मोबाइल के जरिए बढ़ते हुए फ्रॉड करने की घटनाओं को लेकर अब कानून और प्रशासन सख्त कदम उठा रहे हैं। सिम कार्ड फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर नकेल कसने की तैयारी कर चुकी भारत सरकार अब जल्द ही सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन करवा रही है।
दरअसल, सरकार ने सिम कार्ड डीलरों से पुलिस वेरिफिकेशन (sim card dealers police verification) कराने का आदेश दिया है। जिन डीलरों से आप सिम कार्ड खरीद रहे हैं, उनका पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इसके बाद फर्जी सिम कार्ड विक्रेताओं रोक लगेगी और साथ ही अपराधों में कमी आएगी।
सिम कार्ड पुलिस वेरिफिकेशन व्यक्तिगत तौर पर नहीं बल्कि डीलर एंड पर होगा, जिस डीलर से आप सिम कार्ड खरीद रहे हैं, तो उस डीलर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा पुलिस वेरिफिकेशन
इस बारे में सरकारी की ओर से आधिकारिक बयान देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने बयान में कहा कि सरकार ने सिम कार्ड डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन्स कराना अनिवार्य कर दिया है।
इससे कोई फर्जी डीलर सिम कार्ड नहीं बेच पाएगा। ऐसे में सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के बनाए कानूनों का पालन न करने वालों के अब तक 52 लाख मोबाइल कनेक्शन रद्द कर दिए गए और 67,000 डीलरों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
कानून का सख्ती से पालन करता है हुए मई 2023 से अब तक सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
10 लाख जुर्माने का प्रावधान
सरकार की ओर से जारी बयान में यह भी साफ किया गया कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है यह गाइडलाइन को नहीं मानता है तो उस पर लगभग ₹10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजने तक का प्रावधान है।
सरकार की ओर से 10 लाख सिम डीलर्स को पुलिस वेरिफिकेशन हेतु समय दिया गया है। साथियों को बड़ा कदम उठाते हुए दूरसंचार विभाग की ओर से थोक कनेक्शन देने की प्रक्रिया को भी समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
थोक सिम कनेक्शन देने के बजाय अब कॉरपोरेट कनेक्शन और कॉरपोरेट केवाईसी की व्यवस्था रहेगी।