट ड्रिंक होती है. जो लोग बड़े हो गए हैं वो भी कभी-कभी रसना पी ही लेते हैं. वैसे रसना से जुड़ी लोगों की कई खट्टी-मीठी यादें होती है लेकिन रसना की कहानी (Success Story of Rasna) कम ही लोग जानते हैं.

रसना कोई ड्रिंक नहीं है बल्कि भारतीयों के लिए ये एक ऐसा प्रोडक्ट है जो उनके इमोशन से जुड़ा है. बच्चों की पार्टी हो या गर्मी में किसी का बर्थडे सभी जगह पर रसना आज भी इस्तेमाल किया जाता है.

रसना की खास बात ये रही है कि आप इसे सिर्फ एक रुपये देकर खरीद सकते हैं और दो गिलास सॉफ्टड्रिंक बना सकते हैं. मतलब अमीर हो या गरीब कोई भी इसे खरीदकर गर्मी में ठंडक का एहसास पा सकता है.

कैसे शुरू हुआ रसना? (Story of Rasna)

भारत की सबसे पॉपुलर सॉफ्टड्रिंक कहलाने वाली रसना की शुरुआत होती है साल 1976 में. अहमदाबाद में खंबाटा परिवार ने एक रेडी टू सर्व सॉफ्ट ड्रिंक बनाया था. ये ऑरेंज फ्लेवर का था और इसका नाम इन्होंने ‘जाफ़े’ रखा था.

जाफे नाम एक ऐसा नाम था जिसे सुनकर कोई अंदाज नहीं लगा पाता कि ये क्या प्रोडक्ट है. कुछ ही सालों में इसे शुरू करने वाले अरीज खंबायता ये पाया कि लोग इसे ‘जाफ़े’ के नाम से पहचान नहीं पा रहे हैं.

साल 1979 में काफी रिसर्च के बाद जाफ़े का नाम बदलकर ‘रसना’ किया गया. रसना एक ऐसा नाम है जो हमारे कानों में आते ही एक ड्रिंक की कल्पना करता है. आज से पहले भी यदि आपने रसना का नाम नहीं सुना है तो भी आप ये अंदाज लगा पाएंगे कि ये एक ड्रिंक बनाने वाला पदार्थ है.

रसना कैसे पॉपुलर हुआ? (How Rasna Became a Popular Soft Drink?)

रसना की शुरुआत खंबाटा परिवार ने की. इनमें अरीज खंबाटा और उनके बेटे पिरुज खंबाटा का महत्वपूर्ण योगदान है. ये वो दो लोग हैं जो कंपनी को आगे लेकर गए हैं.

रसना वैसे तो एक सॉफ्टड्रिंक है लेकिन इसे इस तरह से बेचा गया है कि अमीर से गरीब तक हर व्यक्ति इसे खरीद पाए और इसका आनंद ले पाए. रसना का स्वाद भी ऐसा जो आपको हमेशा याद रहे और गर्मी में प्यास लगने पर अपने पास दोबारा बुलाए.

रसना वैसे तो कई कीमत के पैकेट में आता है लेकिन अधिकतर लोग सिर्फ 1 रुपये वाला पैकेट खरीदना पसंद करते हैं. यही रसना की सफ़लता का मूलमंत्र है
उन्होंने अपने प्रोडक्ट को हर व्यक्ति के लिए बनाया. एक बहुत गरीब व्यक्ति भी रसना खरीदकर पी सकता है.

रसना कैसे सफल हुआ? (How Rasna Become Successful Product?)

जाफ़े को रसना नाम दे देने से रसना इतना ज्यादा पॉपुलर नहीं है. रसना के पॉपुलर होने के पीछे एक खास कारण इसके विज्ञापन भी रहे हैं जो बच्चों-बच्चों की जुबान पर छा गए थे. रसना एड में आने वाली लाइन ‘I Love You Rasna’ हर बच्चे को याद हो गई थी.

रसना के विज्ञापन ने सभी का दिल जीता है. इसकी वजह से ही भारत के हर TV देखने वाले व्यक्ति को पता चला कि एक रुपये में भी कोई सॉफ्टड्रिंक बनाई जा सकती है. इसके अलावा रसना एक ऐसा प्रोडक्ट था जिसमें आपको किसी महंगी चीज को नहीं मिलाना पड़ता था. इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ शक्कर और ठंडे पानी की जरूरत होती थी जो हर घर में मौजूद होता था.

साल 1980 से रसना की ब्रांडिंग शुरू कर दी गई थी. इसकी पंच लाइन ‘आई लव यू रसना’ ठी और पहली रसना गर्ल अंकिता जावेरी थी. इनके बाद तरुणी सचदेवा बनी जिन्हें इस एड के बाद अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पा’ में काम करने का मौका मिला.1

1980 में रसना के कॉमर्शियल की पंच लाइन थी ‘आई लव यू रसना’ और पहली रसना गर्ल (मॉडल) थी अंकिता जवेरी जो आज दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री हैं।

इन दोनों के अलावा रसना के विज्ञापन में का पॉपुलर स्टार जैसे ऋतिक रोशन, अनुपम खेर, परेश रावल, कपिल देव, रिचड्र्स विवियन, जेनीलिया डिसूजा और वीरेंद्र सहवाग भी नजर आए.

रसना का बिजनेस (Business of Rasna)

रसना आज देश का सबसे पॉपुलर ब्रांड है. सॉफ्टड्रिंक के मामले में तो इसे कोई टक्कर ही नहीं दे पाया. कई ब्रांड आए और गए लेकिन रसना वहीं का वहीं टिका रहा. लोगों ने रसना के प्रति जो प्रेम दिखाया वो आज भी वही है जो शुरुआत में हुआ करता था.

झन्नाटेदार कोल्डड्रिंक के बीच खट्टे-मीठे रसना का अलग ही स्थान है. रसना अब 60 देशों में बेचा जाता है. सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट मार्केट में ब्रांड की वर्तमान बाजार हिस्सेदारी 80% के करीब है, इसके बाद मोंडेलेज इंडिया-मार्केटेड टैंग का स्थान है.

रसना दुनियाभर में पॉपुलर सॉफ्टड्रिंक है, इसने काफी अच्छा बिजनेस किया साथ ही अपनी प्रतिष्ठा को हमेशा बनाए रखा. इसका स्वाद जो पहले हुआ करता था वही आज भी बरकरार है.

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