Sun. Apr 28th, 2024

Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा की कहानी एवं पूजा विधि

sharad purnima 2021

हिन्दू धर्म में हर तिथि का खास महत्व होता है. एक खास तिथि अश्विन मास की पूर्णिमा है, जिसे हम सभी शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2021) के नाम से जानते हैं. यह तिथि धनदायक पूर्णिमा मानी जाती है.

इस दिन लोग व्रत करते हैं, माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं और खीर का प्रसाद वितरित करते हैं. शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है. इसे कोजागीरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

शरद पूर्णिमा की कथा (Sharad Purnima Story in Hindi)

शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करने के साथ-साथ शरद पूर्णिमा की कथा (Sharad Purnima Vrat katha) भी सुननी और पढ़नी चाहिए.

एक पौराणिक कथा के अनुसार एक साहूकार की दो पुत्रियाँ थीं. दोनों पुत्रियाँ पूर्णिमा का व्रत रखती थी. दोनों में से बड़ी पुत्री तो व्रत को पूरा करती थी लेकिन छोटी पुत्री व्रत अधूरा ही छोड़ देती थी.

इसका परिणाम यह हुआ कि छोटी पुत्री को जब भी कोई संतान होती थी तो वो पैदा होते ही मर जाती थी. उसने ब्राह्मणों से इसका कारण पूछा तो उन्होने कहा

हे पुत्री! तुम पूर्णिमा का व्रत अधूरा करती थी, जिस वजह से तुम्हारी संतान पैदा होते ही मर जाती है. अगर तुम विधिपूर्वक व्रत को पूर्ण करो तो तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है.

उसने ब्राह्मणों के सलाह मानते हुए पूर्णिमा का विधिपूर्वक व्रत पूर्ण किया. बाद में उसे एक लड़का पैदा हुआ. जो कुछ दिन बाद मर गया. उसने लकड़ी के एक पटिए पर उसे लेता दिया और कपड़े से ढक दिया.

इसके बाद उसने अपनी बड़ी बहन को बुलाया और बैठने के लिए वही पटिया दे दिया जिस पर उसने अपने बेटे को लिटाया था. बड़ी बहन जब उस पटिये पर बैठी और उसके वस्त्र उसके मृत बच्चे को छूए तो बच्चा जीवित हो उठा.

बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी. मेरे बैठने से यह मर जाता तो. तब छोटी बहन ने कहा

हे बहन! यह तो पहले से ही मृत था, तेरे भाग्य से यह जीवित हो गया. तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है.

तब जाकर छोटी बहन को पूर्णिमा व्रत के महत्व का पता चला. उसने सभी को शरद पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताया.

शरद पूर्णिमा व्रत विधि (Sharad Purnima Vidhi)

शरद पूर्णिमा के दिन (Sharad Purnima 2021)यदि विधि-विधान से पूजा और व्रत किए जाए तो यह अवश्य फलदायी होती है.

– इस दिन प्रातःकाल नदी में स्नान करना चाहिए. यदि नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.

– स्नान करने के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

– एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का स्वच्छ वस्त्र बिछाएँ और स्थान को गंगाजल से पवित्र करें.

– चौकी पर माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें और उन्हें लाल चुनरी पहनाए.

– इसके बाद उन्हें धूप, दीप, नैवेद्य, सुपारी आदि अर्पित करें.
– इसके बाद माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए पूजा करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.

– शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा करें, तुलसी पर घी का दीपक लगाएँ, चंद्रमा को अर्घ्य दें.

– चावल और दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें.

– कुछ घंटे रखने के बाद उस खीर का भगवान को भोग लगाएँ और प्रसाद के रूप में पूरे परिवार को खिलाएँ.

शरद पूर्णिमा खीर का महत्व (Sharad Purnima Kheer Importance)

शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर का प्रसाद बाटा जाता है. घरों में भी खीर बनाई जाती है. इस दिन दूध और चावल की खीर बनाकर रात्रि में कुछ घंटों के लिए उसे खुले आकाश के नीचे रखना चाहिए.

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की चाँदनी में अमृत की वर्षा होती है. जब आप खुले में खीर रखते हैं तो उसमें अमृत समा जाता है.

इस खीर को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है ताकि हर कोई अमृत का सेवन कर सके और रोगों और कष्टों से दूर रह सके.

शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Muhurat)

Sharad Purnima 2021 के शुभ मुहूर्त की बात करें तो साल 2021 में यह 19 अक्टूबर को शाम 7 बजे से प्रारम्भ होगी और 20 अक्टूबर रात्रि 8 बजकर 20 मिनिट पर समापन होगा.

यह भी पढ़ें :

Laxmi Chalisa Hindi: धन-धान्य की देवी हैं माँ लक्ष्मी, नियमित पढ़ें लक्ष्मी चालीसा

महालक्ष्मी धन प्राप्ति मंत्र: कर्ज दूर कर पैसे की तंगी खत्म करेगी मां लक्ष्मी की ये छोटी सी पूजा

Diwali Puja Vidhi : दिवाली पूजन विधि, लक्ष्मी जी की कैसी मूर्ति शुभ होती है?

By विजय काशिव

ज्योतिषी

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *